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हरियाणा में बढ़ा अंतरजातीय विवाह का ग्राफ

डा एलसी वालिया

चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश में युवाओं का रूझान अंतरजातीय विवाहों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। शिक्षित वर्ग के युवा ही नहीं बल्कि अर्द्धशिक्षित व अनपढ़ युवक भी समाज में प्रचलित परंपरागत शादी की बजाय अंतरजातीय विवाह की ओर अग्रसर हो रहे हैं जिससे प्रदेश में होने वाले अंतरजातीय विवाहों की संख्या में भी विगत कुछ वर्षों से तेजी से वृद्धि हो रही है।

स्वर्ण जाति के युवक, दलित लड़कियों से विवाह कर रहें है परंतु ये युवक सरकार की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के लिए आगे नहीं आ रहें हैं। प्रदेश सरकार का कल्याण विभाग 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देता है, परंतु अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपति यह राशि सरकार से प्राप्त करने के लिए आवेदन ही नहीं करते हैं। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 2001-02 में अंतरजातीय विवाह करने वालों की संख्या 13 थी जो साल दर साल बढ़ते हुए 2005-06 में 42 व 2006-07 में 50 का आंकड़ा पार कर गई है।

कुछ अंतरजातीय व सजातीय विवाहों पर समय-समय पर आपत्तियां भी होती रही हैं और विवाह, विवाद पंचायतों के समक्ष भी रखे गए हैं, लेकिन पंचायत के निर्णय के विरुद्ध अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपत्तियों के अदालतों की शरण में जाने से और उन्हें सरकारी संरक्षण मिल पाने से पंचायतों के फैसले बेमानी साबित हो रहे हैं। एसे में पंचायतों को कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ता है जिससे पंचायते प्रायः मौन रहना ही पसंद करती हैं।


पहचान पत्र नहीं तो वोट नहीं
 

चंडीगढ़। हरियाणा निर्वाचन विभाग ने प्रदेश में मतदाता पहचान पत्र न बनवाने वाले मतदाताओं को वोट से वंचित करने का निर्णय लिया है। पहचान पत्र नहीं तो वोट नहीं का नारा देते हुए निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन मतदाताओं ने अनेक अवसर प्रदान करने के बाद भी मतदाता पहचान-पत्र नहीं बनवाए हैं उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे।
इस प्रकिया के तहत कार्रवाई भी शुरू की गई है और अब तक हजारों मतदाताओं का नाम सूची से काट दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर राजनीति क्षेत्रों में सवाल उठ रहा है कि क्या पहचान पत्र न बनवाने वाले लोग प्रदेश के नागरिक व मतदाता नहीं हो सकते? लेकिन दूसरी तरफ उन लोगों पर जागरूक समाज की उंगलियां उठ रही हैं जिन्होंने अपने पहचान पत्र नहीं बनवाए हैं।

इनके बारे में कहा जा रहा है कि जब वे अपने ही मतदाता पहचान पत्र नहीं बनवा सकते तो दूसरों को सामाजिक और राजनीतिक जवाबदेही की प्रेरणा कैसे दे सकते हैं? मतदाता होना और मत का प्रयोग करना देश प्रदेश और गांव के प्रति निष्ठावान होना और एक जिम्मेदार नागरिक होने का प्रमाण माना जाता है।

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