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इस्लामिक आतंकवाद पर चीन के कान खड़े हुए!

भारत व चीन में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर हुआ समझौता

दिल्ली बैठक में आतंकवाद से मुकाबला करना प्रमुख मुद्दा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 23 October 2018 01:17:52 PM

home minister rajnath singh and chinese public security minister zhao kejhi

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में चीन के स्टेट काउंसलर एवं सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी के साथ भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर प्रथम उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। दोनों नेताओं ने सार्वजनिक सुरक्षा के पारस्परिक हित के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस्लामिक और सभी तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग करना बैठक के प्रमुख मुद्दों में शामिल है। बैठक में सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और चीन के बीच बढ़ते सहयोग का स्वागत किया गया। भारत और चीन के बीच सुरक्षा सहयोग पर भारत के गृह मंत्रालय और चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के बीच एक समझौता भी हुआ, जिसपर दोनों मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और चीन के स्टेट काउंसलर एवं सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी का कहना था कि इस समझौते से आतंकवाद एवं संगठित अपराधों की समस्या से निपटने से संबंधित चर्चाओं एवं आपसी सहयोग में और ज्यादा वृद्धि होगी, इसी तरह इस समझौते से दवा नियंत्रण और अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में भी आपसी चर्चाओं के साथ-साथ सहयोग बढ़ेगा। झाओ केझी 21 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक भारत के द्विपक्षीय दौरे पर हैं। इस दौरान झाओ केझी मुंबई का भी दौरा करेंगे। गौरतलब है कि चीन भी अब इस्लामिक आतंकवाद का शिकार हो रहा है, जिससे निपटने के लिए चीन ने कुछ खास प्रबंध किए हैं। चीन में मुस्लिम बहुल इलाकों में विघटन और विध्वंस की कुछ घटनाओं का कड़ा संज्ञान लिया गया है। यह आतंकवाद भारत के बाद चीन में बढ़ता देख चीन सरकार भारत से महत्वपूर्ण सूचनाएं भी साझा कर रही है।
भारत-चीन की इस बैठक का आयोजन ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत में इस्लामिक आतंकवाद तेजी से बढ़ा है और भारत-पाकिस्तान के बीच इसे लेकर भारी तनाव है। चीन हमेशा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की अनदेखी करता रहा है, लेकिन पाकिस्तान में चीन के व्यापार गलियारे के निर्माण के बाद से चीन में संदिग्‍ध इस्लामिक गतिविधियों का और भी ज्यादा इजाफा हुआ है। चीन ने ऐसी कुछ इस्लामिक गतिविधियों पर जबसे पाबंदी लगाई है, तब से इस्लामिक कट्टरपंथी बौखलाए हैं और चीन में आतंकवाद जैसी गतिविधियां बढ़ी हैं। चीन यह भलीभांति जानता है कि भारत वास्तव में इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित है और उसके यहां भी भारत समान घटनाएं घटित हो रही हैं, जिन्हें चीन बढ़ने नहीं दे सकता। माना जा रहा है कि दोनों देशों की सीमाएं मिलने के कारण चीन समझता है कि इस्लामिक आतंकवाद को तब तक नहीं रोका जा सकता, जबतक भारत और चीन के बीच सार्वजनिक सुरक्षा सहयोग समझौता नहीं हो जाता। यह बैठक और समझौता इस दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है और यदि चीन ने भारत के साथ आतं‌कवाद के खिलाफ ईमानदारी से कार्य किया तो यह दोनों देशों की शांति के लिए बड़ी सफलता होगी।

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