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दुनिया ने भारतीय सेना का लोहा माना!

सैनिक कार्रवाई से पाकिस्तान में बड़ी बौखलाहट

भारतीय सेना की जांबाज़ी पर झूमा भारत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 30 September 2016 05:45:58 AM

indian army

नई दिल्ली। भारत की पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ सफलतम और ऐतिहासिक सैनिक कार्रवाई का जहां अमरीका, ब्रिटेन, रूस और चीन जैसे विश्व समुदाय के देशों ने लोहा माना है, वहीं पाकिस्तान बुरी तरह से पस्त और बौखला गया है। भारत पर परमाणु हमले की रोज-रोज धमकी देने वाले, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ और भारतीय ठिकानों पर छद्म हमले कराने वाले, आतंकवादियों को नेता बताने वाले और किसी भी समझौते को नहीं मानने वाले पाकिस्तान में इस वक्त दहशत का माहौल है, वहां की जनता नवाज शरीफ सरकार के पीछे पड़ गई है और इस संकट से मुक्त होने के लिए पाकिस्तान सरकार फिर भारत के खिलाफ किसी आतंकवादी वारदात की तैयारी में जुट गई है। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की हलचल देखी जा रही है, पाकिस्तानी सरकार सेना के साथ आपात बैठकें कर रही है और पाकिस्तानी जनता को बताया जा रहा है कि वह भी अपने यहां हुई भारतीय सैनिक कार्रवाई का बदला लेगा। भारत ने भी सुरक्षात्मक उपायों के तहत नियंत्रण रेखा पर पूरे क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी है और जरूरत पड़ी तो सेना को पाकिस्तानी हरकतों का वैसा ही जवाब देने के लिए तैयार रखा गया है।
गौरतलब है कि भारत ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाकिस्तान में आतंकवादियों के बड़े ठिकानों पर ऐतिहासिक सैनिक कार्रवाई की है, जिसके भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी चर्चे हो रहे हैं और दूसरी तरफ पाकिस्तान बहुत हताश और निराश है, वहां नवाज़ शरीफ सरकार के खिलाफ जनता खड़ी हुई है, भारतीय सेना की जांबाज़ी देखकर पाकिस्तानी सेना का मनोबल ध्वस्त हो चुका है, पाकिस्तान में इस समय कुछ भी हो सकता है। भारत ने बहुत मजबूर होकर यह सैनिक कार्रवाई की, जिसे विश्व के कई प्रमुख देशों ने सही ठहराया है। पाकिस्तान अपने यहां से भारत में आतंकवाद को संरक्षण देता है, जिसके अनेक प्रमाण हैं और पाकिस्तान उन आतंकवादी घटनाओं के जिम्मेदार आतंकवादी संगठनों और दहशतगर्दों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में विफल रहा है, इसलिए आज उसे यह दिन भी देखना पड़ रहा है कि वह न केवल विश्व समुदाय से अलग-थलग पड़ता जा रहा है, अपितु भारत ने उसके घर में घुसकर सैनिक कार्रवाई कर दी है, जिस पर पाकिस्तान के पक्ष पर कोई भी देश नहीं बोल रहा है। पाकिस्तान अपने ‌ही देश में मुंह दिखाने काबिल नहीं रहा है और वह हाल के घटनाक्रम में चेहरा दिखाने के लिए भारत के खिलाफ किसी भी कार्रवाई को अंजाम देने की हेकड़ी दिखा रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता पर देश की सेना को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि आतंकवादी समूहों और उनके लांचिंग पैड के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए सेना को बधाई, हमें अपनी सेना पर गर्व है, जिसने एक बार फिर असाधारण वीरता का परिचय दिया है। गृहमंत्री ने पाकिस्तान में घुसकर उसके आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक साहसिक फैसला लेने के लिए बधाई दी है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना को बधाई दी है। अमित शाह ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि आतंकवाद के खिलाफ सीधी कार्रवाई हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश अपने को पूर्ण सुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के साहसिक कदम को मेरा सलाम, निर्दोष भारतीयों पर हमलों के जिम्मेदार लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है। भारतीय पुलिस सेवा के ग़जब के रणनीतिकार और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजित डोभाल को सैनिक कार्रवाई के फैसले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री के जैसा ही श्रेय दिया जा रहा है। गौरतलब बात यह है कि पाकिस्तान जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भय खाता है, उतना ही अजित डोभाल से भी घबराता है। इसका कारण यह है कि अजित डोभाल पाकिस्तान को अपने हाथ की रेखाओं की तरह जानते हैं, उन्हें पता है कि पाकिस्तान के पैर कितने मजबूत हैं एवं उसकी बम की धमकी में कितना दम है। पाकिस्तान सरकार और वहां के मीडिया में अक्सर अजित डोभाल की हिम्मत और रणनीतियों की चर्चा सुनने को मिलती है।
