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Wednesday 11 April 2018 05:44:39 PM
बुसान/ नई दिल्ली। भारत ने कोरिया गणराज्य के साथ एक दूसरे के नाविकों के सामर्थ्य को परस्पर मान्यता देने से संबंधित एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते से दोनों देशों की सरकारों के अपने नाविकों को समुद्री शिक्षा, प्रशिक्षण और उनके सामर्थ्य के बारे में जारी किए गए प्रमाण पत्रों को समान रूपसे महत्व दिए जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। समझौते पर केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जल संसाधन और नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी और कोरिया के उनके समकक्ष किम योंग चून की ओर से बुसान में एक कार्यक्रम में हस्ताक्षर किए गए। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि इस समझौते से दोनों देश लाभांवित होंगे।
जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोरिया के पास बड़ी संख्या में जहाज हैं, इस समय उसके पास अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर चलने वाले 500 से ज्यादा जहाज मौजूद हैं, जिनके लिए उसे प्रशिक्षित नाविकों की दरकार है और भारत के पास करीब एक लाख 54 हजार 349 ऐसे नाविक हैं। उन्होंने कहा कि यह समझौता कोरियाई जहाजों में भारतीय नाविकों के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगा। नितिन गडकरी चार दिन की सरकारी यात्रा पर कोरिया गए हैं, जहां उन्होंने दक्षिण कोरिया के समुद्री परिवहन मंत्री किम योंग चून के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लिया। उन्होंने बुसान बंदरगाह का दौरा किया और भारत कोरिया समुद्री सहयोग फोरम की बैठक में भी शामिल हुए। नितिन गडकरी की कोरिया यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीचजहाजरानी, बंदरगाह, आंतरिक जलमार्गों, राजमार्गों, नदियों को जोड़ने और अवसंरचना क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाना है।