स्वतंत्र आवाज़
word map

अंगदान के नेक काम में सहयोग दें-उपराष्‍ट्रपति

दिल्ली में यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान का दीक्षांत समारोह

उपराष्‍ट्रपति ने युवाओं को इन्स्टन्ट फूड खाने पर दी चेतावनी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 14 February 2019 04:57:31 PM

vice president m. venkaiah naidu addressing

नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गैर-संचारी रोगों की बढ़ती हुई घटनाओं पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए चिकित्‍सा बिरादरी का स्‍वस्‍थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए आगे आने का आह्वान किया। वेंकैया नायडू ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्‍य भी यही चाहते हैं कि अपने आसपास के क्षेत्रों में स्थित स्‍कूलों में जाकर इन बीमारियों की रोकथाम का अभियान चलाया जाए और बच्‍चों को आधुनिक जीवनशैली के स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ने वाले खतरों के बारे में शिक्षित किया जाए। उपराष्‍ट्रपति ने यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर कहा कि गैर-संचारी बीमारियों के बारे में राष्‍ट्रव्‍यापी अभियान की शुरुआत करके इस खतरनाक प्रवृति को रोकने की जरूरत है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि सभी प्रकार की मृत्‍यु में 63 प्रतिशत मौत एनएसडी के कारण होती हैं, यानी मधुमेह, दिल की बीमारियों, कैंसर, सांस की पुरानी बीमारियों की बढ़ती हुई प्रवृति को रोके जाने की जरूरत है।
स्‍वस्‍थ आहार की आदत को अपनाने का आह्वान करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने युवाओं को बना बनाया भोजन यानी इन्स्टन्ट फूड खाने के बारे में चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे भोजन का अर्थ है-निरंतर रोग। उन्होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य पर योग के चमत्‍कारी प्रभाव को देखते हुए स्‍कूलों में योग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग और ध्‍यान न केवल शारीरिक फिटनेस सुधारने में मदद करेंगे, बल्कि मानसिक संतुलन को भी सुनिश्चित करेंगे, जो युवाओं में बढ़ रहे तनाव को ध्‍यान में रखते हुए समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल का सबसे मुख्‍य पहलू इसे ग़रीब से ग़रीब लोगों के लिए सुलभ और सस्‍ता बनाना है। वेंकैया नायडू ने सड़क दुर्घटना के सभी पीड़ितों को मुफ्त गहन चिकित्‍सा उपलब्‍ध कराने के साथ-साथ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रत्‍यारोपण की सुविधाएं वि‍कसित करने का भी सुझाव दिया। उन्‍होंने कहा कि आईसीयू सुविधा को सरकारी सहायता और वैश्विक बीमा से किफायती बनाया जाना चाहिए।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि अंगदान के मामले में भारत पश्चिमी देशों से बहुत पीछे है, क्‍योंकि राष्‍ट्रीय स्‍तरपर एक मजबूत शवदान कार्यक्रम की कमी है। उन्‍होंने सरकार से शवदान कार्यक्रम को बढ़ावा देने का आग्रह किया और यह इच्‍छा जाहिर की कि लोगों को अंगदान के नेक काम में सहयोग देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश लोगों के वहन किए जा रहे भारी भरकम स्‍वास्‍थ्‍य खर्च से निपटने की जरुरत है, क्‍योंकि भारी खर्च लागत ने अनेक परिवारों को ऋण के गर्त में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि देश में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल सुविधाओं में शहरी और ग्रामीण विभाजन को पाटने के लिए युद्धस्‍तर पर उपाय शुरु किए जाएं। उन्‍होंने आईएलडीएस की टीम को संस्‍थान की स्‍थापना से लेकर अबतक 550 से भी अधिक यकृत प्रत्‍यारोपण करने के लिए बधाई देते हुए कई नवीन शिक्षण कार्यक्रमों को शुरू करने के लिए संस्‍थान की सराहना की। इस अवसर पर दिल्‍ली सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री सत्‍येंद्र जैन, दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव विजय कुमार देव, आईएलबीएस के निदेशक एसके सरीन और संस्‍थान के शिक्षक और छात्र भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]