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'भारत में खनिज व धातु क्षेत्र में निवेश करें'

केंद्रीय इस्‍पात मंत्री का टेक्‍नोलॉजी कंपनियों से आग्रह

दिल्‍ली में खनिज और धातु परिदृश्‍य पर सम्‍मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 9 October 2018 05:49:27 PM

international conference on minerals and metals outlook 2030

नई दिल्ली। केंद्रीय इस्‍पात मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने अंतरराष्‍ट्रीय निवेशकों और टेक्‍नोलॉजी क्षेत्र की कंपनियों से भारत के खनिज और धातु क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया है। इस्‍पात मंत्री ने दिल्‍ली में खनिज और धातु-परिदृश्‍य 2030 विषय पर अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में कहा कि भारत के खनिज क्षेत्र की क्षमता काफी अधिक है और खनन कार्यों से अछूते क्षेत्रों में निवेशकों के लिए अपार अवसर हैं। उन्होंने कहा कि भारत खनिज दृष्टि से संपन्‍न देश है और देश में ईंधन, परमाणु, धातु और गैर धातु तथा छोटे खनिजों सहित 95 प्रकार के खनिज हैं। मंत्रालय के सचिव विनय कुमार ने कहा कि भारत लौह अयस्‍क का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक है और राष्‍ट्रीय खनिज विकास निगम देश में सबसे बड़ा लौह अयस्‍क उत्‍पादक है।
दुनिया में भारत इस्‍पात का तीसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक है और भारत शीघ्र ही दूसरे स्‍थान पर पहुंच जाएगा। विनय कुमार ने बताया कि भारत में इस्पात की खपत चालू वर्ष में 69 किलोग्राम हो गई है, लेकिन अभी भी अंतरराष्‍ट्रीय खपत मानक से पीछे है, इसलिए भविष्‍य में इस्‍पात उद्योग की संभावनाएं अधिक हैं। उन्‍होंने बताया कि राष्‍ट्रीय इस्‍पात नीति 2017 में 2030 तक 300 मिलियन टन इस्‍पात उत्‍पादन का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है, इसलिए खनन क्षेत्र को 2030 से पहले इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिएं। एनएमडीसी के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एन बैजेंद्र कुमार ने बताया कि सम्‍मेलन में खनिज और धातु क्षेत्र के विभिन्‍न पहलुओं पर फोकस किया जाएगा और इससे राष्‍ट्रीय इस्‍पात नीति के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में हितधारकों को मदद मिलेगी।
खनिज और धातु-परिदृश्‍य पर अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में शीर्ष स्‍तर के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी एवं राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों के प्रमुख विश्‍व में खनिज और धातु के भविष्‍य पर चर्चा कर रहे हैं। सम्‍मेलन का उद्देश्‍य खनिज और धातु के लिए वैश्विक बाजार की समझदारी बढ़ाना, खनिज विकास और आर्थिक विकास के बीच अंतर-संपर्क को प्रमुखता देना और भारत के धातु उद्योग को प्रभावित करने वाले अंतरराष्‍ट्रीय धातु बजार को समझना है। सम्‍मेलन में 16 देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह सम्‍मेलन घरेलू और अंतरराष्‍ट्रीय धातु उत्‍पादकों को विचार-विमर्श, नियोजन और पारस्‍परिक लाभका‍री संबंध स्‍थापित करने का अवसर प्रदान करेगा। सम्‍मेलन का आयोजन एनएमडीसी ने किया और इस्‍पात और खान तथा विदेश मंत्रालय ने समर्थन दिया है।

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