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मॉड्यूलर ब्रिज से सेना की ब्रिजिंग क्षमता मजबूत

नहरों तथा खाइयों जैसी बाधाओं को आसानी से पार करने में सक्षम

रक्षा प्रौद्योगिकी और मैनुफैक्‍चरिंग में भारत की ताकत और बढ़ी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 February 2024 06:13:30 PM

army's bridging capability strengthened with modular bridge

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने 46-मीटर मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल करके आज अपनी ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ा लिया है। डीआरडीओ के डिजाइन एवं विकसित और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के निर्मित ब्रिजिंग सिस्टम को औपचारिक रूपसे मानेकशॉ सेंटर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे को सौंपा गया। इस अवसर पर भारतीय सेना, डीआरडीओ और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। अगले चार वर्ष में 2585 करोड़ रुपये मूल्य के कुल 41 सेट धीरे-धीरे शामिल किए जाएंगे, यह मैकेनिकल रूपसे लॉंच किया गया सिंगल-स्पैन पूर्ण डेक वाला 46-मीटर का असॉल्ट ब्रिज है, जो सेना को नहरों तथा खाइयों जैसी बाधाओं को आसानी से पार करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय सेना के इंजीनियरों की महत्वपूर्ण ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाएगा, क्योंकि ये पुल अत्यधिक गतिशील, मजबूत हैं और त्वरित तैनाती तथा पुनर्प्राप्ति केलिए डिजाइन किए गए हैं, जो मशीनीकृत संचालन की तेजगति प्रकृति केसाथ संरेखित हैं। मॉड्यूलर ब्रिज के प्रत्येक सेट में 8x8 हेवी मोबिलिटी वाहनों पर आधारित सात केरियर वाहन और 10x10 हेवी मोबिलिटी वाहनों पर आधारित दो लॉंचर वाहन शामिल हैं। पुल को त्वरित लॉन्चिंग और फिर से प्राप्‍त करने की क्षमताओं केसाथ नहरों और खाइयों जैसी विभिन्न प्रकार की बाधाओं पर तैनात किया जा सकता है। उपकरण अत्यधिक मोबाइल, बहुमुखी, मजबूत है और पहिएदार तथा ट्रैक किए गए मशीनीकृत वाहनों केसाथ तालमेल रखने में सक्षम है। मॉड्यूलर पुल मैन्युअल रूपसे लॉंच मीडियम गर्डर ब्रिज की जगह लेंगे।
भारतीय सेना में एमजीबी का उपयोग वर्तमान में किया जा रहा है। स्वदेशी रूपसे डिजाइन और निर्मित मॉड्यूलर पुलों के एमजीबी की तुलना में कई लाभ होंगे जैसे बढ़ी हुई अवधि, निर्माण केलिए कम समय और पुनर्प्राप्ति क्षमता केसाथ मैकेनिकल लॉन्चिंग। मॉड्यूलर ब्रिज का शामिल होना भारतीय सेना की ब्रिजिंग क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उन्नत सैन्य उपकरणों को डिजाइन करने और विकसित करने में भारत की कौशल को उजागर करता है और 'आत्मनिर्भर भारत' तथा रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता केलिए देश की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इन पुलों को शामिल करना न केवल भारतीय सेना की परिचालन प्रभाव को बढ़ाता है, बल्कि रक्षा प्रौद्योगिकी और मैनुफैक्‍चरिंग में भारत की बढ़ती प्रमुखता को भी दिखाता है।

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