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पेरू-भारत में द्विपक्षीय व्‍यापार बढ़ा

सांस्‍कृतिक संबंधों को और ज्‍यादा मजबूत करेंगे

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Tuesday 29 October 2013 06:09:59 AM

hamid ansari

लीमा। भारत के उप-राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद हामिद अंसारी की राजकीय यात्रा पर जारी पेरू-भारत संयुक्‍त वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि पेरू और भारत के बीच राजनयिक संबध स्‍थापना की 50वीं वर्षगांठ पर पेरू गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति ओलांटा हुमाला तासो के साथ विशेष बैठक की गई। दोनों पक्षों ने इस पर संतोष व्‍यक्‍त किया कि द्विपक्षीय व्‍यापार में महत्‍वपूर्ण बढ़त हुई है और वह 2012 में 1.1 अरब अमरीकी डॉलर से अधिक का था। इस पर भी सहमति हुई कि व्‍यापारिक बैठकों और दोनों देशों के बीच व्‍यापार मिशनों को बढ़ावा दिया जाए। दोनों ने यह इच्‍छा जाहिर की कि द्विपक्षीय व्‍यापार बढ़ाने के नए अवसरों की तलाश के अलावा आर्थिक क्षेत्र में सूक्ष्‍म,लघु और मध्‍यम आकार के उपक्रमों के लाभ के लिए निवेश के क्षेत्र में सहयोग के महत्‍व पर जोर दिया जाए।
हामिद अंसारी ने भारतीय गणराज्य के राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से उनका अभिवादन किया और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। निमंत्रण स्‍वीकार कर लिया गया है और यह सहमति हुई कि राजनयिक माध्‍यम से यात्रा की तिथियां तय की जाएंगी। भारत के उप-राष्‍ट्रपति ने पेरू की प्रथम उप-राष्ट्रपति मारिसोल एस्‍पीनोजा और पेरू के विदेश मंत्रीएडारिवास फैंचिनी के साथ विस्‍तार से विचार-विमर्श किया। उन्‍होंने विदेश व्‍यापार और पर्यटन मंत्री मागली सिल्‍वा के साथ भी बैठक की। इसके अलावा वे पेरू की नेशनल कांग्रेस में गये, जहां उन्‍होंने कांग्रेस के अध्‍यक्ष फ्रेडी ओटारोला और पेरू-भारत संसदीय मैत्री लीग के सदस्‍यों से मुलाकात की। उप-राष्‍ट्रपति ने पेरू में भारत समारोह का उद्घाटन किया। उन्‍होंने पेरू में नए भारत वाणिज्‍य मंडल इनचैक का शुभारंभ किया। मैत्री और सद्भावपूर्ण वातावरण में दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हित के वैश्विक मामलों पर चर्चा हुई।
पेरू और भारत की सरकारों को दोनों देशों के बीच वर्तमान आपसी सद्भाव और सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी और व्‍यापार, निवेश, रक्षा शिक्षा, संस्‍कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में वर्तमान संबंधों को और मज़बूत करने पर बल दिया। दोनों पक्षों ने संबंधों को उच्‍च स्‍तर तक पहुंचाने के लिए उच्‍चस्‍तरीय संपर्को को जारी रखने के साथ द्विपक्षीय राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देने पर बल दिया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की अध्‍यक्षता में संयुक्‍त आयोग गठित करने पर सहमति हुई जिसका उद्देश्‍य सुरक्षा, न्‍यायिक, मानव संसाधन विकास, आर्थिक तकनीकी, वैज्ञानिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक सहयोग मजबूत करना है और इसके बारे में समझौते के ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गये। इस बात पर भी सहमति हुई कि वरिष्‍ठ अधिकारियों की बैठक 2014 के उत्‍तरार्ध में लीमा में होगी, जिसमें संयुक्‍त आयोग की विस्‍तृत रूपरेखा और पहली बैठक की तैयारी की जाएगी।
दोनों पक्षों ने यह भी रेखांकित किया कि पेरू और भारत के बीच मुक्‍त व्‍यापार समझौते का दोनों देशों की जनता की समृद्धि और खुशहाली पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। पेरू ने इस महत्‍वपूर्ण विषय पर व्‍यापक अध्‍ययन की भारतीय पहल का स्‍वागत किया जिसका दोनों देशों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। इस बात को ध्‍यान में रखते हुए दोनों इस बात पर सहमत हुए कि निकट भविष्‍य में बातचीत के लिए कार्य किया जाए। दूसरी तरफ यह भी सहमति बनी कि द्विपक्षीय निवेशों को बढ़ावा और संरक्षण देने वाले समझौते पर बातचीत का जल्‍द निष्‍कर्ष निकालने से दोनों पक्षों के व्‍यापार में अच्छी मदद मिलेगी। दोनों ने ठोस कार्य और परियोजनाओं की पहचान की इच्छा जतायी, जिससे दक्षिण-दक्षिण स्‍तर पर सहयोग के लिए अनुभवों का आदान-प्रदान किया जा सके। यह भी सहमति बनी कि सहयोग कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को सूचना प्रौद्योगिकी नवोन्‍मेष दोनों को परिभाषित किया जाए ताकि, पेरू में (ई-विवरण ई-स्‍वास्‍थ्‍य, आई टी सॉफ्टवेयर और सौर ऊर्जा) समानता के लिए विज्ञान और सामाजिक और डिजिटल समावेशन के विकास में अवसर बढ़ाए जा सकें।
