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'दूरसंचार क्षेत्र में रोज़गार अवसरों का सृजन'

'निवेश के साथ उत्‍पादक रोज़गार सृजन की आवश्‍यकता'

'भारत में 3 वर्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पांच गुणा हुआ'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 25 September 2018 05:13:22 PM

manoj sinha addressing at the inauguration of a seminar on fdi in telecom sector

नई दिल्ली। केंद्रीय संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने कहा है कि इन तीन वर्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पांच गुणा बढ़कर 2015-16 के 1.3 बिलियन डॉलर की तुलना में 2017-18 में 6.2 बिलियन डॉलर हो गया है। मनोज सिन्‍हा ने यह जानकारी दिल्‍ली में दूर संचार क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश विषय पर हुई संगोष्‍ठी में कही। उन्‍होंने कहा कि भारत में नई प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए अधिक निवेश के साथ-साथ उत्‍पादक रोज़गार सृजन करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि जनसांख्यिकी लाभ का उपयोग करने के लिए भारत में अल्‍पकालिक दृष्टि से अर्द्धकुशल रोज़गारों का सृजन करना अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र ऐसे रोज़गार अवसरों के सृजन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
संचार राज्यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने कहा कि हम दूरसंचार भारत से डिजिटल भारत की ओर बढ़ रहे हैं और प्रारुप राष्‍ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 का उद्देश्‍य डिजिटल क्षेत्र में 100 बिलियन डॉलर या लगभग 6.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना है। उन्‍होंने बताया कि भारत ने 2020 तक वाणिज्यिक रूपसे 5जी नेटवर्क लांच करने की योजना की घोषणा की है और इससे 5जी, एआई, आईओटी, डाटा एना‍लिटिक्‍स जैसी नई उभरती प्रौद्योगिकी में निवेश का बड़ा अवसर मिलेगा। संचार राज्यमंत्री ने कहा कि दो-तीन वर्ष में भारत के दूरसंचार क्षेत्र में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, अनेक विलय और अधिग्रहण हुए हैं एवं दीवालियापन के मामले भी सामने आए हैं। उन्‍होंने कहा कि अब पहले जैसी बात नहीं है और दूरसंचार क्षेत्र में मजबूती आएगी। उन्‍होंने कहा कि इस अवधि में विशेष रूपसे दूरसंचार क्षेत्र में कारोबारी सुगमता को प्रोत्‍साहित करने के अनेक कदम उठाए गए हैं।
मनोज सिन्‍हा ने कहा कि दूर संचार क्षेत्र में दबाव कम करने के लिए एक अंतर-मंत्रालय समूह की स्‍थापना की गई और इस समूह की अधिकतर सिफारिशों को स्‍वीकार कर लिया गया है और इन पर अमल किया जा रहा है। इस अवसर पर दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश न केवल घरेलू पूंजी के पूरक रूपमें आवश्‍यक है, बल्कि वैज्ञानिक, तकनीक और औद्योगिक जानकारी हासिल करने के लिए भी यह जरूरी है। मनोज सिन्‍हा ने दूरसंचार विभाग की एफआईटीपी शाखा और भारतीय विदेश व्‍यापार संस्थान के प्रकाशन ‘दूरसंचार क्षेत्र विकास और एफडीआई : भविष्‍य का मार्ग’ का विमोचन भी किया। संगोष्ठी में दूरसंचार विभाग के विशेष सचिव शिवासैलम तथा निवेश नीति और संबर्धन विभाग के अपर सचिव अतुल चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।

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