कुल्लू घाटी में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा काफी पुरानी
कुल्लू घाटी में संतों के नाम से है कई स्थानों की पहचानस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 23 June 2014 08:05:53 PM
नई दिल्ली। विश्व विरासत समिति ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र (जीएचएनपीसीए) इंडिया को यूनेस्को के दिशा-निर्देशों के निर्धारित मानदंड (x) के आधार पर विश्व विरासत सूची में दर्ज किया है। मानदंड (x) का उद्देश्य जैव-विविधता संरक्षण है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (जीएचएनपी) हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है। कुल्लू घाटी में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा काफी पुरानी है। घाटी में कई स्थानों के नाम उन संतों के नाम पर हैं, जो इस महान हिमालय क्षेत्र में साधना के लिए आए थे। कुछ अभ्यारण्यों को आज भी उपवन के रूप में संरक्षित रखा गया है।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में जीएचएनपी (754.4 वर्ग किलोमीटर), सैंज (90 वर्ग किलोमीटर) तथा तीर्थान (61 वर्ग किलोमीटर) वन्यजीव अभ्यारण तथा 905.40 वर्ग किलोमीटर के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में ऊपरी ग्लैशियर तथा जैवानल, सैन्ज तथा तीर्थान नदियां तथा उत्तरी-पश्चिम की ओर बहने वाली पार्वती नदी का जल उद्गम शामिल है।