स्वतंत्र आवाज़
word map

रामनाथ कोविद को समर्थन देने की झड़ी

अनेक नेताओं के साथ राष्ट्रपति पद हेतु नामांकन

सम्मानजनक अंतर से जीतेंगे रामनाथ कोविद

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 23 June 2017 04:16:17 AM

nomination for president with multiple leaders

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और एनडीए के सभी सहयोगी दलों के नेताओं के साथ संसद भवन पहुंचे और राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले प्रस्तावक बने। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी इस मौके पर मौजूद थे।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए ने कांग्रेस की नेता और लोकसभा अध्यक्ष रह चुकीं मीरा कुमार को एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविद के सामने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। वोटों के बहुमत को देखते हुए माना जा रहा है कि रामनाथ कोविद का राष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय है। कांग्रेस ने मीरा कुमार को चुनाव में उतारकर एक प्रकार से भाजपा प्रत्याशी का विरोध दर्ज किया है। भाजपा ने रामनाथ कोविद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर विपक्ष के सामने असहज स्थिति पैदा की है, जिससे निपटने के लिए कांग्रेस ने दलित मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने ऐसा करके अपने सहयोगी दलों को भी संकट में डाला है, क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सहयोगी जनता दल यू के नेता नीतीश कुमार ने एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविद का समर्थन किया है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालूप्रसाद यादव ने मीरा कुमार का समर्थन किया है। विडम्बना देखिए कि कल तक बसपा अध्यक्ष मायावती का रामनाथ कोविद के लिए सकारात्मक संदेश था और मीरा कुमार का नाम आने से वे पलटी मार गईं और यूपीए के प्रत्याशी के साथ चली गई हैं।
एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविद को नीतीश कुमार की जदयू, के चंद्रशेखर राव की टीआरएस और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल का पहले ही समर्थन मिल चुका है। एआईएडीएमके (शशिकला गुट) के नेता और तमिलनाडु के सीएम ई पलानीस्वामी ने भी एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के दलित कार्ड से विपक्ष की एकता टूट गई है। नीतीश कुमार के एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा के बाद विपक्ष की एकता धरी की धरी रह गई है। तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सोमवार को ही रामनाथ कोविद को अपना समर्थन दे चुके हैं। बसपा और समाजवादी पार्टी का जहां तक सवाल है तो ये दल हांसिए पर हैं और कांग्रेस के साथ जा रहे हैं, ऐसे में रामनाथ कोविद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है।
राष्ट्रपति चुनाव में 4120 विधायक और 776 सांसद वोट डालेंगे। हर सांसद के वोट का मूल्य 708 है, जबकि विधायक के वोट का मूल्य संबंधित राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होगा। जिस राज्य की ज्यादा जनसंख्या होती है, वहां के विधायकों के वोट का मूल्य ज्यादा होता है। सौ प्रतिशत वोटों में से चुनाव जीतने के लिए किसी भी प्रत्याशी को 51 प्रतिशत वोट पाने होंगे। भाजपा के पास सबसे ज्यादा 1352 विधायक और 337 सांसद हैं, जिनका वोट कुल वोटों का करीब 40.03 प्रतिशत है। शिव सेना ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा की है, उसके पास 63 विधायक और 21 सांसद हैं, जिनका वोट प्रतिशत 2.34 है। इस प्रकार एनडीए के पास कुल 48.64 प्रतिशत वोट है। रामनाथ कोविद को जिताने के लिए भाजपा को ढाई प्रतिशत वोट और चाहिए, जबकि यूपीए के पास करीब 35.47 फीसदी वोट हैं। टीआरएस के 82 विधायक और 14 सांसद, नवीन पटनायक के बीजद के 117 विधायक और 28 सांसद, जदयूके 73 विधायक और 12 सांसद एनडीए के साथ आ जाने से रामनाथ कोविद का जीतना सुनिश्चित हो गया है। उम्मीद की जाती है कि बीजेपी के पास साठ प्रतिशत से भी ज्यादा वोट होंगे, जिससे रामनाथ कोविद सम्मानजनक अंतर से जीतेंगे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]