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इंटरनेट ने प्रिंट मीडिया के लिए खड़ी की बड़ी चुनौती

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लैपटप‌

नयी दिल्ली। ब्राडबैंड का पंख लगाकर तेज गति से उड़ान भर रहे इंटरनेट ने प्रिंट व आडियो-विजुअल मीडिया के लिए भारी चुनौती खड़ी कर दी है। पारंपरिक मीडिया के सामने जन सामान्य को समाचार प्रेषण और विज्ञापन के क्षेत्र में बदलाव की इस बयार से निपटने के लिए सामंजस्य स्थापित करने की चुनौती आ गई है। वह समय बहुत करीब है कि जब लोगों के हाथ में इंटरनेट से लैस ऐसे मोबाइल फोन होंगे जिनसे पूरी दुनिया एक क्लिक भरसे आपके सामने होगी। इसका नुकसान प्रिंट मीडिया के विज्ञापन व्यवसाय को ज्यादा हो सकता है। इंटरनेट की तेजी से मांग बढ़ने पर भारत में कई संचार कंपनियां अपनी लाइनों के विस्तार में दिन-रात लगी हुई हैं।
desktopयूरोपीय संघ में सूचना विभाग की कमिश्नर विवियन रेडिंग ने हाल ही में आईएनएस की परिचर्चा ‘प्रिंट मीडिया इन ब्राडबैंड इकोनोमी’ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत में इंटरनेट मीडिया अब प्रिंट और आडियो-विजुअल मीडिया के सामने चुनौतियों के साथ खड़ा हो रहा है भले ही भारत में इसकी चुनौती का स्वरूप यूरोप की तरह नहीं है। यूरोप में तो इंटरनेट मीडिया तेजी से छाता जा रहा है जिससे भारतीय उपमहाद्वीप में भी खलबली है। यहां भी बहुत कम समय में पोर्टलों और ब्लॉगों का आना शुरू हो गया है। ब्राडबैंड के जरिये इंटरनेट के सूचना क्षेत्र में तेजी से बढ़ते इस प्रयोग को देखते हुए यहां भी पारंपरिक मीडिया को बदलाव के लिए अभी से कमर कस लेनी चाहिए।
cameraविवियन रेडिंग ने जानकारी दी कि यूरोप में नेट का फैलाव 40 से50 फीसदी तक पहुंच चुका है जबकि भारत में अभी कुछ समय पहले तक यह फैलाव 0.9 प्रतिशत तक था जो तेजी से बढ़कर 20 प्रतिशत के करीब पहुंच गया हैजोकि एक बहुत बड़ी बात है और इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंटरनेट मीडिया भारत और बाकी पूरी दुनिया में कितनी तेजी से बढ़ रहा है। जहां तक उत्पादों की नेट मार्केटिंग की बात है तो इसमें भी बड़ी बहुराष्ट्रीय उत्पाद कंपनियां नेट के लिए अपना विज्ञापन बजट बढ़ा रही हैं और इसका सीधा असर प्रिंट और आडियो-विजुअल मीडिया के विज्ञापन व्यवसाय पर पड़ना लाजिमी है।
परिचर्चा में मीडिया विशेषज्ञों का कहना था कि तीसरी पीढ़ी की विकसित तकनीक पर काम कर रहे (3 जी) मोबाइल फोन पर नेट सुविधा की मौजूदगी ने मामले की संजीदगी को और भी बढ़ा दिया है। अपनी उंगली के इशारे पर वेबसाइट पर तेजी से खुलती परतों के जरिये ही उन्हें बहुत कुछ जानने की जिज्ञासा पूरी हो जाती है। इस तरह से नेट का उपयोग करने वालों की तादाद में बेहिसाब बढ़ोतरी होने से विज्ञापन भी वेबसाइट पर ही बढ़ रहे हैं। तेज दौड़ती जिंदगी में अब टीवी के सामने बैठकर विभिन्न चैनल देखने का किसी के पास समय नहीं है। अखबार भी बाथरूम के समय तक सिमटते जा रहे हैं। आदमी दुनिया की अद्यतन सूचनाओं और बाजार से तुरंत अपडेट होना चाहता है जिसकी जरूरत इंटरनेट मीडिया पूरी कर रहा है।

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