'चैंबर ऑफ कॉमर्स की देश की आर्थिक व औद्योगिक प्रगति में बड़ी भूमिका'
भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के 125वें वर्षगांठ समारोह में बोले लोकसभा अध्यक्षस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 4 November 2025 03:56:08 PM
कोलकाता। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा हैकि भारत की मज़बूत और जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था से दुनिया आकर्षित है और भारत में निवेश करने केलिए तेज़ीसे इच्छुक हो रही है। भारत की उल्लेखनीय आर्थिक और तकनीकी प्रगति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर तेज़ीसे आगे बढ़ रहा है। ओम बिरला ने न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन को बढ़ावा देकर नौकरशाही बाधाओं को कम करके और औद्योगिक विस्तार को सक्षम बनाकर व्यापार अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। निजी क्षेत्र को अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ाने और वैश्विक मानकों के अनुरूप ढलने केलिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहाकि सरकार ऐसे प्रयासों को आगे बढ़ाएगी और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व की ओर भारत की प्रगति को और मज़बूत करेगी।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स के 125वें वर्षगांठ समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह का विषय ‘भारत@100: एक नए सवेरे का युग’ था। उन्होंने कहाकि सवा सौ साल पहले स्थापित इस चैम्बर ने देश की आर्थिक व औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, यह भारत की आर्थिक प्रगति और स्वतंत्रता की शताब्दी के करीब पहुंचते राष्ट्र की आकांक्षाओं को दर्शाता है। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स को देशभर के व्यावसायिक चैंबरों केलिए प्रेरणास्रोत बताते हुए ओम बिरला ने कहाकि एक समय मारवाड़ी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के नाम से जानेजाने वाले इस चैम्बर ने उद्योग, सेवा, तकनीक आदि विभिन्न क्षेत्रोंमें नए आयाम स्थापित किए हैं, इसीके साथ अपने सामाजिक उत्तरदायित्व से अन्य समूहों को प्रेरणा दी है। उन्होंने जनहित केप्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के अग्रणी प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रोंमें भारत का उल्लेखनीय परिवर्तन यहां तककि एक तेजीसे जटिल होते वैश्विक परिवेश में भी इसके व्यावसायिक समुदाय की दूरदर्शिता, लचीलेपन और उद्यमशीलता की भावना का प्रमाण है।
ओम बिरला ने कहाकि भारत में लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं है, बल्कि एक जीवनशैली है, जो देश के सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचार में गहराई से समाहित है। उन्होंने कहाकि देश की मज़बूत लोकतांत्रिक संस्थाएं नीतिगत निरंतरता सुनिश्चित करती हैं और निवेशकों का विश्वास बढ़ाती हैं,ये दोनों ही दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बनाए रखने केलिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहाकि जहां लोकतंत्र फलता-फूलता है, वहां मज़बूत और स्थिर शासन भी पनपता है, इससे ठोस नीतिगत निर्णय और प्रभावी कार्यांवयन संभव होता है। ओम बिरला ने नवाचार और अनुसंधान के एक वैश्विक केंद्र के रूपमें देश के उभरने पर कहाकि प्रौद्योगिकी और अनुसंधान तथा विकास में मज़बूत सार्वजनिक व निजी सहयोग देश को अत्याधुनिक उद्योगों में नेतृत्व की ओर अग्रसर कर रहा है। उन्होंने यह भी जिक्र कियाकि कार्यबल में जैसे-जैसे महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, वैसे ही भारत आगे बढ़ा है, विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने नवाचार, रचनात्मकता और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने, ऊर्जा और दूरदर्शिता केसाथ राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में युवाओं और उद्यमियों के योगदान को भी रेखांकित किया।
स्पीकर ओम बिरला ने कहाकि निश्चय ही आनेवाले समय में भारत समावेशी विकास की दिशा में नए मानक स्थापित करेगा, विश्व समुदाय को राह दिखाएगा और 2047 तक हमारे सामूहिक प्रयत्नों से विकसित एवं आत्मनिर्भर भारत साकार होगा। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए एक लचीली और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के निर्माण केलिए उद्योग, सरकार और शिक्षा जगत केबीच घनिष्ठ सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि भारत स्वच्छ और हरित ऊर्जा का वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और विश्वास व्यक्त कियाकि आनेवाले वर्षों में यह देश पर्यावरणीय और जलवायु चुनौतियों से निपटने में दुनिया का नेतृत्व करेगा। देश की प्रगति में पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक और निरंतर योगदान को स्वीकार करते हुए ओम बिरला ने कहाकि यह राज्य लंबे समय से बौद्धिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक उत्कृष्टता का केंद्र है। उन्होंने कहाकि बंगाल ने प्रख्यात विचारकों, कवियों, सुधारकों और औद्योगिक अग्रदूतों को जन्म दिया है और यह स्वतंत्रता आंदोलन के केंद्र में रहा है। उन्होंने कहाकि राज्य की नवाचार, रचनात्मकता और उद्यमशीलता की स्थायी भावना राष्ट्र को प्रेरित करती रहती है। इस अवसर पर भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स कोलकाता से जुड़े प्रतिष्ठित उद्योगपति, व्यापारिक संगठन और उद्यमी बड़ी संख्या में मौजूद थे।