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'शार्टकट' से सफलता प्राप्त नहीं होती-राज्यपाल

लखनऊ विश्वविद्यालय का 61वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न

'छात्र-छात्राएं माता-पिता और गुरूजनों का आदर करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 10 October 2018 03:38:00 PM

61st convocation of lucknow university

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के 61वें दीक्षांत समारोह में पीएचडी, डीलिट् के साथ विधि, शिक्षा, ललित कला, यूनानी, कृषि विज्ञान, कला संकाय, विज्ञान संकाय, वाणिज्य संकाय एवं व्यवसायिक पाठ्यक्रम के स्नातक एवं परास्नातक के 31,793 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक और उपाधि देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं से कहा कि वे दीक्षांत समारोह में ली गई प्रतिज्ञा का पालन करें। उन्होंने कहा कि यह याद रखना चाहिए कि प्रतिज्ञा लेना सरल है पर उसको निभाना कठिन है, इच्छाशक्ति से कठिन बात भी निभाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि माता-पिता एवं गुरूजनों का आदर करें, क्योंकि उन्होंने आपके पंखों में ताकत दी है। राज्यपाल ने कहा कि ये उपाधि अब तक के ज्ञान के लिए प्रदान की गई है, जिनका उपयोग उनके कैरियर में उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगा।
राज्यपाल राम नाईक ने छात्र-छात्राओं को आगे के जीवन का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने की यात्रा कभी समाप्त नहीं होती है, वे स्वयं को अद्यतन ज्ञान से परिपूर्ण रखें। उन्होंने कहा कि प्रमाणिकता और पारदर्शिता से असफलता को सफलता में बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि असफलता से परेशान न हों, बल्कि चिंतन करके फिर से सफलता प्राप्त करने का प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि जीवन में ‘शार्टकट’ से सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती। राज्यपाल ने छात्राओं की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय में अबतक 31,793 उपाधियां प्रदान की गई हैं, जिनमें 11,416 छात्र एवं 20,377 छात्राएं हैं, कुल उपाधियों में 64 प्रतिशत लड़कियों एवं 36 प्रतिशत लड़कों ने उपाधियाँ प्राप्त की हैं, इसी प्रकार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर 192 पदकों में से 149 पदक छात्राओं ने प्राप्त किए हैं, जबकि मात्र 43 पदक छात्रों ने अर्जित किए हैं। राज्यपाल ने बताया कि इस शैक्षिक सत्र में अब तक 16 विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में 7.67 लाख उपाधियाँ प्रदान की जा चुकी हैं, जिनमें 4.32 लाख उपाधियाँ छात्राओं को मिली हैं। अब तक वितरित किये गये 923 पदकों में छात्राओं को 590 पदक प्राप्त हुए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह संदेश समाज को सुख एवं समाधान देने वाला है। उल्लेखनीय है कि गत शैक्षणिक वर्ष में हुए दीक्षांत समारोह में राज्य विश्वविद्यालयों में 15.60 लाख उपाधियाँ वितरित की गई थीं, जिनमें 51 प्रतिशत उपाधियाँ छात्राओं को प्राप्त हुईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदक प्राप्त करने वालों में 66 प्रतिशत लड़कियाँ थीं। राम नाईक ने कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं रोज़गार ढूंढने वाले नहीं, बल्कि रोज़गार देने में समर्थ बनें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र्र मोदी ने स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया एवं स्टैंडअप इंडिया जैसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारम्भ किया है जो स्वावलम्बी बनाने के लिए स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यूपी इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से 1,045 एमओयू और लगभग 4,28 लाख करोड़ रुपये के निवेश से प्रदेश में रोज़गार के नए स्रोत खोलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना से भी लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि डिग्रीधारी अपनी नव-कल्पनाशीलता से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और उद्योगों की स्थापना करके देश एवं प्रदेश की प्रगति में योगदान करें।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर धीरेंद्रपाल सिंह ने कहा कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान और शिक्षा के द्वारा ही अपने सपनों और आकांक्षाओं को ऊंची उड़ान प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं अपने विषय की बारीकियों से भलीभांति अवगत रहें, सीखा हुआ ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में सतत सीखने का जूनून होना चाहिए, शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो युवाओं में यथोचित ज्ञान, कौशल और दक्षता का पोषण करे। सच्चे अर्थों में उन्हें गुणी, शिक्षित, संस्कारवान, स्वावलम्बी तथा वर्तमान की चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता का विकास करने के साथ-साथ उन्हें समुचित रोज़गार भी मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की आधारशिला एवं राष्ट्र उत्थान की संवाहक होती है। प्रोफेसर धीरेंद्रपाल सिंह ने कहा कि हमारा देश संपूर्ण विश्व में युवाओं की बहुलता का देश है, जिसकी औसत आयु 29 वर्ष होगी जो चीन की 35 वर्ष और जापान की 48 वर्ष की तुलना में काफी कम है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय के क्रियाकलापों पर प्रकाश डालते हुए प्रगति आख्या प्रस्तुत की। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि प्रोफेसर धीरेंद्रपाल सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय कार्य परिषद, विद्वत परिषद, संकायाध्यक्ष, शिक्षक, विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति, छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।

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