विशेषज्ञों ने योग, आहार, जीवनशैली पर साझा किए बहुमूल्य सुझाव
एमडीएनआईवाई दिल्ली और एनआईए जयपुर का संयुक्त आयोजनस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 30 July 2024 11:50:32 AM
नई दिल्ली। योग और आहार के महत्व पर मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) नई दिल्ली और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) के आयोजित विशेष व्याख्यान में विशेषज्ञों ने योग और आहार के महत्व पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक सुझाव साझा किए। एनआईए जयपुर में प्रोफेसर रहे एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा के विशेषज्ञ सम्मानित वैद्य प्रोफेसर कमलेश कुमार शर्मा ने व्याख्यान में छांदोग्य उपनिषद का उल्लेख करते हुए कहाकि अन्न साक्षात ईश्वर है, यह ईंधन है, लेकिन अन्न को लेकर हमारी दृष्टि भी महत्वपूर्ण है, जब आहार संतुलित तरीके से ग्रहण किया जाता है और आहार के लक्ष्य पूरे होते हैं तभी योग पूरा होता है।
वैद्य प्रोफेसर कमलेश कुमार शर्मा ने आहार से संबंधित महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे-कब भोजन करना है, भोजन में क्या लेना है, कितना खाना है और किस प्रकार खाना है, के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने कहाकि तीनबार भोजन का आहार हमारे शरीर केलिए बेहद लाभदायक है, पहला भोजन सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे केबीच, दूसरा भोजन शाम शुरू होने से पहले और रात का भोजन रात के शुरुआती घंटों में होना चाहिए। प्रोफेसर कमलेश कुमार शर्मा ने योगाभ्यास के लाभों को बढ़ावा देने में संतुलित आहार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालाकि उचित पोषण शरीर के संतुलन को बनाए रखने और योगासन की प्रभावशीलता को अधिकतम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ काशीनाथ समागंडी भी व्याख्यान में उपस्थित थे। उन्होंने आहार के महत्व पर जोर देते हुए कहाकि भागवद्गीता के अनुसार हमें योगासन केसाथ-साथ सभीको अपने आहार और जीवनशैली पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आहार ही जीवित रहने का प्रमुख कारक है। डॉ काशीनाथ समागंडी ने कहाकि जब हम आचार-विचार और आहार-विहार का ध्यान रखते हैं तो हम योगासन, प्राणायाम और योग निद्रा जैसी योग क्रियाओं के माध्यम से योग के लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। इस दौरान योग चिकित्सकों और विद्यार्थियों सहित प्रतिभागी एक सार्थक सत्र में शामिल हुए, जहां विशेषज्ञों ने साझा कीगई मूल्यवान अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक युक्तियों की सराहना की।