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'मैं कुछ नहीं करूंगा' पर मुख्यमंत्री हुए गंभीर

मुख्यमंत्री ने की आश्रम पद्धति संविदा शिक्षकों से भेंट

संविदा शिक्षकों को मुख्यमंत्री का मिला आश्वासन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 17 February 2016 05:45:29 AM

manjulata singh

लखनऊ। उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दलितों, निर्बल वर्गों, निराश्रित और दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के साधनहीन बच्चों के लिए संचालित प्रदेश के आश्रम पद्धति विद्यालयों के संविदा शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास कालीदास मार्ग पर भेंट की और उनसे संविदा शिक्षकों एवं सहकर्मियों का प्राथमिकता देकर विनियमितीकरण किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने संविदा शिक्षकों की मांग एवं उनसे जुड़ी समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में यथाशीघ्र कार्रवाई करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे। आज सवेरे बड़ी संख्या में प्रदेश के संविदा शिक्षक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिन्हें मुख्यमंत्री ने मिलने के लिए तुरंत बुला लिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आश्रम पद्धति स्कूल शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष मंजूलता सिंह ने किया।
आश्रम पद्धति संविदा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सम्मुख अपनी विनियमितीकरण की समस्या को बिंदुवार रखा जिसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी हो गई है और वे समुचित कार्रवाई कर रहे हैं। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने उनके विभाग के प्रमुख अधिकारी होने के बावजूद उनके मामले पर हल्का और नकारात्मक रूख प्रकट किया। प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण की उनसे भेंट के अवसर पर व्यक्त की गई इस प्रतिक्रिया का उल्लेख किया कि 'मैं कुछ नहीं करूंगा, चाहे मंत्री कहें या मुख्यमंत्री।' यह सुनकर मुख्यमंत्री काफी गंभीर हुए एवं उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि उनके मामले का अवश्य समाधान किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि वे आश्रम पद्धति विद्यालयों को नवोदय विद्यालयों के रूप में अवश्य परिवर्तित करें, यह स्वागत योग्य है, किंतु उनमें कक्षा-1 से 5 तक की प्राइमरी शिक्षा को बंद न किया जाए, क्योंकि उसमें दुर्गम क्षेत्रों के कमजोर वर्गों के असहाय एवं साधनहीन बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं और यदि यह व्यवस्था खत्म हुई तो ऐसे बच्चे प्राइमरी शिक्षा से वंचित हो जाएंगे, जिनके पास अपने साधनों से प्राइमरी शिक्षा प्राप्त करने का कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस पर पूर्ण सहमति जताई।
ज्ञातव्य है कि लंबे समय से आश्रम पद्धति के संविदा अध्यापक एवं उनके सहकर्मी अन्य संविदा अध्यापकों की तरह अपनी सेवाओं के विनियमितीकरण के लिए संघर्षरत हैं और वे कई-कई बार विभागीय मंत्री, प्रमुख सचिव समाज कल्याण, नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य एवं प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां से भी मिलकर अपनी मांगों एवं समस्याओं से अवगत करा चुके हैं और सभी उनकी मांग से सहमत भी बताए जाते हैं। नेता प्रतिपक्ष तो विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर संविदा शिक्षकों के विनियमितीकरण के लिए नेता सदन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पुरजोर अनुरोध कर चुके हैं। समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामगोविंद चौधरी भी आश्रम पद्धति के स्कूलों में प्राइमरी शिक्षा की पढ़ाई यथावत जारी रखने एवं संविदा शिक्षकों एवं सहकर्मियों के विनियमितीकरण के प्रति अपना संकल्प व्यक्त कर चुके हैं। शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का उनकी बातें ध्यानपूर्वक एवं सहानुभूतिपूर्वक सुनने और कार्रवाई करने के लिए आभार व्यक्त किया है। संविदा शिक्षक संघ ने समाज कल्याण मंत्री रामगोविंद चौधरी का भी आभार प्रदर्शन किया है कि उन्होंने उनकी समस्याओं को बहुत गंभीरता से लिया है और वे उन्हें मुख्यमंत्री के सहयोग से समुचित राहत प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।

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