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'भारत की डिजिटल पहलें विश्‍वभर में सराहनीय'

डिजिटल इंडिया पर योजना पत्रिका का विशेषांक का विमोचन

डिजिटल माध्‍यम विश्‍वसनीय और सुरक्षित हों-आईटी मंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 1 December 2018 01:19:21 PM

ravi shankar prasad releasing the special edition of yojana magazine on digital india

नई दिल्‍ली। केंद्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि व न्‍यायमंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिल्‍ली में एक कार्यक्रम में डिजिटल इंडिया पर ‘योजना’ पत्रिका के विशेष अंक का विमोचन किया और कहा कि सरकार की डिजिटल इंडिया पहल में भारत में व्‍यापक बदलाव लाने की असीम क्षमता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल माध्‍यम को विश्‍वसनीय एवं सुरक्षित रखा जाना चाहिए, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके। उन्‍होंने कहा कि सरकार की डिजिटल समावेशी पहल को विश्‍व स्‍तर पर सराहा जा रहा है। उन्‍होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को यह सलाह दी कि वे इस पत्रिका के आगामी अंक में डेटा सुरक्षा के गहन परिचर्चा विश्लेषण और डिजिटलीकरण के गोपनीयता पहलुओं के बारे में भी विस्‍तार से जानकारी दें।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पांच वर्ष से भी कम की अवधि में सरकार ने ‘उमंग’ प्‍लेटफॉर्म पर 307 सरकारी सेवाएं उपलब्‍ध कराई हैं और इसके साथ ही केंद्र एवं राज्‍यों की सभी सेवाओं को भी इस प्‍लेटफॉर्म पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि संचार क्षेत्र में हुई प्रगति से बड़े शहरों में रहने वाले लोग व्‍यापक रूपसे लाभांवित हुए हैं, लेकिन छोटे शहरों में रहने वाले लोग अब भी सूचनात्‍मक या जानकारीपूर्ण प्लेटफार्मों जैसेकि ‘योजना’ पर ही निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि ‘योजना’ विकास से जुड़ी मासिक पत्रिका है, जो सामाजिक-आर्थिक मसलों पर केंद्रित है, इसका प्रकाशन देशभर में 13 भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, मराठी, गुजराती, बंगाली, असमिया, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, मलयालम और उड़िया में किया जाता है।
आईटी मंत्री ने कहा कि सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्‍य डिजिटल सुविधाओं तक पहुंच, डिजिटल समावेश एवं डिजिटल सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ डिजिटल खाई को पाटकर भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्‍यवस्‍था और डिजिटल दृष्टि से सशक्‍त समाज में तब्‍दील करना है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 122 करोड़ ‘आधार’ के जरिए सुनिश्चित की गई डिजिटल पहचान से गरीबों को सीधे अपने बैंक खातों में विभिन्‍न तरह के लाभ प्राप्‍त करने में मदद मिल रही है और इससे 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

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