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Wednesday 23 July 2025 03:11:54 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे केबाद उनके कारणों पर देशभर में कयास और चर्चा थमी नहीं है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति निर्वाचन-2025 से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा हैकि उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी संबंधी गतिविधियां पूरी होनेपर उपराष्ट्रपति पद के निर्वाचन कार्यक्रम की यथाशीघ्र घोषणा की जाएगी। गृह मंत्रालय ने 22 जुलाई 2025 की अपनी राजपत्र अधिसूचना एसओ3354 (ई) के माध्यम से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को अधिसूचित किया है। भारत निर्वाचन आयोग को अनुच्छेद-324 के अंतर्गत उपराष्ट्रपति पद का निर्वाचन कराने का अधिकार प्राप्त है।
गौरतलब हैकि उपराष्ट्रपति पद का निर्वाचन राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम-1952 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों अर्थात राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति निर्वाचन नियमावली-1974 द्वारा नियंत्रित होता है। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार प्रमुख पूर्व-घोषणा संबंधी क्रियाकलाप, जो पहले ही शुरू हो चुके हैं, उनमें शामिल हैं-निर्वाचक मंडल की तैयारी जिसमें राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं, रिटर्निंग ऑफिसर/ सहायक रिटर्निंग ऑफिसर को अंतिम रूप देना और सभी पूर्व उपराष्ट्रपतियों के निर्वाचनों पर पृष्ठभूमि सामग्री तैयार करना और उसका प्रसार करना।
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मियां इतनी तेज हैंकि कयास लगाने के अलावा राजनीतिक दलों और दिग्गज नेताओं या मीडिया के मठाधीशों के पास बोलने केलिए कुछ नहीं है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मीडिया वाले तुक्का मार रहे हैं। हालही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तक की जानकारी किसी को नहीं है, मीडिया चैनल और प्रिंट मीडिया वाले दसियों नामों की लिस्ट जेब में लिए घूम रहे हैं। इन वर्षों में देश के मीडिया की दुर्गति कभी नहीं देखी गई। इसका कारण हैकि मीडिया बगैर तथ्यों के सतही रिपोर्टिंग पर उतर आया है और जहां तक नामधारी पत्रकारों का सवाल है तो वे चैनलों पर बैठकर केवल लच्छेदार लॉबिंग करने तक सीमित रह गए हैं। सोशल मीडिया ने इनकी दुकानें लगभग बंद कर दी हैं। सरकारें भी समझ चुकी हैंकि इन समाचार चैनलों में कोई दम नहीं है, सिवाय अफवाह उड़ाने के।
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर वास्तव में सबको चौकाया है। लोकसभा के इस सत्र में जस्टिस जसवंत वर्मा के खिलाफ उनको हटाने और उनपर महाभियोग चलाने पर फैसला होना है, ऐसे में जगदीप धनखड़ का इस्तीफा क्यों हुआ पर आकर टिक गया है। यहभी उल्लेखनीय हैकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जस्टिस जसवंत वर्मा के घर से मिले जले नोटों के मामले में उनके विरुद्ध प्रमुखता से एफआईआर कराने पर जोर देते रहे हैं और उन्होंने इस घटनाक्रम को लेकर न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर कटाक्ष भी किए हैं। वे चाहते थेकि इस मामले में कठोर कार्रवाई हो, ताकि न्यायपालिका में फलते-फूलते भ्रष्टाचार पर चोट लगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जस्टिस जसवंत वर्मा पर लोकसभा में कोई कार्रवाई होती इससे पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा देकर सबको कयास लगाने पर छोड़ दिया है। लोग अब कयास लगाते रहें, मगर जबतक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुंह नहीं खोलेंगे, तबतक कयास ही लगेंगे।