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राष्ट्रपति की सीरिया यात्रा से जीवित हुए रिश्ते

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दमिश्क में प्रतिभा पाटिल-pratibha patil in damascus

नई दिल्ली/दमिश्क।भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल की सीरिया यात्रा कई अर्थों में सफल मानी जा रही है। यूएई और सीरिया ने भारत की सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट का समर्थन किया और कई महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौतो पर हस्ताक्षर भी हुए। सीरिया और भारत के बीच संयुक्त व्यापार परिषद गठित की गई। राष्ट्रपति कासीरिया यात्रा के दौरान दुनिया के प्राचीनतम नगर दमिश्क में जोरदार स्वागत हुआ। सीरिया में मौजूद भारतीय समुदाय को उन्होंने संबोधित किया और उसके बीच रहकर कुछ समय बिताया।सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद ने प्रतिभा पाटिल के साथ अपनी मुलाकात में भारतीय कंपनियों से ऊर्जा और हाईड्रोकार्बन क्षेत्रों में बड़ा भागीदार बनने का आह्वान किया।

नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्य प्रो भीमसिंह ने राष्ट्रपति की इस पहल का हार्दिक स्वागत किया जिसमें उन्होंने सीरिया के साथ भारत के पुराने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्तर के सम्बंधों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है। अरब दुनिया के साथ भारत के गहरे सम्बंध नेहरू-नासिर काल में विकसित हुए थे मगर गुजरते समय के साथ वे मंद पड़ते जा रहे थे।

भारत ऐसा पहला गैर मुस्लिम देश था, जिसने इन्दिरा गांधी के जमाने के प्रधानमंत्रित्वकाल में फिलस्तीन को राजनयिक स्तर पर मान्यता प्रदान की और फिलस्तीन मुक्ति संघर्ष के अध्यक्ष यासिर अराफात को एक राज्य के प्रमुख के रूप में मान्यता भी दी। मिस्र, इराक, सीरिया, जोर्डन और अन्य अरब मुल्कों के साथ तो भारत के सम्बंध बने रहे, लेकिन राजीव गांधी के बाद अनेक कारणों से इन सम्बंधों में कमी आती गई। इराक पर एंग्लो-अमेरिकन हमले और यासिर अराफात के निधन के बाद से भारत और अरब दुनिया के सम्बंध ठंडे पड़ते चले गये।

अरब दुनिया के देश, सदियों से हिन्दुस्तान के दोस्त रहे हैं। भारत की राष्ट्रपति पहली महिला राष्ट्रपति हैं, जो सीरिया का दौरा कर रही हैं और उनकी इस अतुलनीय पहल से अल-शाम के साथ सम्बंधों का पुनर्निर्माण हो रहा है जो कि सीरिया की एक प्राचीनतम सभ्यता है। भारत की राष्ट्रपति का इजराइली कब्जे वाले गोलान व्हाईट्स के अधिकृत क्षेत्रों को मुक्त कराने के वक्तव्य का अरब दुनिया में स्वागत किया गया है और अरब बुद्धिजीवियों ने भी इसकी सराहना की है। एहसास किया जा रहा है कि भारत और सीरिया के बीच प्राचीन भावनात्मक सम्बंध एक बार फिर पुनर्जीवित हो उठे हैं। राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल की इस यात्रा की जितनी सराहना की जाए उतनी कम होगी। विश्व की महानतम लोकशाही की तरफ से उनका प्रतिनिधित्व बहुत प्रभावशाली माना जा रहा है।

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