पाकिस्तानी आतंकवादियों के छद्म हमलों में शहीद हुए सेना और अन्य सुरक्षाबलों के जवानों के परिवारों, भारत के रक्षा विशेषज्ञों और सभी राजनीतिक दलों ने पाकिस्तान में घुसकर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को सही और जरूरी बताया है। शहीदों के परिजनों एवं भारतीय जनता में इसकी बड़ी खुशी है। सोशल मीडिया में जहां भारतीय सेना की जांबाज़ी की प्रशंसा में लोगों ने अपने उद्गार व्यक्त किए हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी दिल खोलकर तारीफ की है और विभिन्न विशेषणों के साथ लिखा है कि नरेंद्र्र मोदी ने जो कहा वह कर दिखाया है, ऐसी सैनिक कार्रवाई कभी देखने को नहीं मिली, जिसमें बम के हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तानी हुक्मरान, वहां के नेता और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एवं पाकिस्तानी सेना के सेनाध्यक्ष जनरल राहिल शरीफ अपनी जनता को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहे हैं। पाकिस्तान की जनता और वहां का मीडिया पाकिस्तानी सरकार के पीछे पड़ गया है कि पाकिस्तान ने हिंदुस्तान को बम की धमकी दे देकर विश्व समुदाय को भी अपने खिलाफ कर लिया है। पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष और मशहूर क्रिकेटर इमरान खान ने तो सरकार के खिलाफ बिगुल ही बजा दिया है और पाकिस्तान को बचाने के लिए जनता से एकजुट होने का आह्वान किया है। बहरहाल भारतीय सेना की पाकिस्तान में घुसकर सैनिक कार्रवाई से भारत झूम रहा है, सेना का मनोबल ऊंचा है और देश में मोदी सरकार बार-बार के नारे लग रहे हैं।
गौरतलब है कि भारतीय सेना के सर्जिकल ऑपरेशन की देश को गुरुवार को उस वक्त जानकारी हुई, जब डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस की और देश को बताया कि बुधवार की रात भारतीय सेना ने बिना किसी नुकसान के पाकिस्तान में घुसकर कई आतंकवादियों और उनके ठिकानों को सफलता से नस्तनाबूद कर दिया है। भारत के डीजीएमओ ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक किया, इससे दुश्मन को भारी नुकसान हुआ है। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना को जीपीएस और पाकिस्तान की कई अन्य वस्तुएं हाथ लगी हैं। आतंकवादी भी पकड़े गए हैं, जिन्होंने अपना संबंध पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर से कबूल किया है। डीजीएमओ ने पकड़े गए आतंकवादियों के डीएनए पाक को सौंपने की पेशकश की है। डीजीएमओ ने बताया कि भारतीय सेना ने इस साल घुसपैठ की 20 कोशिशों को नाकाम किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर में लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन होता रहा है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह का आतंकवाद या घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लोककल्याण मार्ग दिल्ली पर प्रधानमंत्री आवास में देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई, जिसमें विदेश और रक्षा मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में देश को पाकिस्तान में आतंकवादी कैंपों पर सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी गई। भारतीय सेना के कमांडो 29 सितंबर की देर रात नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पहुंचे केल, भिबंर, लीपा एवं हाट स्प्रिंग इलाकों में गए और आतंकवादियों के कई लांच पैड उड़ाए और उसके बाद आतंकवादियों के रहने के करीब सात ठिकानों को ज़मीदोज़ करते हुए आतंकवादियों उनके प्रशिक्षकों और उस समय वहां मौजूद पाकिस्तान सेना के कुछ अधिकारियों एवं उनके सैनिकों पर काल बनकर टूट पड़े। भारतीय सेना ने इस पूरी कार्रवाई को वीडियो कैमरों से कवरेज किया था, जिसके अनुसार पचास से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। भारतीय सेना पीओके में काफी अंदर तक गई थी। भारतीय सैनिक कमांडों के हमले के बाद जो पाकिस्तानी सैनिक लांच पैड की सुरक्षा में जुट गए थे, वे भी मारे गए। यह सर्जिकल स्ट्राइक करीब चार घंटे तक चली, जिसमें भारतीय सेना के उरी शिविर में हुए आतंकवादी हमले का भारतीय सेना के जांबाज़ कमांडों ने पाकिस्तान में घुसकर बदला ले लिया है।
