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'ई-कॉमर्स पर भारत की राष्‍ट्रीय नीति'

विशेषज्ञ दल का समावेशी व तथ्‍य आधारित संवाद

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने की बैठक की अध्‍यक्षता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 26 April 2018 12:02:40 PM

minister of commerce and industry suresh prabhu

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने ई-कॉमर्स पर राष्‍ट्रीय नीति के लिए थिंक टैंक की पहली बैठक की अध्‍यक्षता की, जिसमें ई-कॉमर्स के विभिन्‍न पहलुओं से जुड़े भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें वाणिज्‍य विभाग, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, दूर संचार विभाग, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, दो नियामकीय निकायों भारतीय प्रतिस्‍पर्धा आयोग और ट्राई के अध्‍यक्ष, उद्योग जगत के उच्‍चस्‍तरीय प्रतिनिधि, ई-कॉमर्स कंपनियां, दूर संचार कंपनियां एवं आईटी कंपनियां और स्‍वतंत्र विशेषज्ञ शामिल थे। सुरेश प्रभु ने कहा कि ई-कॉमर्स पर राष्‍ट्रीय नीति के लिए संरचना पर थिंक टैंक की स्‍थापना हाल ही में वाणिज्‍य विभाग ने की है, जो एक समावेशी और तथ्‍य आधारित संवाद के लिए विश्‍वसनीय मंच उपलब्‍ध कराएगा, जिससे विस्‍तृत नीति निर्माण संभव हो सकेगा।
वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि इससे देश अवसरों का लाभ उठाने और उन चुनौतियों का सामना करने में, जोकि डिज़िटल अर्थव्‍यवस्‍था में प्रगति की अगली धारा से उत्‍पन्‍न होंगी, का सामना करने के लिए समुचित रूपसे तैयार हो सकेगा। बैठक में थिंक टैंक ने ई-कॉमर्स पर एक व्‍यापक एवं अति महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय नीति विकसित करने के लिए डिज़िटल अर्थव्‍यवस्‍था एवं ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भारत के सामने खड़ी चुनौतियों पर सामूहिक रूपसे विचार-विमर्श किया। बैठक में जिन मुद्दों पर विचार किया गया, उनमें भौतिक एवं डिज़िटल बुनियादी ढांचे जैसी ई-कॉमर्स एवं डिज़िटल अर्थव्‍यवस्‍था के पहलु, नियामकीय व्‍यवस्‍था, कराधान नीति, डाटा प्रवाह, सर्वर लोकेलाइजेशन, एफडीआई, प्रौद्योगिकी प्रवाह, कौशल विकास एवं व्‍यापार संबंधित पहलु शामिल हैं।
ई-कॉमर्स पर वैश्विक प्रगति एवं अंतर्निहित मुद्दों पर उत्‍पन्‍न हो रही उपयुक्‍त राष्‍ट्रीय स्थिति थिंक टैंक के विचार-विमर्श का एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण आयाम था। थिंक टैंक की पहली बैठक के प्रमुख परिणामों में से एक परिणाम ई-कॉमर्स पर भारत की राष्‍ट्रीय नीति के लिए अनुसंशाए तैयार करने हेतु कार्यबल का गठन करने का फैसला था। इस कार्यबल को विभिन्‍न उपसमूहों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें भारत सरकार के प्रतिनिधि, ई-कॉमर्स उद्योग एवं डोमेन नॉलेज के विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह कार्यबल छह महीनों के भीतर अपनी अनुशंसाओं को अंतिम रूप दे देगा।

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