मछुआरों के विवाद व लाल चंदन जैसे मुद्दे उठाए गए
दक्षिण परिषद की अगली बैठक तमिलनाडु में होगीस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 19 September 2018 01:38:02 PM
बेंगलुरू। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बेंगलुरू में दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की 28वीं बैठक हुई, जिसमें दक्षिण क्षेत्रीय परिषद ने देश के दक्षिणी भाग में आई बाढ़ में जानमाल के नुकसान पर गहरा दुःख व्यक्त किया। परिषद को बताया गया कि केंद्र सरकार इस बारे में प्रभावित राज्यों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने में तीव्रगति से काम कर रही है। बैठक में कर्नाटक और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश के वित्तमंत्री, केरल के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, कर्नाटक के पर्यटन मंत्री, पुदुचेरी के स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल और केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मछुआरों की सुरक्षा, पर्यटन रेलगाड़ियों की शुरुआत, सभी पाठ्यक्रमों में छात्रवृत्ति के लिए एससी-एसटी की जनसंख्या के अनुपात में धनराशि का आवंटन, ग्रिड सुरक्षा को खतरे में डाले बिना उपलब्ध नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकतम इस्तेमाल और पुदुचेरी हवाईअड्डे के विकास से संबंधित सिफारिशों को लागू करने की दिशा में प्रगति की दक्षिण क्षेत्रीय परिषद ने समीक्षा की। बैठक में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मछुआरों के बीच पुलिकेट झील में मछली पकड़ने के अधिकार को लेकर विवाद, पवित्र शेषचालम पहाड़ियों में लाल चंदन की तस्करी का खतरा, चेन्नई को पेयजल के लिए कृष्णा नदी के जल की आपूर्ति, दक्षिणी क्षेत्र के तटीय राज्यों में मछली पकड़ने, दक्षिणी राज्यों की राज्य पुलिसबलों के आधुनिकीकरण की योजना, एलपीजी गोदाम के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करना, जैविक ईंधन कार्यक्रम से संबंधित 27 मसलों पर चर्चा हुई, जिनमें से 22 मामलों में समाधान निकाले गए।
दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की बैठक से पहले परिषद की स्थायी समिति की बैठक 28 नवंबर 2017 को बेंगलुरू में हुई थी, जिसमें सात मुद्दों- तिरुअनंतपुरम और मैंगलुरु से उडुपी तक उच्चगति के रेल गरियारे के विस्तार और भारत सरकार के पेशेवर कर की सीमा की समीक्षा, केंद्र सरकार के आवासन को इंफ्रास्ट्रक्चर स्थिति देना, पशुओं की अंतरराज्यीय आवाजाही, खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तिलहन को बढ़ावा देना, केंद्रीय वित्त आयोग में पुदुचेरी को समाहित करना और पुदुचेरी के मछुआरों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले सुलझाए गए थे। राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने और अंतरराज्य संबंधों को और मजबूत करने के लिए राज्य पुनर्गठन कानून 1956 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी और मध्य क्षेत्रीय परिषदों का गठन किया गया। इन परिषदों का काम आर्थिक एवं सामाजिक योजना के क्षेत्र में साझा हितों से जुड़े मुद्दों, सीमा विवादों, भाषाई अल्पसंख्यकों या अंतरराज्य परिवहन इत्यादि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और सिफारिश करना है। दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की अगली बैठक तमिलनाडु में आयोजित करने का फैसला लिया गया।