डीजीपी यूपी ने वर्चुअल क्लासरूम संवाद स्थापित किया
प्रशिक्षण की गुणवत्ता हेतु अच्छा प्लेटफार्म-ओपी सिंहस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 22 May 2018 01:05:46 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने वर्चुअल क्लास रूम प्रीलॉंच टेस्टिंग प्रजेंटेशन पर 9 प्रशिक्षण संस्थानों एवं 20 जनपदीय और पीएसी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर से सीधे टूवे कम्यूनिकेशन के माध्यम से संवाद स्थापित किया। पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय इंदिराभवन लखनऊ में आयोजित इस संवाद में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यह पहला अभिनव प्रयास है, जिसमें भविष्य में प्रशिक्षण की गुणवत्ता के साथ-साथ संख्यात्मक दृष्टिकोण से हज़ारों कर्मचारियों को एक ही प्लेटफार्म के जरिए एक अच्छे प्रशिक्षण अनुभव के साथ प्रशिक्षण दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा कदम है, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता में मूलभूत सुधार आएगा और इसमें जो उपकरण लगे हैं, वे आधुनिकीकरण के अंतर्गत स्वीकृत हुए हैं जिनका क्रय प्रशिक्षण एचक्यूआरएस स्थित क्रय समिति के माध्यम से जीईएम यानी सरकारी ई-मार्केट पोर्टल पर किया गया है।
वर्चुअल क्लास रूम में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ संजय एम तरडे ने वर्चुअल क्लास रूम का प्रस्तुतिकरण दिया। वर्चुअल क्लासरूम 9 प्रशिक्षण संस्थानों-मुरादाबाद में 3, सीतापुर में 3, मेरठ, उन्नाव, गोरखपुर, मिर्जापुर, 10 जनपदीय और 10 पीएसी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटरों पर कनेक्टेड थे। इस संवाद में क्रय समिति के अध्यक्ष डॉ संजय एम तरडे, पुलिस अधीक्षक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र उन्नाव सदस्य पंकज कुमार, पुलिस अधीक्षक पीटीसी सीतापुर शफीक अहमद, अपर पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण लखनऊ डॉ बीपी अशोक, पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मचारी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस कार्यक्रम को चलाने के लिए अभी और भी आवश्यकताएं सुनिश्चित की जा रही हैं, जिसके लिए बजट की आवश्यकता है, जिसमें बैंडविथ और कनेक्टिविटी तथा ट्रेनिंग कंटेंट विकास करने पर कार्य किया जाना है।
संवाद कार्यक्रम में बताया गया कि अभी तो मात्र 30 वर्चुअल क्लासरूम कनेक्टेड हैं, भविष्य में अन्य सभी जनपदीय और पीएसी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटरों का कनेक्शन किया जाना है। यह अभिनव प्रयास देश की किसी भी प्रदेश पुलिस के पास उपलब्ध नहीं है। उत्तर प्रदेश पुलिस में यह पहली बार और एक अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। इसमें क्रय समिति ने उपकरणों को क्रयकर स्टेट आफ आर्ट टेक्नालॉजी का इस्तेमाल करते हुए लगाए हैं और सारे उपकरण भारत सरकार की प्राथमिकता मेक इन इंडिया के तहत ग्लोबस इंफोकॉम लिमिटेड नोएडा ने निर्मित किए हैं।