भारत के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के इस जवाब के बाद पाकिस्तान और पूरी दुनिया में यह संदेश पहुंच गया है कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कैसे उनके घर में घुसकर सैनिक कार्रवाई की जा सकती है। भारत इसी प्रकार म्यामार में भी आतंकवादियों के खिलाफ सफल सैनिक कार्रवाई कर चुका है। अपने देश में आतंकवादी शिविर चलाने वाले देशों को अब यह डर सताएगा कि उनके देश में भी उनके शिविरों पर सैनिक कार्रवाई हो सकती है। आतंकवादियों को अभी तक कोई भय नहीं था, मगर इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के आतंकवादी कैंपों में यह दहशत व्याप्त हो चुकी है कि भारत उन पर भी इसी प्रकार हमला कर सकता है, जिसमें पाकिस्तानी सेना केवल देखती रह जाएगी। आतंकवादियों में यह भय भी कायम हो गया है कि वे न पाकिस्तान में सुरक्षित हैं और न अपने आतंकवादी अभियान में जिंदा बच सकेंगे। इस सैनिक कार्रवाई से न केवल भारतीय सेना अपितु पूरे देश की जनता जोश में है और यही नहीं इससे भी बड़ा जोश पाकिस्तान के जबरदस्ती कब्जे वाले बलूचिस्तान, पीओके, सिंध और गिलगिट की जनता में भी है, जो पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से त्रस्त है।
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों का हाल सबसे बुरा है, जो अपनी आंखों से पाकिस्तान की बदतरीन हालत देख रहे हैं और जिनके सामने इस उम्मीद पर अंधेरा है कि वे कश्मीर को पाकिस्तान में मिला लेंगे। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अलगाववादी नेताओं को करारा जवाब दे रही हैं। उन्होंने साफ कहा है कि कश्मीर में पाकिस्तान के किसी भी मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया जाएगा और वह दिन दूर नहीं है, जब कश्मीर में जन जीवन सामान्य हो जाएगा और यहां के युवा कश्मीर की मुख्यधारा में अपने भविष्य का निर्माण करते दिखाई देंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब, बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, तमिलनाडु आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा नेता सीताराम येचुरी को भी इस कार्रवाई के बारे में सूचित किया है। इन नेताओं ने इस सैनिक कार्रवाई का समर्थन और सराहना की है, एकजुटता प्रकट की है। गृहमंत्री ने इन राज्यों को सलाह दी है कि वे अपने यहां विशेष सर्तकता बरतें।
भारतीय सेना के पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पंजाब, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में नियंत्रण रेखा पर हाई अलर्ट घोषित किया गया है। पंजाब और जम्मू कश्मीर के कई ज़िलों में अगले आदेश तक सुरक्षात्मक उपाय के तहत कुछ स्कूल बंद रहेंगे। पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने बताया है कि सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रशासन के अधिकारी लगातार कैंप कर रहे हैं और हालात पर नज़र रखी जा रही है। पंजाब सरकार ने पाकिस्‍तान से लगी राज्‍य की सीमा पर दस किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों को वहां से हट जाने को कहा है। सेना की सर्जिकल कार्रवाई के बाद यह आदेश दिए गए हैं। सीमा से लगे इलाकों में सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई है। लाहौर से पाकिस्‍तानी छात्रों और शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल तीन से पांच अक्‍टूबर के बीच सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत अजमेर आने वाला था, उसका भ्रमण भी रद्द कर दिया गया है।
गुजरात में भी हाईअलर्ट जारी किया गया है। गुजरात की पाकिस्‍तान के साथ जल और थल सीमा लगती है। कच्‍छ, बनासकांठा और पाटन जिले पाकिस्‍तान सीमा से सटे हैं। बीएसएफ ने वाघा बार्डर पर होने वाली पारंपरिक सलामी बीटिंग रिट्रीट को भी रद्द किया है। राजस्थान के बाडमेर और जैसलमेर एयरबेस हाईअलर्ट पर हैं। अंबाला छावनी में सुरक्षा बल सतर्क किए गए हैं और छावनी में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कुछ पाबंदियां लगा दी गई हैं। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी हालात को देखते हुए आपात बैठक बुलाई। सेना का कहना है कि सीमा पर चौकसी है और देश की सीमाएं किसी भी मुकाबले के लिए तैयार हैं। सेना ने आतंकवादियों को जवाब देकर बता दिया है कि वह किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने को पूरी तरह तैयार है।

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