पेरू सरकार ने भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग विकास के मुद्दों और सामाजिक समावेशन पर केंद्रित पेरू में समानता के लिए विज्ञान अधिकारिता और विकास (सीड) कार्यक्रम के क्रियान्‍वयन के लिए अनुभव और अच्‍छे कार्य व्यवहार के आदान-प्रदान में सहयोग की इच्‍छा और सद्भाव का स्‍वागत किया। लीमा में भारत सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी उत्‍कृष्‍टता केंद्र स्‍थापित किए जाने पर आभार दोहराते हुए पेरू सरकार ने इसके जल्‍द क्रियान्‍वयन की आशा व्‍यक्‍त की, जो इन प्रौद्योगिकियों के देश में प्रबंधन और क्रियान्‍व्‍यन के लिए तकनीकी व्‍यक्तियों को प्रशिक्षण में योगदान देगा। भारत सरकार ने पेरू सरकार को आश्वासन दिया कि सीईआईटी की स्‍थापना की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और यह शीघ्र ही कार्य करने का लगेगा। पेरू ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी) के तहत पेरू के नागरिकों नियमित तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए भारत की सराहना की। दोनों पक्षों ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग में आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर किए, जो छात्रवृत्तियों परियोजनाओं या दोनों देशों में मानव संसाधन विस्‍तार के संयुक्‍त समझौतों के वित्‍त पोषण के लिए समन्वय व्‍यवस्‍था की पहल को बढ़ावा देगा।
दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और पेरू महान सभ्‍यताओं के उद्गम स्‍थल हैं। इस सिलसिले में उन दोनों ने द्विपक्षीय सांस्‍कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के महत्‍व को रेखांकित किया। इसके लिए कला के विविध स्‍वरूपों जैसे चित्रकला, नृत्‍य, रंगमंच, साहित्‍य, शिल्‍पकला आदि में सहयोग तथा सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान के अलावा एक-दूसरे के देश में समय-समय पर सांस्‍कृतिक उत्‍सव आयोजित किये जाएंगे। इस उद्देश्‍य को लेकर दोनों देशों के सांस्‍कृतिक मंत्रियों ने संगीत विज्ञान, चल सांस्‍कृतिक परिसंपत्तियों के संरक्षण और एक दूसरे के देश की सांस्‍कृतिक धरोहरों के विस्‍तार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के एक आशय पत्र पर हस्‍ताक्षर किये। दोनों पक्षों ने एक रक्षा सहयोग समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किये। इससे भारत और पेरू के बीच उचित व्‍यवस्‍था की स्‍थापना से रक्षा और रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया जा सकेगा।
बहुपक्षीय स्‍तर पर दोनों देशों ने लोकतंत्र, शांति और सुरक्षा, ताकत के इस्‍तेमाल अथवा उसकी धमकी के परित्‍याग, विवादों के शांतिपूर्ण निपटारे और संयुक्‍त राष्‍ट्र के सिद्धांतों तथा अंतर्राष्‍ट्रीय कानून के सम्‍मान प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद किसी भी कारण से किसी भी रूप में न्‍यायोचित नहीं है। दोनों देश आपसी हित के मामलों जैसे संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन के सुधार और अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के लिए उम्‍मीदवारी को आपसी समर्थन देने के लिए उच्‍च स्‍तर का समन्‍वय और सहयोग बनाये रखने पर सहमत हुए। पेरू ने विस्‍तारित संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता के लिए भारत के दावे के लिए भी अपना समर्थन दोहराया। भारत के उप-राष्‍ट्रपति ने पेरू को उसके प्रभावशाली आर्थिक विकास और प्रशांत संगठन तथा अन्‍य क्षेत्रीय एकीकृत योजनाओं में उसकी अग्रणी भूमिका के लिए बधाई दी।
दोनों सरकारों ने पेरू-भारत के राजनयिक संबंधों की स्‍थापना की 50वीं वर्षगांठ के इस वर्ष पर और इसे मनाने के लिए आयोजित विभिन्‍न कार्यक्रमों पर संतोष व्‍यक्‍त किया। इस अवसर ने उन दोनों देशों के बीच मैत्री और सहयोग के संबंधों को मजबूत करने का एक और अवसर प्रदान किया है। उन्‍होंने अप्रैल 2013 में पेरू के एक संसदीय शिष्‍टमंडल की भारत यात्रा, जो दोनों देशों के बीच सर्वप्रथम थी, की विशेष रूप से सराहना की और वे इस प्रकार के अन्‍य आदान-प्रदानों को प्रोत्‍साहित करने पर भी सहमत हुए। इसके साथ-साथ दोनों सरकारों ने एक-दूसरे के लोगों के बीच शहरी स्‍तर पर संबंधों को मजबूत करने की आवश्‍यकता पर भी जोर दिया और एक-दूसरे के देशों का प्रतिनिधित्‍व करने वाले शहरों के बीच संबंधों को बढ़ाने की संभावना का पता लगाने पर भी सहमत हुए। पेरू सरकार ने भारत के उप-राष्‍ट्रपति की सरकारी यात्रा के अवसर पर लीमा में भारत का उत्‍सव आयोजित करने के लिए भारत सरकार का धन्‍यवाद किया।

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