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Tuesday 20 March 2018 03:25:08 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार भारतीय रेल पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसीके तहत भारत और म्यांमार पिछले दो दशकों से रेल के क्षेत्र में आपसी सहयोग कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग को और प्रोत्साहित करने के लिए रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन म्यांमार को 18 एसी-डीसी 1350, एचपी डीजल इलेक्ट्रिक इंजन म्यांमार रेलवे को औपचारिक रूपसे सौंपने के समारोह में शामिल हुए। इन इंजनों की सप्लाई राइट्स ने की है और इन्हें डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी ने बनाया है। ये 18 इंजन माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रण आधारित प्रणाली से लैस हैं। इस अवसर पर म्यांमार के परिवहन और संचार मंत्री उ थां सिन मोउंग ने दोनों देशों के मूल्यवान सौहार्दपूर्ण संबंधों की चर्चा की और कहा कि यह वर्तमान सहयोग से भी आगे जा सकता है।
म्यांमार रेलवे के लिए डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी ने 1350 अश्वशक्ति को एसी-डीसी मेनलाइन डीजल इंजन बनाया है, इनमें ईंधन की खपत कम है और नवीनतम विशेषताएं हैं। अधिकतर इंजनों की सप्लाई भारतीय ऋण व्यवस्था के अंतर्गत की गई है। समझौते के कार्यक्रम के अनुसार सभी इंजनों की डिलीवरी सितंबर 2018 तक करनी है। ये इंजन समय से छह महीने पहले डिलीवर किए गए हैं। इस अवसर पर रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने दोनों देशों की रेल प्रणालियों के बीच पिछले 20 वर्ष से जारी नियमित सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने समय से पहले परियोजना पूरी करने और अधिक समकालीन विशेषताओं के साथ ईंजन उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेल को बधाई दी। उन्होंने परियोजना को सुचारू रूपसे पूरा करने में म्यांमार के अधिकारियों के साथ समन्वय और सहायता के लिए म्यांमार में भारतीय दूतावास को धन्यवाद दिया।
म्यांमार के परिवहन और संचार मंत्री उ थां सिन मोउंग ने भारतीय रेल के प्रस्तुत प्रशिक्षण कार्यक्रम और सिग्नल तथा दूरसंचार प्रणालियों में गहरी दिलचस्पी दिखाई। रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने कहा कि इस सहयोग से म्यांमार और भारत के मित्रतापूर्ण सीमा संबंध और मजबूत होंगे। राइट्स रेल मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का प्रतिष्ठान है, यह भारतीय रेल की ओर से निर्यात कार्य करती है और यह पूरे विश्व में विभिन्न परियोजनाएं चला रही है। राइट्स रेल रॉलिंग स्टॉक इंजन, कोच, वैगन और स्थायी मार्ग रखरखाव वाहन, रेलवे अवसंरचना रखरखाव, तकनीकी अध्ययन और म्यांमार के रेल अधिकारियों के प्रशिक्षण के कार्य में शामिल है। राइट्स शीघ्र ही कार्यशालाओं के उन्नयन और रखरखाव के लिए अध्ययन शुरू करेगी। डीजल आधुनिकीकरण वर्क्स पटियाला के विशेषज्ञों का एक दल भी जल्द ही म्यांमार जाएगा।