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'सीमावर्ती जनसंख्या हमारी सामरिक संपदा'

गृहमंत्री ने की सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम की समीक्षा

'आदर्श गांव का सीमा जिलों के रूपमें समग्र विकास'

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Thursday 12 July 2018 05:27:42 PM

home minister interaction with regional level officials for review of border area development program

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के कार्यांवयन से जुड़े क्षेत्रीय और राज्यस्तर के अधिकारियों से संबंधित संगत मुद्दों पर एवं इसे और अधिक प्रभावी बनाने पर विस्तृत चर्चा की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर रह रही जनसंख्या देश की सामरिक संपदा है और सीमा सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक और आर्थिक अवसंरचना के विकास के लिए सभी प्रयास किए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ये लोग सीमा स्थित गांव में ही बने रहें। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत सरकार सीमा पर रह रही जनसंख्या की सामाजिक और आर्थिक खुशहाली एवं उन्हें संयोजकता संबंधी सुविधाओं, स्वच्छ पेयजल, विद्यालय, अस्पताल तथा अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुलभ कराने को अत्यधिक प्राथमिकता देती है, ताकि इन क्षेत्रों में जीवन में स्थायित्व आए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अवसंरचना और विकास गतिविधियों की अभिवृद्धि के लिए राज्यों को केंद्र की निरंतर सहायता का भी आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत परिव्यय को 2015-16 के 900 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2017-18 में 1100 करोड़ रुपये कर दिया गया है और सीमा पर स्थित गांव के विस्तृत एवं समग्र विकास के लिए 61 आदर्श गांव विकसित करने का विनिश्चय किया गया है, जिसके लिए राज्य सरकारों को 126 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त धनराशि भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आदर्श गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक शिक्षा, सामुदायिक केंद्र, संपर्क सुविधाएं, निकासी, पेयजल आदि सभी मूलभूत सुविधाएं सुलभ करवाई जाएंगी, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में जीवन में स्थायित्व आए।
राजनाथ सिंह ने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के बेहतर नियोजन, पर्यवेक्षण और कार्यांवयन के लिए बीएडीपी ऑनलाइन प्रबंध प्रणाली की शुरूआत की, जिसपर सीमावर्ती राज्य अपनी वार्षिक कार्ययोजनाएं ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकते हैं और उन्हें गृह मंत्रालय से इलेक्ट्रॉनिक मोड में अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा, जिससे स्वीकृति प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और नियोजन एवं कार्यांवयन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। गृहमंत्री ने जानकारी दी कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के भीतर रहने वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीमावर्ती जनसंख्या की विशेष विकासात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 17 राज्यों के 111 सीमा जिले शामिल किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1986-87 से प्रारंभ इस कार्यक्रम के लिए कुल 13,400 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालने तथा सीमावर्ती जनसंख्या के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार के उपायों का उल्लेख करने के लिए अरूणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लगभग 25 जिलाधिकारियों से बातचीत भी की, जिन्होंने बैठक में विशेषकर अपने जिलों से संबंधित संगत मामलों को उठाया। बैठक में 17 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और 25 सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों ने भी भाग लिया। वार्तालाप के दौरान गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहिर, किरेन रिजिजू, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा और विशेष सचिव सीमा प्रबंध बीआर शर्मा भी उपस्थित थे।

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