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रेलवे सुरक्षा पर अखिल भारतीय सम्मेलन

गृहमंत्री ने की रेलवे सुरक्षा तंत्र की तैयारियों की समीक्षा

नियमित गस्त तलाशी व आपात स्थिति पर रखें नज़र

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 17 January 2019 02:58:05 PM

home minister addressing the conference on railway safety

नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में रेलवे सुरक्षा पर अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल, संचार और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव, गृह सचिव राजीव गोबा मुख्य अतिथि के रूपमें उपस्थित थे। सम्मेलन में आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने गणमान्य अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि यह सम्मेलन हमें रेलवे सुरक्षा तंत्र की सुरक्षा की तैयारियों की पहचान और समीक्षा करने का अवसर प्रदान कर रहा है, इससे यह भी पता चलेगा कि हमारे सुरक्षाबल यात्रियों की कितनी बेहतर सेवा कर सकते हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि रेलवे में अपराधों को रोकने में मदद के लिए ऑनलाइन एफआईआर प्रणाली की जरूरत है, इससे जांच में तेजी लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सुरक्षाबलों से अनुरोध करते हुए कहा कि नियमित गस्त, तलाशी लेने में सुधार और आपात स्थिति में सावधान करने जैसे मुद्दों पर खास ध्यान दिया जाए। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यात्रा करते समय यात्रियों में आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और आरपीएफ के लोगों से यात्रियों के साथ मित्रवत व्यवहार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि स्टेशनों के लिए 6 हजार सीसीटीवी कैमरे खरीदे जा रहे हैं और साइबर अपराध कक्षों को क्रियात्मक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेल यात्रा को सबसे सुरक्षित बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि कुछ वर्ष के दौरान आरपीएफ के कार्यप्रदर्शन, यात्रियों के साथ मित्रवत व्यवहार और संवेदनशीलता के बारे में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देना समय की जरूरत है। रेलवे बोर्ड के चैयरमैन विनोद कुमार यादव ने पूरे नेटवर्क में रेलवे सुरक्षा बल के विशिष्ट कार्यों की सराहना की। आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने रेलवे प्रणाली और यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचारों को साझा किया। सम्मेलन में 23 राज्यों और दो केंद्रशासित राज्यों के पुलिस प्रमुखों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने प्रतिनिधि के रूपमें भाग लिया।

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