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Thursday 18 April 2024 05:08:20 PM
भुवनेश्वर। भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज मिसाइल की उड़ान का सफल परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान उम्मीद के मुताबिक सभी उप प्रणालियों ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी उड़ान पथ की पूरी कवरेज सुनिश्चित करने केलिए आईटीआर के विभिन्न स्थानों पर तैनात रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर से की गई। स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज मिसाइल के उड़ान परीक्षण पर भारतीय वायुसेना के एसयू-30-एमके-I विमान से भी नज़र रखी गई।
स्वदेशी क्रूज मिसाइल ने पॉइंट नेविगेशन का उपयोग करके वांछित पथ का अनुसरण किया और बहुत कम ऊंचाई वाली समुद्री स्किमिंग उड़ान का प्रदर्शन किया। इस सफल उड़ान परीक्षण ने गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (जीटीआरई) बेंगलुरु की विकसित स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को स्थापित किया है। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने केलिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से लैस है। मिसाइल को अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के योगदान केसाथ बेंगलुरु में डीआरडीओ प्रयोगशाला वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान ने विकसित किया है। उड़ान परीक्षण को विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों केसाथ उत्पादन भागीदार के प्रतिनिधियों ने भी देखा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आईटीसीएम के सफल उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी है और कहा हैकि स्वदेशी प्रणोदन से संचालित स्वदेशी लंबी दूरी की यह स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज मिसाइल का सफल विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास केलिए एक प्रमुख मील का पत्थर है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने आईटीसीएम लॉंच के सफल आयोजन पर डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी।