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गति शक्ति और मोनाश विश्वविद्यालय साथ आए

भारत और ऑस्ट्रेलिया में रेलवे इंजीनियरिंग के संस्थानों में समझौता

उन्नत तकनीक केंद्रित अनुसंधान और रेल परियोजनाओं पर सहयोग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 18 September 2024 01:18:23 PM

india and australia signed railway engineering agreement

नई दिल्ली। भारत के गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) ने ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय केसाथ एक समझौता किया है, जिसका उद्देश्य मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआरटी) के माध्यम से रेलवे इंजीनियरिंग में संयुक्त अनुसंधान, शिक्षा और कार्यकारी प्रशिक्षण में सहयोग की सुविधा प्रदान करना है। इसमें उन्नत तकनीकी रेलवे इंजीनियरिंग पर केंद्रित एक संयुक्त अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना के साथ-साथ भविष्य की औद्योगिक परियोजनाओं पर सहयोग के अवसरों का पता लगाया जाएगा जो दोनों पक्षों को पारस्परिक लाभ प्रदान करेगा और ऑस्ट्रेलियाई एवं भारतीय रेलवे प्रणालियों को आगे बढ़ाएगा। संयुक्त शैक्षिक कार्यक्रम और कार्यकारी प्रशिक्षण एक अन्य महत्वपूर्ण सहयोग क्षेत्र होगा।
समझौता ज्ञापन पर मोनाश विश्वविद्यालय के उपकुलपति अंतर्राष्ट्रीय एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफेसर क्रेग जेफरी और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी ने हस्ताक्षर किए। वाणिज्यिक मंत्री और ऑस्ट्रेड दक्षिण एशिया की प्रमुख डॉ मोनिका कैनेडी ने नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग में कार्यक्रम की मेजबानी की। प्रोफेसर क्रेग जेफरी ने इस अवसर पर कहाकि मोनाश विश्वविद्यालय परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में भारत केपहले गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) केसाथ साझेदारी करने से मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआरटी) जोखिम और लागत को कम करने केसाथ-साथ बढ़ती उत्पादकता और सुरक्षा आवश्यकताओं का समर्थन करने केलिए लगातार नई प्रौद्योगिकियों का विकास कर रहा है। उन्होंने बतायाकि संस्थान केपास रेलवे से संबंधित तकनीकी मुद्दों का समाधान करने का एक स्थापित ट्रैक रिकॉर्ड है और इसके समाधानों को दुनियाभर में रेलवे प्रणालियों ने अपनाया है, मोनाश रेलवे प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआरटी) और गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) केबीच यह नई साझेदारी भारत केसाथ मोनाश के जुड़ाव का एक और विस्तार है।
प्रोफेसर मनोज चौधरी ने उल्लेख कियाकि गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) एक उद्योग संचालित और नवाचार आधारित विश्वविद्यालय है, जिसके पास परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रोंके माध्यम से राष्ट्रीय विकास को महत्वपूर्ण रूपसे प्रभावित करने का प्रासंगिक जनादेश है। उन्होंने कहाकि रेलवे देश के परिवहन क्षेत्रकी जीवनरेखा है और तेजीसे तकनीकी प्रगति केसाथ रेलवे क्षेत्र, विकसित भारत की दिशा में एक परिवर्तनकारी यात्रा तयकर रहा है। उन्होंने कहाकि हमारी मोनाश विश्वविद्यालय केसाथ काफी समानताएं हैं, जो एक शोध गहन विश्वविद्यालय है और यह वैश्विक प्रभाव केलिए अग्रणी संस्थानों और उद्योग केसाथ काम करता है। गौरतलब हैकि संसद में पारित एक अधिनियम के अंतर्गत गति शक्ति विश्वविद्यालय वडोदरा की स्थापना 2022 में संपूर्ण परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों केलिए सर्वोत्तम जनशक्ति और प्रतिभा तैयार करने केलिए की गई थी। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है। गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति रेल, सूचना और प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव हैं।
गति शक्ति विश्वविद्यालय अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है, जिसका लक्ष्य रेलवे, विमानन, पत्तन, पोतपरिवहन, राजमार्गों, सड़कों और जलमार्गों आदि में राष्ट्रीय विकास योजनाओं (पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022) के जनादेश को पूरा करना है। व्यावहारिक प्रासंगिकता और अत्याधुनिक शिक्षा सुनिश्चित करने केलिए इस विश्वविद्यालय के कार्यक्रम उद्योग विशेषज्ञों के सहयोग से डिज़ाइन किए गए हैं। मोनाश विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया, रेल मंत्रालय, गति शक्ति विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेड, भारतीय समर्पित फ्रेट कोरीडोर निगम लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल), दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर कार्यक्रम में उपस्थित थे, जो रेलवे इंजीनियरिंग क्षमताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास को प्रदर्शित करता है।

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