स्वतंत्र आवाज़
word map

असंगठित क्षेत्र में प्रधानमंत्री सुरक्षा योजनाएं

भारत में अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन के शताब्‍दी समारोह

'पेशे के भविष्‍य' पर सरकार में गहन अध्‍ययन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 9 February 2019 01:34:32 PM

santosh kumar gangwar inauguration of the centenary celebration of international labour organisation

गौतमबुद्धनगर (नोएडा)। केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्‍यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने नोएडा में वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान में भारत में अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम संगठन के शताब्‍दी समारोह का उद्घाटन किया। संतोष कुमार गंगवार ने ‘पेशे का भविष्‍य’ पर राष्‍ट्रीय हितधारक परामर्श के दौरान देश में आईएलओ के शताब्‍दी समारोह के शुभारंभ पर श्रमिक संगठनों एवं नियोक्‍ता संगठनों के प्रतिनिधियों और कामगारों का स्‍वागत किया। उन्होंने कहा कि आईएलओ दरअसल संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन की एक अनूठी एजेंसी है, जिसका स्‍वरूप त्रिपक्षीय है और जो सरकार, नियोक्‍ताओं एवं कामगारों के बीच सहयोग के सिद्धांत पर कार्य करता है। उन्‍होंने कहा कि आईएलओ की स्‍थापना वर्ष 1919 में हुई थी और इसका संस्‍थापक सदस्‍य होने के नाते भारत ने इस संगठन के प्रत्‍येक क्षेत्र में सदैव सक्रिय भूमिका निभाई है।
संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि भारत ने पूरी शताब्‍दी के दौरान आईएलओ के 189 समझौतों में से 47 समझौतों का अनुमोदन किया है। उन्‍होंने कहा कि हमने आठ प्रमुख समझौतों में से 6 समझौतों का अनुमोदन किया है। इसी तरह बाल श्रम से संबंधित दो समझौतों सी-138 और सी-182 का अनुमोदन वर्तमान सरकार ने किया है। श्रम एवं रोज़गार राज्‍यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार कामगारों के कल्‍याण एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए पूरी लगन के साथ काम कर रही है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्‍साहन योजना से लगभग 1.5 करोड़ कर्मचारी लाभांवित हुए हैं और हमने अबतक लगभग 3648 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हाल ही में पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों जैसेकि रिक्‍शा चालकों, छोटे दुकानदारों, कृषि एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक मेगा पेंशन योजना का प्रावधान किया है। संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि अब असंगठित क्षेत्र के लगभग 3 करोड़ कामगार प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से लाभांवित हो रहे हैं, जो कामगारों के लिए नि:शुल्‍क है। उन्‍होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी, स्‍वचालन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के वर्तमान परिदृश्‍य में नौकरियां गंवाने की आशंका महसूस की गई है।
पेशे के भविष्‍य पर वैश्विक आयोग ने सभी पहलुओं का अध्‍ययन किया है और उपयोगी सिफारिशें पेश की हैं। उन्‍होंने कहा कि हमारे देश के विशेष संदर्भ में ‘पेशे का भविष्‍य’ पर पेश की गई रिपोर्ट पर सभी हितधारकों ने विचार-विमर्श किया। वीवी गिरि राष्‍ट्रीय श्रम संस्‍थान के चार प्रकाशनों का विमोचन भी समारोह के दौरान किया गया। डगमर वाल्टर निदेशक आईएलओ, दक्षिण एशिया के लिए डीडब्ल्यूटी और भारत के लिए कंट्री ऑफिस ने पैनल परिचर्चा की अध्‍यक्षता की। श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार सिबानी स्‍वेन और मंत्रालय में अपर सचिव अनुराधा प्रसाद ने भी इन चर्चाओं में भाग लिया। ‘पेशे के भविष्‍य पर वैश्विक आयोग’ के सदस्‍य डॉ ए दीदार सिंह ने पेशे के भविष्‍य पर आईएलओ के वैश्विक आयोग की प्रस्‍तुति दी। वीवी गिरि राष्‍ट्रीय श्रम संस्‍थान के महानिदेशक डॉ एच श्रीनिवास ने अतिथियों का स्‍वागत किया और परामर्श से जुड़ी जानकारियां दीं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]