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जम्‍मू-कश्‍मीर में पंचायती राज शुरू

प्रधानमंत्री ने पंचायतों को अधिकार संपन्‍न बनाया

नव-निर्वाचित सरपंचों से हुई नई दिल्ली में मुलाकात

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 20 December 2018 01:51:44 PM

narendra modi with the newly elected sarpanches of panchayats from jammu and kashmir

नई दिल्‍ली। जम्‍मू-कश्‍मीर की पंचायतों के 48 नव-निर्वाचित सरपंचों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्‍ली में मुलाकात की। सरपंचों के शिष्‍टमंडल का नेतृत्‍व ऑल जम्‍मू एंड कश्‍मीर पंचायत कांफ्रेंस के अध्‍यक्ष शफीक मीर ने किया। शिष्‍टमंडल ने प्रधानमंत्री की सराहना की कि उन्‍होंने जम्‍मू-कश्‍मीर में पंचायतों के चुनाव सफल और शांतिपूर्ण सम्‍पन्‍न कराकर स्‍थानीय स्‍वशासन की संस्‍थाओं को अधिकार संपन्‍न बना दिया है। प्रधानमंत्री ने नव-निर्वाचित प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं दीं और सरपंचों से आग्रह किया कि वे लोगों के कल्‍याण और उत्‍थान के लिए प्रयास करें। प्रधानमंत्री ने शिष्‍टमंडल को आश्‍वासन दिया कि वह और उनकी सरकार जनता को अधिकार संपन्‍न बनाने के प्रति संकल्‍पबद्ध है तथा वह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, राज्‍य के कल्‍याण हेतु स्‍थानीय सरकार के प्रतिनिधियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरपंचों के शिष्‍टमंडल से जनता के हितों को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया और कहा कि लोगों ने उनके प्रति अपार विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है और वह उनसे आशा रखती है। प्रधानमंत्री ने धमकियों और डराने-धमकाने की परवाह न करते हुए कड़ी चुनौतियों का सामना कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सफलतापूर्वक भाग लेने के लिए स्‍थानीय प्रतिनिधियों के साहस की सराहना की। उन्‍होंने भरोसा दिलाया कि पंचायती राज मॉडल को सफल बनाने और जनता की बुनियादी जरूरतों और तकलीफों के प्रति जल्‍द हरकत में आने के लिए भारत सरकार उनको पूर्ण समर्थन देगी। उन्‍होंने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर को हिंसा के मार्ग से हटाने तथा स्‍थानीय जनता के अधिकार और विकास सुनिश्चित करने के लिए मूलभूत संस्‍थाओं का सशक्तिकरण महत्‍वपूर्ण कदम है। उन्‍होंने हाल में संपन्‍न पंचायत चुनावों में महिलाओं की भागीदारी की भी सराहना की।
पंचायती राज मॉडल जमीनी स्‍तर पर शक्तियों का हस्‍तांतरण जनता के लिए अपने ही विकास की प्रक्रिया में हितधारक बनने का विलक्षण अवसर है। जम्‍मू-कश्‍मीर पंचायत अधिनियम 1989 में पारित हुआ था, लेकिन अधिनियम के अंतर्गत 25 आवंटित कार्यों में से केवल तीन के लिए ही बजटीय सहायता उपलब्‍ध कराई गई थी। भारत सरकार ने अब 1989 के जम्‍मू-कश्‍मीर पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर दिया है और पंचायतों को सालाना आधार पर 2,000 करोड़ रुपये हस्‍तांतरित किए गए हैं, 1200 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त राशि शहरी स्‍थानीय निकायों को उपलब्‍ध कराई गई है। पंचायतें 19 विभागों और विषयों से संबंधित गतिविधि‍यों की सीधे निगरानी करेंगी और सरकारी योजनाओं तथा परियोजनाओं की लेखा परीक्षा कराएंगी।
जम्‍मू-कश्‍मीर में शहरी स्‍थानीय निकायों के 1,100 वार्डों पर 13 साल के अंतराल के बाद तथा 35,000 पंचायतों पर 7 साल के अंतराल के बाद नवंबर-दिसंबर 2018 में चुनाव कराए गए। पंचायत चुनावों के दौरान 74 प्रतिशत मतदान हुआ। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जल्‍द ही सर‌कार जमीनी स्‍तरपर 40,000 प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी। जम्‍मू-कश्‍मीर में सरपंचों को प्रतिमाह 2,500 रुपये और पंचों को प्रतिमाह 1,000 रुपये का मासिक मानदेय उपलब्‍ध कराया जाएगा। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में छह महीने का राज्यपाल शासन पूरा होने पर कल रात से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी, जिसपर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुहर के बाद राज्य में राज्यपाल शासन खत्म होने के साथ ही राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है।

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