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ट्रेन यात्रियों के लिए एचआईवी जागरूकता सेवा

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लखनऊ। एनईआर रेलवे स्टेशन पर मण्डलीय रेल प्रबन्धक एके सिंह ने 'माइग्रेन्ट संवेदीकरण परियोजना' का शुभारम्भ करते हुए कहा है कि अन्य प्रदेशों में काम की तलाश में जाने वाले ट्रेन यात्रियों को एचआईवी एड्स के सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए रेलवे हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगा और इससे सम्बन्धित उपलब्ध सेवाओं के बारे में जानकारी भी उपलब्ध करायेगा।
परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि लोग उत्तर प्रदेश से और खासतौर से पूर्वांचल क्षेत्र से रोजी-रोटी की तलाश में घर परिवार छोड़ कर मुम्बई, सूरत, दिल्ली आदि शहरों में जाते हैं। कुछ अन्तराल के बाद घर वापस आने पर पुनः दूसरे प्रदेश में चले जाते हैं। इस प्रक्रिया को माइग्रेसन कहते हैं। कभी-कभी विस्थापन के दौरान व्यक्ति जानकारी के अभाव में एचआईवी से संक्रमित हो सकता है और घर लौटने के बाद परिवार को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस तरह के विस्थापितों को एचआईवी एड्स के प्रसार, बचाव, एड्स और यौनरोग से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध करायी जानी आवश्यक है इसलिए इससे सम्बन्धित स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के मार्गदर्शन और उप्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी 'माइग्रेन्ट संवेदीकरण परियोजना' का संचालन कर रही है।
एड्स नियंत्रण सोसाइटी की अपर निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव ने भी बताया कि माईग्रेन्ट संवेदीकरण परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश से दूसरे प्रदेशों में काम-धन्धे की तलाश में विस्थापित होने वाले लोगों को एचआईवी/एड्स, एचटीआई ट्रीटमेन्ट एवं कण्डोम प्रमोशन आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करना है, जिससे एचआईवी के संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमण का प्रसार उत्तर प्रदेश के सामान्य जनसाधारण में अन्य माध्यमों के साथ-साथ विस्थापितों के माध्यम से भी हो रहा है। इसको रोकने के लिए एड्स नियंत्रण सोसाइटी ने रेलवे के सहयोग से 'माइग्रेन्ट संवेदीकरण परियोजना' शुरूआत की है। परियोजना 20 अक्टूबर 2010 से रेलवे स्टेशन चारबाग, वाराणसी कैन्ट रेलवे स्टेशन पर शुरू की जा चुकी है। उनका कहना है कि पलायन करने वाले श्रमिकों के माध्यम से जन समुदाय एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी यह बीमारी फैल रही है। बीमारी का कोई टीका और इलाज भी आज तक विकसित नहीं हुआ है, इसलिए एचआईवी एड्स के बारे में जानकारी और सावधानी ही एक मात्र विकल्प है। इस अवसर पर सोसाइटी के अधिकारी, यूनिसेफ के डॉ के भूयन, एडीआरएम रेलवे एके दादरिया, सीनियर डीसीएम राधेश्याम, सीएमएस डॉ किरन मिश्रा और स्टेशन मैनेजर गिरधारी सिंह उपस्थित थे।

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