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अमरीका के तीन लाख लोगों को प्रवासी दर्जा

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नई दिल्ली। भारत के 1,20,000 से अधिक नए प्रवासी नागरिकों के साथ अमरीका में भारत के प्रवासी नागरिकों की संख्या लगभग तीन लाख हो चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों को तीन वर्ष से भी कम समय में यह दर्जा प्रदान किया गया है। भारत के प्रवासी नागरिकों को भारत में बिना वीजा के ही जीवनपर्यंत यात्रा करने और खास आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।
प्रवासी नागरिकता पाने वाले लोगों की सही संख्या 31 जुलाई, 2008 तक 2,85,611 है। इनमें से 1,20,000 से अधिक प्रवासी नागरिक अमरीका से हैं। ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया और श्रीलंका उन कुछ अन्य देशों में शामिल हैं, जहां भारत की प्रवासी नागरिकता प्रदान की गई है। विशेषकर उत्तरी अमरीका और पश्चिमी देशों के प्रवासी नागरिकों की ओर से दोहरी नागरिकता की दीर्घकालिक और निरंतर मांग को ध्यान में रखते हुए 2 दिसंबर 2005 से यह योजना लागू की गई है।
प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने मुंबई में प्रवासी भारतीय दिवस, 2005 की घोषणा की थी कि भारतीय मूल के उन सभी लोगों को भारत की प्रवासी नागरिकता प्रदान की जाएगी, जहां स्थानीय कानून दोहरी नागरिकता की अनुमति देता है।

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