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अवैध वित्तीय प्रवाह पर ब्रिक्स कार्यदल गठित

भारत एनडीबी की सदस्यता का रचनात्मक सहभागी-गर्ग

वाशिंगटन में ब्रिक्स के वित्तमंत्रियों व गवर्नरों की बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 20 April 2018 04:54:04 PM

s.c. garg during spring meetings of the international monetary fund

वाशिंगटन डीसी/ नई दिल्ली। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और विश्व बैंक की वाशिंगटन डीसी में वसंत बैठकों के दौरान ब्रिक्स देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की पहली बैठक हुई, जिसमें भारतीय वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधित्व आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने किया। बैठक में नए विकास बैंक की परियोजना संबंधी प्रवाह को सदस्य देशों में समान रूपसे बढ़ाने, एनडीबी की सदस्यता का विस्तार करने, अवैध वित्‍तीय प्रवाह पर एक कार्यकारी समूह और सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर एक ब्रिक्स कार्यदल गठित करने के बारे में दक्षिण अफ्रीकी अध्‍यक्षता के प्रस्ताव से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में दौरान ब्रिक्स आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था के साथ-साथ ब्रिक्स बांड फंड से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बैठक में कहा कि भारत एनडीबी की सदस्यता का विस्तार करने पर हुईं परिचर्चाओं में एक रचनात्मक सहभागी रहा है। सदस्य राष्ट्रों में एनडीबी की परियोजना संबंधी प्रवाह को समान रूपसे बढ़ाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को बुनियादी ढांचे के लिए वित्तपोषण संबंधी सदस्य देशों की आवश्यकता के साथ संतुलित किया जाना चाहिए। सुभाष चंद्र गर्ग अवैध वित्तीय प्रवाह पर कार्यकारी समूह और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पर एक ब्रिक्स कार्यदल के गठन के प्रस्‍ताव पर कहा कि भारत इस प्रस्ताव की सराहना करता है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि एनडीबी में पहले से ही एक ‘परियोजना प्रबंध कोष’ है, इसलिए पीपीपी के लिए ठीक इसी तरह का अलग से एक प्रबंध कोष बनाना श्रेयस्‍कर नहीं होगा। यह ‘परियोजना प्रबंध कोष’ इसके अलावा पीपीपी परियोजनाओं के प्रोजेक्‍ट प्रबंधन में भी समर्थ होगा।
सुभाष चंद्र गर्ग ने परिसंपत्ति श्रेणी के रूपमें ब्राउनफील्ड बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को विकसित करने संबंधी भारत के अनुभव को ध्‍यान में रखते हुए यह सुझाव दिया कि ब्रिक्स देश वित्त पोषण के स्रोतों के रूपमें पेंशन फंड, सॉवरेन वेल्‍थ फंड इत्‍यादि से वित्त प्राप्त करने के लिए बड़ी आसानी से उपलब्ध इस बुनियादी ढांचागत परिसंपत्ति श्रेणी पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने ‘ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी’ के प्रस्ताव पर ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच सर्वसम्मति सुनिश्चित करने के लिए समर्थन मांगा। उन्‍होंने ‘ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी’ की संभाव्‍यता के अध्‍ययन के लिए ब्रिक्स व्‍यवसाय परिषद के तत्‍वावधान में गठित विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट को प्राप्त करने और फि‍र उसे आगे बढ़ाने का अनुरोध भी किया।

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