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यूनेस्को सूची में 'भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य'

मराठा शासकों की सामरिक असाधारण किलेबंदी व सैन्य प्रणालियां

वर्ष 2024-25 के लिए यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में नामांकित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 30 January 2024 04:01:03 PM

vijaydurg fort

नई दिल्ली। यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के रूपमें मान्यता हेतु वर्ष 2024-25 केलिए 17वीं और 19वीं शताब्दी केबीच विकसित हुए तत्कालीन मराठा शासकों की परिकल्पित असाधारण किलेबंदी और सैन्य प्रणालियों को 'भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य' शीर्षक से नामांकित किया गया है। इसके बारह घटक भाग हैं-महाराष्ट्र में सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु में जिंजी किला। वैविध्यपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों एवं क्षेत्रों में फैले हुए ये घटक मराठा शासन की रणनीतिक सैन्य शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं। किलों का यह असाधारण तंत्र, पदानुक्रम, पैमाने और प्रतीकात्मक वर्गीकरण की विशेषताओं में भिन्नता लिए हुए भारतीय प्रायद्वीप में सह्याद्री पर्वत श्रृंखलाओं, कोंकण तट, दक्कन के पठार और पूर्वी घाटों केलिए विशिष्ट परिदृश्य, क्षेत्र एवं भौगोलिक विशेषताओं को एकीकृत करने का परिणाम है।
महाराष्ट्र में मौजूद 390 से अधिक किलों में से केवल 12 किले भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य के अंतर्गत चुने गए हैं और इनमें से आठ किले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) द्वारा संरक्षित हैं। ये हैं-शिवनेरी किला, लोहगढ़, रायगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी किला, जबकि सालहेर किला, राजगढ़, खंडेरी किला, प्रतापगढ़ पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र सरकार द्वारा संरक्षित हैं। भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य में सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, रायगढ़, राजगढ़ और जिंजी किला पहाड़ी किले हैं, वहीं प्रतापगढ़ पहाड़ी वन्य किला है एवं पन्हाला पहाड़ी पठार किला है तथा विजयदुर्ग तटीय किला है, जबकि खंडेरी किला, सुवर्णदुर्ग और सिंधुदुर्ग द्वीपीय किले हैं। मराठा सैन्य विचारधारा की शुरुआत 17वीं शताब्दी में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी के शासनकाल के समय 1670 ईस्वी में हुई थी और यह बादके नियमों के अनुसार 1818 ईस्वी तक चले पेशवा शासन तक जारी रही।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक मानदंड इस नामांकन की दो श्रेणियां हैं। मराठा सैन्य परिदृश्य को सांस्कृतिक मानदंड की श्रेणी में नामांकित किया गया है। विश्व विरासत सूची में सम्मिलित करने केलिए सांस्कृतिक स्थलों हेतु छह मानदंड (i से vi) और प्राकृतिक स्थलों केलिए चार मानदंड (vii से x) हैं। भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य को मानदंड (iii) के अंतर्गत नामांकित किया गया है, जो ऐसी किसी सांस्कृतिक परंपरा या सभ्यता केलिए एक अद्वितीय अथवा कम से कम असाधारण साक्ष्य देने हेतु जीवित है अथवा विलुप्त हो चुकी है। मानदंड (iv) एक उत्कृष्ट उदाहरण होना एक प्रकार के भवन वास्तुशिल्प अथवा तकनीकी पहनावा या परिदृश्य जो मानव इतिहास और मानदंड एक उत्कृष्ट उदाहरण होते हुए (vi) घटनाओं या जीवित परंपराओं, विचारों या विश्वासों, कलात्मक और साहित्यिक केसाथ सीधे या मूर्तरूप से जुड़ा होना उत्कृष्ट सार्वभौमिक महत्व के कार्यों में महत्वपूर्ण चरणों को दर्शाता है।
वर्तमान में भारत में 42 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें से 34 सांस्कृतिक स्थल हैं, सात प्राकृतिक स्थल हैं, जबकि एक मिश्रित स्थल है। महाराष्ट्र में छह विश्व धरोहर स्थल हैं, पांच सांस्कृतिक और एक प्राकृतिक। ये हैं-अजंता गुफाएं (1983), एलोरा गुफाएं (1983), एलीफेंटा गुफाएं (1987), छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस) (2004), विक्टोरियन स्थापत्य शैली (गोथिक) तथा मुंबई के आर्ट डेको एन्सेम्बल्स (2018) और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के पश्चिमी घाट प्राकृतिक श्रेणी (2012) में क्रमिक संपदाएं हैं। वर्ष 2021 में विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में सम्मिलित भारत का मराठा सैन्य परिदृश्य महाराष्ट्र से विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित करने केलिए नामांकित की गई छठी सांस्कृतिक सम्पदा है।

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