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आतंकवाद पर क्यूबा और भारत चिंतित

लोगों को गरीबी से बाहर लाने की जरूरत-राष्ट्रपति

भारत और वैश्विक दक्षिण विषय पर व्याख्यान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 23 June 2018 06:39:55 PM

welcome ceremony at revolution palace in cuba

हवाना/ नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कल क्यूबा में हवाना विश्वविद्यालय में भारत और वैश्विक दक्षिण विषय पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने बोलने के लिए जो विषय भारत और वैश्विक दक्षिण चुना है, वह क्यूबा की एवं भारतीय विदेश नीति, दोनों का ही केंद्रीय हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण की एकजुटता क्यूबा के महान नेता और राजनीतिज्ञ फिदेल कास्त्रो के अंतरराष्ट्रीय विजन एवं क्यूबा की क्रांति के हृदय में स्थित है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें वैश्विक अभिशासन संरचनाओं में विकासशील देशों को अधिक स्थान देने के लिए एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में हमें सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्रसंघ में सुधार के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भूमंडलीकरण ने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, लेकिन विकासशील देशों में लोगों की बहुत सी आवश्यकताओं की पूर्ति अभी भी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विकास एजेंडा गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित होना चाहिए, जिसे वैश्विक विकास परिचर्चा के हृदय में होना चाहिए। राष्ट्रपति का रिव्युलुशन पैलेस में पारंपरिक स्वागत किया गया, जहां उन्होंने शिष्टमंडल स्तर वार्ता का नेतृत्व किया। क्यूबा की शिष्टमंडल स्तर वार्ता का नेतृत्व क्यूबा के राष्ट्रपति डियाज कैनेल ने किया। दोनों देशों ने जैवप्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, पारंपरिक औषधि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। जैवप्रौद्योगिकी एवं पारंपरिक औषधि तथा होम्योपेथी के क्षेत्रों में दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने क्यूबा के राष्ट्रपति डियाज कैनेल को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में संस्थापक सदस्य बनने के लिए धन्यवाद दिया। भारत ने क्यूबा में एक 100 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना में सहायता करने के लिए 75 मिलियन डॉलर के ऋण की भी पेशकश की। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता जारी रखने की बात की। क्यूबा ने सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी को समर्थन दुहराया। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने गहरी चिंता जताई। दोनों ने आतंकवाद से लड़ने में एक मजबूत वैश्विक प्रत्युत्तर विकसित करने के लिए घनिष्ठतापूर्वक काम करने पर सहमति जताई।

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