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Thursday 18 October 2018 03:09:20 PM
नई दिल्ली/ कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने दूरभाष पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें बताया कि वे समाचार माध्यम के एक हिस्से में आई उन रिपोर्टों को सिरे से खारिज करते हैं, जिनमें उनके हवाले से कहा गया है कि भारत किसी रूपमें श्रीलंका के राष्ट्रपति और एक पूर्व रक्षा सचिव गोटाभाया राजपक्षे की हत्या के तथाकथित षडयंत्र में शामिल है। उन्होंने कहा कि ये शरारतपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण रिपोर्ट पूर्णतया निराधार और असत्य है और दोनों नेताओं के बीच गलतफहमी पैदा करने के साथ-साथ दो दोस्ताना पड़ोसी देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को नुकसान पहुंचाने का इरादा भी रखती हैं। ज्ञातव्य है कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे गुरूवार से तीन दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। विक्रमसिंघे शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन रिपोर्टों को सार्वजनिक तौर पर खारिज करने के लिए उनके व्यक्तिगत रूपसे और श्रीलंका सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। इस संदर्भ में उन्होंने आज सुबह 18 अक्टूबर 2018 को श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के साथ अपनी बैठक की भी चर्चा की। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीलंका के एक सच्चे दोस्त के साथ ही एक करीबी निजी मित्र के रूपमें भी देखते हैं। उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच परस्पर लाभदायक संबंधों की सराहना की और उसे अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का अपना संकल्प दोहराया। ऐसा समझा जाता है कि इस ख़बर के पीछे चीन और पाकिस्तान समर्थित मीडिया है, जिसने यह ख़बर प्लांट की है और श्रीलंका के प्रधानमंत्री के भारत आगमन का अवसर चुना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और उनकी सरकार द्वारा संबंधित मामले को सार्वजनिक रूपसे स्पष्ट करने और दुर्भावनापूर्ण रिपोर्टों को दृढ़ता से खारिज करने के लिए त्वरित कदमों की सराहना की। उन्होंने भारत सरकार की 'पड़ोस सबसे पहले' की नीति और प्राथमिकता को दोहराते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हर तरह से सहयोग को और भी अधिक मजबूत करने में उनकी व्यक्तिगत रूचि है। गौरतलब है कि यह खबरें आईं थीं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर उनकी हत्या करवाने के आरोप लगाए हैं। इन खबरों का दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों पर खतरनाक असर पड़ सकता था। ये खबरें मीडिया के एक हिस्से से झूंठी और मनगढ़ंत थीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसी झूंठी खबर को लेकर फोन किया था। इन दोनों ने कहा कि भारत और श्रीलंका अभिन्न हैं।
भारत सरकार की तरफ से भी बयान जारी किया गया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और अपने बारे में मीडिया में आई खबरों को पूरी तरह खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग रॉ ने उनकी और उनके एक पूर्व रक्षा सचिव की हत्या का कथित तौर पर षड्यंत्र रचा है। खबरें यह थीं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने भारत को एक अहम बंदरगाह परियोजना देने का विरोध किया है, जिससे भारत की गुप्तचर एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ रॉ ने उनकी हत्या की साजिश रची है। ख़बर में कहा गया था कि मैत्रीपाला सिरीसेना चीन संचालित कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल के पास टर्मिनल विकसित करने के लिए भारत को इजाजत देने के खिलाफ हैं। मैत्रीपाला सिरीसेना ने इससे पहले कहा था कि दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा चीन को पहले ही पट्टे पर दिया जा चुका है, ऐसे में कोलंबो बंदरगाह में भारत को शामिल करना किसी आकस्मिक स्थिति में श्रीलंका के हित में नहीं होगा। बहरहाल श्रीलंका सरकार ने कहा है कि मैत्रीपाला सिरीसेना ने भारत के साथ पूर्वी बंदरगाह टर्मिनल के विकास की परियोजना का विरोध नहीं किया है।