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असम एकॉर्ड की आत्मा है एनआरसी-जावड़ेकर

शाह ने की वोटबैंक एवं तुष्टीकरण की राजनीति बेनकाब

'एनआरस' और 'घुसपैठ' पर आपका स्टैंड क्या है?

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 August 2018 01:00:49 PM

sriprakash javadekar

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने भाजपा मुख्यालय पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन के मुद्दे पर घुसपैठियों का बचाव करने को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियों पर जम कर प्रहार किए हैं। श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राज्यसभा में कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। उन्होंने कहा कि एनआरसी के ज्वलंत मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान सभापति ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपना वक्तव्य पूरा करने के लिए बुलाया, क्योंकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस एवं उनकी सहयोगी पार्टियों के सदस्यों ने जानबूझकर व्यवधान पैदा किया जिससे अमित शाह को अपना वक्तव्य बीच में ही रोकना पड़ा।
श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा की कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे ही अमित शाह अपना भाषण करने खड़े हुए तो पहले कांग्रेस के सदस्य आनंद शर्मा ने आपत्ति जताई कि अमित शाह ने कल 1985 के बाद हुए सभी प्रधानमंत्रियों में एनआरसी को लागू करने की हिम्मत न होने की बात की थी जो सर्वथा गलत है। श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आनंद शर्मा का आरोप बिल्कुल गलत, तथ्य से परे और दुर्भावना से ग्रस्त था, क्योंकि अमित शाह ने ऐसा तो कुछ कहा ही नहीं था। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने राज्यसभा में अपने वक्तव्य में कहा था कि 14 अगस्त 1985 को राजीव गांधी ने असम एकॉर्ड साइन किया था, 15 अगस्त के भाषण में लालकिले से इसको डिक्लेयर किया था। असम एकॉर्ड की आत्मा क्या थी? असम एकॉर्ड की आत्मा ही एनआरसी थी और एनआरसी का मतलब क्या है? एकॉर्ड में क्या कहा गया? एकॉर्ड में यह कहा गया कि अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उनको हमारे सिटिजन रजिस्टर से अलग…(इस पर तुरंत कांग्रेस एंड कंपनी ने व्यवधान पैदा किया) अमित शाह ने आगे कहा कि एक शुद्ध नेशनल सिटिजन रजिस्टर बनाना है, यही एनआरसी का मतलब था।
श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अमित शाह कह रहे थे कि हम ये एक इनिशिएटिव ले रहे हैं जो कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री का लिया हुआ इनिशिएटिव था, इसको अमल करने की हिम्मत आपमें नहीं थी, हममें हिम्मत है। श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसमें अमित शाह ने तो ऐसा कुछ कहा ही नहीं कि असम एकॉर्ड को लागू करने की हिम्मत 1985 के बाद के किसी भी प्रधानमंत्री में नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब अमित शाह का यह बयान रिकॉर्ड में मौजूद था, आनंद शर्मा को भी मालूम था कि उनका व्यवधान अनुचित है तो फिर भी जानबूझ कर कांग्रेस ने सदन में व्यवधान उत्पन्न किया, इतना ही नहीं तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने सवाल उठाया कि एक सदस्य दो बार नहीं बोल सकते तो सभापति ने कहा कि कल उनका वक्तव्य पूरा नहीं हुआ था, इसलिए उन्हें बोलने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने जानबूझ कर सदन की कार्यवाही को बाधित करने की नापाक हरकत की है, जिसकी हम कड़ी भर्त्सना करते हैं।
श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सदन में बिना किसी कारण के हंगामा करना, अमित शाहजी को बोलने नहीं देना और गृहमंत्री को नहीं सुनना, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस यह सब पहले ही तय करके आई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस दोनों पार्टियां सदन को नहीं चलने देना चाहती थीं, क्योंकि वे सच सुनना ही नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग पार्टियों के कम से कम 20 सदस्यों को हमने पूरी शांति और गंभीरता के साथ सुना, लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी के बोलने की बारी आई तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने अनुचित व्यवधान पैदा किया और यही लोकतंत्र की हत्या है। श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सभापति ने भी कहा कि इसके पीछे साजिश लगती है। उन्होंने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि आखिर कांग्रेस को क्या भय है, जो वह चर्चा से भागना चाहते हैं, वे क्यों जवाब सुनना नहीं चाहते और वे किसको बचाना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि अमित शाह ‘एनआरसी' के मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और इनके सहयोगी दलों की वोटबैंक एवं तुष्टीकरण की राजनीति को बेनकाब किया है।
श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि असम एकॉर्ड की आत्मा एनआरसी है, यही एक तरीका है जो घुसपैठियों की पहचान कर सकता है और अब कांग्रेस घुसपैठियों को बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि मीडिया से यह पता चला है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब सोनिया गांधी से मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की एनआरसी पर भूमिका तो सबको मालूम है कि वे घुसपैठियों के पक्ष में हैं, एनआरसी के विरोध में हैं, देश की सुरक्षा से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है, अपने देश के नागरिकों के हित की चिंता उन्हें नहीं है, लेकिन हम सोनिया गांधी से पूछना चाहते हैं, कांग्रेस से पूछना चाहते हैं, तमाम विपक्षी पार्टियों से पूछना चाहते हैं कि वे स्पष्ट करें कि ‘एनआरसी' और ‘घुसपैठ' पर आपका स्टैंड क्या है? श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस को ‘एनआरसी’ और भारत में घुसपैठ पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि असम एकॉर्ड राजीव गांधी ने ही किया था और प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए इंदिरा गांधी ने भी कहा था कि बांग्लादेश की हालत ठीक होने पर वहां से भारत आए हुए लोगों को वापस चले जाना चाहिए।
श्रीप्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यदि बांग्लादेशियों के वापस जाने की बात इंदिराजी ने की थी, अगर राजीवजी ने असम एकॉर्ड के तहत एनआरसी की रचना की तो कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि अब उसका क्या स्टैंड है? क्या अब उनका स्टैंड राजीव और इंदिराजी के स्टैंड से बदल गया है? उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह के कारण कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस एक साजिश के तहत सदन की कार्यवाही को अवरुद्ध कर रही हैं, हम इसकी कड़ी भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और ममता बनर्जी एक संवेदनशील मुद्दे को क्षुद्र राजनीति की भेंट चढ़ाना चाहती हैं।

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