स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 12 September 2025 05:37:05 PM
नई दिल्ली। भारत के पंद्रहवें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूपमें चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उनको भारत के उपराष्ट्रपति के रूपमें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर देश के तत्कालीन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित लोकसभा व राज्यसभा के सांसद एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थिरु सीपी राधाकृष्णन को जनता की सेवा केलिए समर्पित एक सफल उपराष्ट्रपति कार्यकाल केलिए शुभकामनाएं दीं। गौरतलब हैकि थिरु सीपी राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। शपथ ग्रहण करने केबाद सीपी राधाकृष्णन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सदैव अटल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित स्मारक पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय और किसान घाट पर जाकर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन की शैक्षिक एवं पेशेवर पृष्ठभूमि इस प्रकार है-4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक हैं। आरएसएस के स्वयंसेवक के रूपमें शुरुआत करके वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने से पहले उनका एक वस्त्र निर्यातक के रूपमें एक लंबा और सफल करियर रहा है। वर्ष 1996 में सीपी राधाकृष्णन को तमिलनाडु भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया, वर्ष 1998 में कोयंबटूर से पहलीबार लोकसभा केलिए चुने गए और 1999 में वे पुनः निर्वाचित हुए। एक सांसद के रूपमें अपने कार्यकाल के दौरान वे वस्त्र संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे। वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से संबंधित संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे। वर्ष 2004 में सीपी राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूपमें संयुक्तराष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान का दौरा करनेवाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य रहे हैं।
सीपी राधाकृष्णन वर्ष 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस पदपर कार्य करते हुए उन्होंने 19000 किलोमीटर की रथ यात्रा की, जो 93 दिन तक चली। यह यात्रा भारत की सभी नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता को लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और नशीले पदार्थों के खतरे से निपटने जैसी उनकी मांगों को रेखांकित करने हेतु आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों केलिए दो अतिरिक्त पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया। वर्ष 2016 में सीपी राधाकृष्णन को कोच्चि कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वे चार वर्ष तक इसपद पर रहे। उनके नेतृत्व में भारत से होने वाला कॉयर का निर्यात 2532 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2020 से 2022 के दौरान वे केरल में भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। उनको 18 फरवरी 2023 को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अपने कार्यकाल के पहले चार महीने में उन्होंने राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया और नागरिकों एवं जिले के अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल का कार्यभार संभालने केबाद से सीपी राधाकृष्णन ने राज्यभर का व्यापक दौरा किया है और जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, व्यापार जगत के प्रमुखों और समाज के विभिन्न वर्गों केसाथ बातचीत की है। सीपी राधाकृष्णन ने उच्चशिक्षा की गुणवत्ता और सुलभता बढ़ाने में गहरी रुचि ली है। उन्होंने जनजातीय कल्याण के क्षेत्रमें कई कदम उठाए हैं, जिनका ध्यान उच्चशिक्षा में जनजातीय समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर केंद्रित है। उन्होंने राज्य के वित्तपोषित महाराष्ट्र के 29 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों केसाथ स्कूल कनेक्ट कार्यक्रम की प्रगति पर बारीकी से नज़र रखी, जिससे जनजातीय समुदाय की लड़कियों और लड़कों को उच्चशिक्षा प्राप्त करने केलिए प्रोत्साहित किया गया। सीपी राधाकृष्णन एक उत्साही खिलाड़ी और कॉलेज स्तरपर टेबल टेनिस में चैंपियन तथा लंबी दूरी के धावक भी हैं। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है। सीपी राधाकृष्णन ने संयुक्तराज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्रा की है।