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‌'भारतीय रेल बनी भारत की तेज़गति अर्थव्यवस्‍था'

नीति आयोग की मूव: ग्‍लोबल मोबिलिटी समिट का हिस्सा है रेल

भारतीय रेलवे में ई-मोबिलिटी पर दिल्ली में सम्‍मेलन आयोजित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 5 September 2018 03:48:54 PM

conference on e-mobility in indian railways, organised by the indian railways and niti aayog

नई दिल्ली। दिल्ली में ‘भारतीय रेलवे में ई-मोबिलिटी’ पर एक सम्‍मेलन हुआ, जिसका आयोजन रेल विद्युत अभियंता संस्‍थान के जरिए रेल मंत्रालय ने नीति आयोग के सहयोग से किया। सम्‍मेलन का उद्घाटन संचार राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) और रेल राज्‍यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने किया। यह सम्‍मेलन इस 7 एवं 8 सितंबर को नीति आयोग की होने वाली ‘मूव: ग्‍लोबल मोबिलिटी समिट’ से पहले आयोजित किया गया सम्‍मेलन था, जिसमें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी, रेलवे बोर्ड के सदस्‍य (कर्षण) एवं आईआरईई के संरक्षक घनश्‍याम सिंह, रेलवे बोर्ड के सदस्‍य, रेलवे बोर्ड की अतिरिक्‍त सदस्‍य (विद्युत) एवं आईआरईई की प्रेसीडेंट मंजू गुप्‍ता और रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने कहा कि रेल मंत्रालय ने विद्युतीकरण की गति तेज करने और आरई परियोजनाओं के लिए निविदा के ईपीसी मोड को अपनाने का फैसला किया है। उन्‍होंने कहा कि रेलवे लाइनों के प्रस्‍तावित विद्युतीकरण के बाद ईंधन बिल में सालाना 13,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है और इसके साथ ही कार्बन उत्‍सर्जन में प्रति वर्ष लगभग 3.4 मिलियन टन की कमी हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि ऊर्जा खरीद में की गई पहलों के परिणामस्‍वरूप अबतक वास्‍तविक बचत 7504 करोड़ रुपये की हो चुकी है जो ‘मिशन 41के’ में परिकल्पित राशि से कहीं ज्‍यादा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे को अपना सौर ऊर्जा लक्ष्‍य बढ़ाना चाहिए, उसे देश में इस क्षेत्र में अगुवाई करनी है तथा इसके साथ ही उसे प्रधानमंत्री के ‘स्‍वच्‍छ एवं हरित ऊर्जा’ विजन के अनुरूप भी आगे बढ़ना है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय रेलवे को एथनॉल को मिश्रित करने के विकल्‍प पर विचार करना चाहिए।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने उम्‍मीद जताई कि सेमि‍नार के अभिनव विचार एवं पहलें भारतीय रेलवे को परिवहन में और ज्‍यादा कार्यकुशल, पसंदीदा एवं हरित साधन बना देंगी तथा इनकी बदौलत भारतीय रेलवे देश की आर्थिक तरक्‍की में विकास के इंजन की भूमिका निभाने लगेगी। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश में बढ़ते शहरीकरण के साथ ही हमें स्‍वच्‍छ ऊर्जा से संचालित ई-मोबिलिटी पर और ज्‍यादा ध्‍यान देना चाहिए, ताकि लोगों का जीवनस्‍तर बेहतर हो सके। उन्‍होंने कहा कि सौर ऊर्जा व्‍यापक रोज़गार अवसरों की क्षमता रखना वाला एक नवोदित विकासशील उद्योग है और भारतीय रेलवे को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए एक विकास इंजन बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में उसे वैश्विक अवसर हासिल करने चाहिएं, इसके साथ ही उसे अन्‍य राष्‍ट्रों के लिए एक मॉडल के रूपमें उभरकर सामने आना चाहिए। उन्‍होंने नवीकरणीय ऊर्जा के विकल्‍पों को और आगे ले जाने के लिए ऊर्जा भंडारण की तकनीक के क्षेत्र में और भी ज्‍यादा अनुसंधान करने की जरूरत पर बल दिया। अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय रेलवे को सौर प्रौद्योगिकी में प्रतिस्‍पर्धी मूल्‍य से लाभ उठाना चाहिए और सौर ऊर्जा के उत्‍पादन को अधिकतम स्‍तर पर ले जाना चाहिए।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा कि भारतीय रेलवे को कार्यकलाप के क्षेत्रों में उत्‍पादकता बढ़ानी चाहिए और इसके साथ ही एक उत्‍कृष्‍ट सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में तब्‍दील हो जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण की पहचान भारतीय रेलवे के व्‍यय में कमी लाने के एक प्रमुख संभावित क्षेत्र के रूप में की गई है। उन्होंने परिवहन के विभिन्‍न साधनों के बीच यातायात की निर्बाध आवाजाही, राजस्‍व को साझा करने में सुगमतासुनिश्चित करने, मालगाड़ियों की गति बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। रेल मंत्रालय, केंद्रीय मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्‍न उपक्रमों के लगभग 300 प्रतिनिधियों और उद्योग क्षेत्र के भागीदारों ने भी इस सम्‍मेलन में भाग लिया। 

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