'शिक्षा वंचितों की सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित करें'
नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय का 20वां दीक्षांत समारोहस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 4 November 2025 04:58:04 PM
नैनीताल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में पदक और उपाधि पाने वाले मेधावियों को बधाई दी और यह देखकर प्रसन्नता व्यक्त कीकि देश के अन्य क्षेत्रों की तरह इस विश्वविद्यालय में भी कुल विद्यार्थियों और पदक पाने वाले मेधावियों में बेटियों की संख्या अधिक है। राष्ट्रपति ने सभी छात्र-छात्राओं को जीवन में खूब प्रगति करने और राज्य तथा देश का गौरव बढ़ाने का आर्शीवाद दिया। उन्होंने कहाकि मेधावी स्नातकों के माता-पिता और अभिभावक भी बधाई के पात्र हैं, वे उनकी यात्रा में हर कदम पर साथ खड़े रहे हैं। राष्ट्रपति ने स्नातकों से कहाकि दीक्षांत समारोह औपचारिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा हो रहा है, लेकिन यह शिक्षा का अंत नहीं है, मेरा मानना हैकि आपको अपने भीतर के विद्यार्थी को हमेशा जीवित रखना चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि शिक्षा किसीभी राष्ट्र के विकास की नींव है, इसलिए शिक्षा को न केवल छात्रों की बुद्धि और कौशल का विकास करना चाहिए, बल्कि उनके नैतिक शक्ति और चरित्र को भी मजबूत करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि शिक्षा न केवल हमें आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि विनम्र रहना और समाज व देश के विकास में योगदान देना भी सिखाती है। उन्होंने छात्रों से आग्रह कियाकि वे अपनी शिक्षा वंचितों की सेवा और राष्ट्र निर्माण केलिए समर्पित करें। उन्होंने कहाकि यही सच्चा धर्म है, जो उन्हें खुशी और संतोष देगा। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ीसे बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और केंद्र व राज्य सरकारें निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने केलिए कई नीतिगत पहलें कर रही हैं, ये पहलें खासतौर पर युवाओं केलिए अनगिनत अवसर पैदा कर रही हैं। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उच्चशिक्षा संस्थानों को युवाओं को प्रोत्साहित करने केलिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिएं, ताकि वे इन अवसरों का लाभ उठा सकें। राष्ट्रपति ने कहाकि देश में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना जरूरी है और उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हैकि कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता केलिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि शिक्षा और अनुसंधान के सही उपयोग केलिए बहुविषयक दृष्टिकोण अत्यंत जरूरी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि विश्वविद्यालय इसी दृष्टिकोण केसाथ आगे बढ़ेगा। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हिमालय अपने जीवनदायिनी संसाधनों केलिए जाना जाता है, इन संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन की ज़िम्मेदारी सभी की है। उन्होंने कहाकि उन्हें खुशी हैकि कुमाऊं विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण केलिए सजग प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि एक शैक्षणिक संस्थान के रूपमें कुमाऊं विश्वविद्यालय की कुछ सामाजिक ज़िम्मेदारियां भी हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के संकाय और छात्रों से आग्रह कियाकि वे आसपास के गांवों का दौरा करें, ग्रामीणों की समस्याओं को देखें और समझें तथा उनके समाधान खोजने केलिए जो कुछभी संभव हो वह करें। उन्होंने कहाकि हमने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है, कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्रों जैसे युवाओं की इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि वे अपनी प्रतिभा और समर्पण के बल पर अपनी भूमिका को पूरा करेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति ने नैना देवी मंदिर में पूजा अर्चना की और नीम करोली बाबा आश्रम कैंची धाम में भी जाकर दर्शन किए।