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'पूर्वोत्तर की आंतरिक सुरक्षा पर विशेष योजना'

केंद्रीय गृहमंत्री ने शिलॉंग में एनईसी के पूर्ण अधिवेशन में कहा

सिविल सोसाइटी को विकास कार्यक्रमों से जोड़ें-राजनाथ सिंह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 10 July 2018 01:36:38 PM

rajnath singh chairing the 67th plenary session of the north eastern council

शिलॉंग। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र की आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक विशेष योजना पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि शांति और सुरक्षा के अभाव में निजी निवेश नहीं हो सकता और आर्थिक गतिविधियां जारी नहीं रह सकतीं। उन्होंने कहा कि एनडीए के चार वर्ष के शासन में पूर्वोत्तर की स्थिति बहुत बेहतर हुई है, यदि हम इसकी 90 के दशक से तुलना करें तो विद्रोही गतिविधियों में 85 प्रतिशत की कमी आई है। गृहमंत्री ने शिलॉंग में एनईसी के 67वें पूर्ण अधिवेशन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि नागरिकों और सुरक्षा बलों के मारे जाने वाले लोगों की संख्या में 96 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और मिजोरम विद्रोही गतिविधियों से मुक्त हुए हैं, मेघालय में एएफएसपीए को पूरी तरह हटा दिया गया है और अरूणाचल प्रदेश में इसके कवरेज क्षेत्र में कमी की गई है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वोत्तर राज्यों को पूर्वोत्तर परिषद यानी एनईसी की लंबित विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम करने और हाल ही में केंद्र सरकार से जारी 4500 करोड़ रुपये विकास पैकेज की धनराशि का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा कि एनईसी और पूर्वोत्तर राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी लंबित परियोजनाएं समयबद्ध पूरी हों। गृहमंत्री कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में सिविल सोसाइटी बहुत शक्तिशाली माध्यम है और सभी विकास कार्यक्रमों में इन्हें जोड़ा जाना चाहिए, इन्हें सामाजिक और आर्थिक बदलाव में सहयोगी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक लेखा एक ऐसा ही माध्यम हो सकता है, इससे हमें धनराशि के खर्च की जानकारी मिलती है और यह लोगों को विकास कार्यक्रमों से जोड़ता है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि रिमोट सेंसिंग और उपग्रह से प्राप्त चित्र के क्षेत्र में एनईसी ने नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के साथ समझौता किया है और एक पोर्टल एवं मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसके माध्यम से सभी हितधारक कार्यक्रमों की प्रगति की निगरानी कर सकते हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए गृहमंत्री ने अल्पावधि, मध्यम अवधि और लंबी अवधि पर आधारित रोडमैप तैयार करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए नीति फोरम का गठन किया है, फोरम के पहले दौर की परिचर्चा 10 अप्रैल को आयोजित की गई और सभी संबंधित विभागों को विचार करने के लिए फोरम के सुझाव उपलब्ध कराए गए हैं, सुझावों पर निर्णय के लिए 31 अक्टूबर 2018 की समयसीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय ने अभी हाल ही में पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड के माध्यम से पूर्वोत्तर वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना की है, जिसकी प्रारंभिक पूंजी 100 करोड़ रुपये है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2018 में पूर्वोत्तर उद्योग विकास योजना यानी एनईआईडीएस 2017 के गठन को मंजूरी दी थी, इसके लिए मार्च 2020 तक 3000 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा तथा लोगों की आय और रोज़गार में वृद्धि होगी। केंद्रीय गृहमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ‘उच्च मूल्य व कम मात्रा’ वाले उत्पादों पर जोर देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ संपर्क बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है, इससे प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट नीति को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिवेशन में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक और लोक प्रशिक्षण, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, पूर्वोत्तर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री उपस्थित थे। गौरतलब है कि डॉ जितेंद्र सिंह एनईसी के उपाध्यक्ष भी हैं।

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