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संग्रहित होंगी जनजातीय संस्कृति व धरोहरें

जनजातीय कार्यमंत्री ने नीति आयोग को भेजा प्रस्ताव

अत्याधुनिक होगा जनजातीय संग्रहालय व अनुसंधान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 15 June 2018 01:16:43 PM

jual oram addressing a conference on the achievements of the ministry of tribal affairs

नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने दिल्ली में एक राष्ट्रस्तरीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान के साथ एक राष्ट्रीय जनजातीय संग्रहालय स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया है। जनजातीय कार्य मंत्रालय की चार वर्ष की उपलब्धियों और पहलों को बताते हुए यह जानकारी जनजातीय कार्यमंत्री जुएल ओराम ने दी। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए समृद्ध जनजातीय संस्कृति और धरोहरों को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संग्रहालय और जनजातीय अनुसंधान संस्थान की स्थापना करने का प्रस्ताव पहले ही नीति आयोग को भेजा जा चुका है।
जनजातीय कार्यमंत्री जुएल ओराम ने बताया कि 15 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप जनजातीय कार्य मंत्रालय छह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी स्मारक स्थापित कर रहा है, जिनमें से दो स्मारक नर्मदा गुजरात और बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल रांची राष्ट्रीय महत्व के हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में व्यवसाय नियमों के आवंटन में किए गए संशोधनों का भी उल्लेख किया, जिसके तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय को केंद्रीय मंत्रालयों की एसटीसी राशि की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आवंटनों की तुलना में व्यय पर नज़र रखने, भौतिक प्रदर्शन और परिणाम की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है, जो लिंक www.stcmis.gov.in पर देखी जा सकती है।
जुएल ओराम ने कहा कि इन चार वर्ष के दौरान अनुसूचित जनजाति घटक के तहत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को आवंटित धनराशि में 94 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और यह राशि वर्ष 2014-15 के 19437 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 37803 करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। चालू वर्ष में 146 छात्रों ने नीट (एनईईटी), 253 छात्रों ने जेईई मुख्य परीक्षा और 8 छात्रों ने सीएलएटी में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने खो-खो, कराटे, बैडमिंटन, वॉलीवॉल और बास्केट बाल समेत अन्य खेलों में एकलव्य स्कूल के छात्रों की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय दिसंबर 2018 में एकलव्य विद्यालयों के राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता आयोजित करने की योजना बना रहा है।
जुएल ओराम ने बताया कि मंत्रालय आश्रम स्कूलों की स्थापना के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है, अब तक 1205 आश्रम विद्यालयों की स्थापना के लिए मंत्रालय ने वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। इन विद्यालयों में कुल 1,15,500 सीटें हैं। उन्होंने महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के आश्रम स्कूलों के छात्रों द्वारा माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण का भी जिक्र किया। जनजातीय कार्यमंत्री ने कहा कि सरकार के सतत विकास कार्यों से वाम उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। सचिव लीना नायर ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय नीति आयोग के निर्धारित 115 आकांक्षी जिलों में से 40 जनजातीय बहुल आकांक्षी जिलों पर जोर दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल जनजातीय लोगों की आजीविका सृजन के लिए प्रधानमंत्री की वन धन योजना के तहत गैर इमारती वन उत्पाद का अनुमानित मूल्य सालाना 2 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इसके लिए देशभर में विभिन्न जनजातीय जिलों में वन धन विकास केंद्रों की स्थापना की जा रही है।
ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा ने बताया कि ट्राइफेड ने वर्ष 2017-18 में 20 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की है, जो वर्ष 2016-17 में महज 11.37 करोड़ रुपये की बिक्री से काफी ऊंची छलांग है। उन्होंने प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों और एम-ट्राइब्स मोबाइल ऐप पर ट्राइब्स इंडिया बैनर लॉन्च करने के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि लगभग 70,000 जनजातीय कारीगर उत्पादों की आपूर्ति के लिए ट्राइब्स इंडिया से जुड़ चुके हैं और जल्द ही इनकी संख्या 150000 तक पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि इस साल 40 प्रमुख आदि महोत्सव आयोजित कराने का प्रस्ताव है, जिसमें 25,000 जनजातीय लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस अवसर पर जनजातीय कार्य राज्यमंत्री जसवंत सिंह भाभोर और सुदर्शन भगत भी उपस्थित थे।

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