स्वतंत्र आवाज़
word map

अंतरिक्ष उड़ान को रोबोट व्योममित्र तैयार!

अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने मीडिया को दी जानकारी

मानव युक्त मिशन गगनयान की 2025 में प्रक्षेपण की तैयारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 5 February 2024 11:43:20 AM

robot vyommitra

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान से पहले अंतरिक्ष में महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र उड़ान केलिए तैयार है, जो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जानेवाली भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान होगी। नई दिल्ली में मीडिया को इसका विवरण देते हुए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मानवरहित व्योममित्र मिशन इस वर्ष की तीसरी तिमाही केलिए निर्धारित है, जबकि मानवयुक्त मिशन गगनयान अगले वर्ष अर्थात 2025 में प्रक्षेपित किया जाएगा।
अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि यह महिला रोबोट अस्ट्रोनॉट मॉड्यूल पैरामीटर्स की निगरानी करने, अलर्ट जारी करने और लाइफ सपोर्ट ऑपरेशन को पूरा करने की क्षमता से लैस है। उन्होंने बतायाकि यह छह पैनलों को संचालित करने और प्रश्नों का उत्तर देने जैसे कार्य कर सकता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि रोबोट व्योममित्र अंतरिक्ष यात्री को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे कि अंतरिक्ष के वातावरण में मानव कार्यों का अनुकरण किया जा सके और इसका लाइफ सपोर्ट सिस्टम केसाथ तारतम्य बैठाया जा सके। उन्होंने बतायाकि भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान गगनयान के प्रक्षेपण की तैयारी के रूपमें पहली परीक्षण वाहन उड़ान टीवी डी 1 पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को पूरी कर ली गई थी, जिसका उद्देश्य चालक दल की आपातकालीन बचाव प्रणाली और पैराशूट प्रणाली को योग्य बनाना था।
अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मानवरहित रोबोट व्योममित्र इस वर्ष अंतरिक्ष में उड़ान भरेगा, जबकि गगनयान अगले वर्ष प्रक्षेपित किया जाएगा। उन्होंने बतायाकि गगनयान परियोजना में अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजकर और फिर इन मानव अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूपसे पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष क्षमताओं के प्रदर्शन किया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि चंद्रयान 3, जोकिपिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था, अपनी सामान्य अपेक्षित प्रक्रिया का पालन कर रहा है और इसके द्वारा भेजी गई महत्वपूर्ण जानकारियां समय केसाथ आगे साझा की जाएंगी।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]