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भारत-अमरीका में द्विपक्षीय व्यापार बैठक

दोनों देशों ने दर्ज की व्‍यापार में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि

आठ व दस मई को होंगी बिजनेस टू बिजनेस बैठकें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 7 May 2019 01:57:56 PM

u.s. commerce minister wilbur ross and suresh prabhu

नई दिल्ली। भारत और अमरीका के बीच नई दिल्‍ली में द्विपक्षीय व्यापार बैठक हुई, जिसकी सहअध्‍यक्षता भारत सरकार में वाणिज्‍य एवं उद्योग तथा नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु और अमरीका के वाणिज्‍य मंत्री विल्‍बर रॉस ने की। सुरेश प्रभु और विल्‍बर रॉस ने व्‍यापार एवं वाणिज्‍य के क्षेत्र में भारत और अमरीका के बीच मजबूत, सुदृढ़ और प्रगाढ़ होते आपसी संबंधों की सराहना की। दोनों ने वर्ष 2018 के दौरान वस्‍तु एवं सेवा क्षेत्र में आपसी व्‍यापार में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज किए जाने पर संतोष व्‍यक्‍त किया। वर्ष 2017 में हुए 126 बिलियन डॉलर के व्‍यापार की तुलना में वर्ष 2018 में 142 बिलियन डॉलर का व्‍यापार हुआ।
भारत ने दिल्ली में आयोजित अमरीकी ट्रेड विंड्स इंडो-पेसेफिक बिजनेस फोरम और मिशन इनिशिएटिव 2019 की सराहना की। यह फोरम वितरकों, प्रतिनिधियों और साझेदारों को एक साथ लाएगा और उन्‍हें 8-10 मई 2019 के दौरान भारतभर में होनेवाली बिजनेस टू बिजनेस बैठकों में भागीदारी के जरिए बिक्री में वृद्धि करने में समर्थ बनाएगा। सुरेश प्रभु और विल्‍बर रॉस ने निजी क्षेत्र की अगुवाई वाले अमरीका-भारत एसएमई फोरम की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच अपने किस्‍म का पहला आयोजन है, इससे विनिर्माण और सेवा क्षेत्र से संबंधित भारत-अमरीका के लघु एवं मझौले उद्योगों के बीच सहयोग और साझेदारी का एक मजबूत मार्ग प्रशस्‍त होगा।
भारत और अमरीका के वाणिज्‍य मंत्रियों ने व्‍यापार से संबंधित विविध लंबित मामलों पर विचार-विमर्श किया। दोनों ने लंबित मामलों के ऐसे उपयुक्‍त समाधान तलाशने के लिए विभिन्‍न स्‍तरों पर निरंतर बातचीत करने पर सहमति प्रकट की, जो परस्‍पर लाभकारी तथा दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ाने देने वाले हों। दोनों ने सरकार, कारोबारियों तथा उद्यमियों के बीच व्‍यापक सहयोग सुनिश्चित करते हुए आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय व्‍यापार बढ़ाने पर सहमति प्रकट की। गौरतलब है कि भारत और अमरीका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, इनमें काफी समानताएं भी हैं। भारत और अमरीका के बीच अत्यधिक तेजीसे आर्थिक सहयोग बढ़ है और आनेवाले वर्ष में और अधिक बढ़ने की संभावना भी है। इसी प्रकार दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

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