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Tuesday 8 May 2018 04:41:13 PM
ग्वाटेमाला सिटी/ नई दिल्ली। भारत और ग्वाटेमाला संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए एक दूसरे को सहयोग देने के लिए सहमत हो गए हैं। दोनों देशों ने सम्मानार्थ और गैर प्रतिस्पर्धात्मक द्वीपक्षीय संबंधों से मिलने वाले सुअवसरों के लाभ पर सहमति व्यक्त की है, जिसके तहत ग्वाटेमाला वर्ष 2021-22 के लिए संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की सदस्यता के लिए और भारत वर्ष 2031-32 के लिए ग्वाटेमाला की सदस्यता के लिए सहयोग करेगा। यह निर्णय ग्वाटेमाला की राजधानी ग्वाटेमाला सिटी में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की आधिकारिक यात्रा के दौरान ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और संसद अध्यक्ष के साथ व्यापक बातचीत के बाद लिया गया। वेंकैया नायडू ने ग्वाटेमाला के शीर्ष नेताओं के साथ विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। गौरतलब है कि वर्ष 1972 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना के बाद से भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का यह दौरा दोनों देशों के बीच पहला उच्चस्तरीय दौरा है।
ग्वाटेमाला मध्य अमेरिका का एक देश है, इसके उत्तर-पश्चिम में मैक्सिको, दक्षिण पश्चिम में प्रशांत महासागर, उत्तर-पूर्व में बेलीज़, पूर्व में कैरेबियन, दक्षिण पूर्व में होंडुरास और अल साल्वाडोर है। ग्वाटेमाला की समृद्ध जैविकी और अद्वितीय पारिस्थितिकी इसे जैव विविधता के लिहाज से महत्वपूर्ण बनाती है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ग्वाटेमाला के नेताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारत लेटिन अमरीका के साथ रिश्तों को सशक्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और ग्वाटेमाला को मध्य अमेरिका में प्रवेशद्वार के लिए सर्वाधिक जनसंख्या और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूपमें देखता है। उन्होंने कहा कि व्यापार के तरीकों और उपभोक्ता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हम स्वभाव से बराबर हैं और प्रतिस्पर्धी नहीं हैं। वेंकैया नायडू ने कहा कि दोनों देशों के परस्पर लाभ के लिए रिश्तों को नए उच्चस्तर पर ले जाने और इससे मिलने वाले सुअवसरों को लेने की आवश्यकता हैं। ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति जिमि मोरेल्स ने कहा कि उनका देश भारत की सफल आर्थिक कहानी से लाभ उठा सकता है।
वेंकैया नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों में द्वीपक्षीय बातचीत को सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने भारत के सॉफ्टपावर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा वह प्रसिद्ध टीवी सीरियल कौन बनेगा करोड़पति, द स्लम डॉग मिलिनेयर और लाइफ और पाई से परिचित हैं। उन्होने ग्वाटेमाला में भारत के निर्मित दो पहिया वाहनों की गुणवत्ता और बिक्री पश्चात सेवा का भी उल्लेख किया, जिसने लोकप्रिय प्रतिस्पर्धियों को भी पीछे छोड़ दिया है। उपराष्ट्रपति ने ग्वाटेमाला के उपराष्ट्रपति डॉ जतेथ काबरेरा फ्रैंकों और संसद अध्यक्ष अल्वेरों आरजू इस्कोबार के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया। दोनों देशों के नेताओंने इस पर सहमति जताई कि भारत और ग्वाटेमाला समान चुनौतियों जैसे शासन प्रणाली विषय विभिन्न रूप में आतंकवाद, ग़रीबी और आर्थिक असमानता से जूझ रहे हैं और लोकतांत्रिक शासन प्रणाली इसके लिए सर्वोत्तम है। ग्वाटेमाला के उपराष्ट्रपति डॉ फ्रैंको ने बताया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार की जांच के लिए ठोस कदम उठा रही है और उनका देश आपराधिक गिरोहों के रूप में एक अलग रूप के आतंकवाद का सामना कर रहा है।
ग्वाटेमाला की संसद के अध्यक्ष इस्कोबार ने कहा कि भारत का जोशपूर्ण लोकतंत्र वृहद विविधताओं को अनुकूल करने के लिए आदर्श है और भारत की आर्थिक सफलता प्रेरणादायक है। वेंकैया नायडू ने दोनों पक्षों के संसद सदस्यों के बीच विचार-विमर्श को विकसित करने के लिए संसदीय मित्र समूह की स्थापना का सुझाव भी दिया। बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष ने हवाई अड्डों पर सौर पैनल की आपूर्ति के लिए ग्वाटेमाला के अनुरोध पर स्वीकृति दी। विचार-विमर्श के पश्चात दोनों उपराष्ट्रपतियों की उपस्थिति में दोनों पक्षों ने राजनयिकों के प्रशिक्षण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और भारत में ग्वाटेमाला के अंग्रेजी शिक्षकोंके प्रशिक्षण के लिए आशय-पत्र पर हस्ताक्षऱ किए। यह अनुबंध तीन वर्ष तक वैध रहेगा और आवश्यकतानुसार बाद में बढ़ाया जा सकेगा। वेंकैया नायडू ने कहा एकीकृत विश्व रूप में सभी देशों के एक समान फायदों के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है और इस कारण से भारत लेटिन अमरीका के साथ रिश्तों को बढ़ाने के लिए दृढ़ है, भारत सुदृढ़ सरकार और योग्य नेतृत्व के साथ प्रगति और बदलाव के साथ प्रगतिपथ पर अग्रसर है, भारत और लेटिन अमेरिका देश व्यापार और निवेश में बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग से अधिकाधिक लाभांवित हो सकते हैं।
प्रतिनिधियों के भोज की मेजबानी के दौरान ग्वाटेमाला के उपराष्ट्रपति डॉ फ्रैंकों ने इस वर्ष नवंबर में ग्वाटेमाला शहर में होने जा रहे आइबेरो अमरीका सम्मेलन में प्रतिनिधियों को भेजने के लिए भारत को आमंत्रित किया। इस सम्मेलन में स्पेन और पुर्तगाल के अलावा सभी लेटिन अमरीकन देश भाग लेंगे। तीन वर्ष में एकबार होने वाले सम्मेलन में भारत को प्रथम बार आमंत्रण प्राप्त हुआ है। वेंकैया नायडू ने कहा ग्वाटेमाला को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुड़ने के लिए कहा गया और बताया गया कि पहले से ही 61 देश इससे जुड़े हुए हैं। प्रतिनिधि स्तर की बातचीत में जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री जसवंत सिंह भभोर और संसद सदस्य अनिल देसाई, छाया वर्मा, तिरूचि सिवा, कमलेश पासवान, विदेश सचिव प्रीति सरन और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।