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राष्ट्रपति ने बापू को किया सादर नमन!

गांधी वाटिका में विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमाओं का अनावरण

राष्ट्रपति ने गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के प्रयासों को सराहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 4 September 2023 04:00:05 PM

president came to see gandhi

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ध्यान मुद्रा में बैठी प्रतिमा के अनावरण और अलग-अलग मुद्राओं में उनकी मूर्तियों से युक्त गांधी वाटिका का नई दिल्ली में उद्घाटन किया है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि मैं शांतिदूत और पूरी मानवता के हित में आजीवन समर्पित रहने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सादर नमन करती हूं। उन्होंने गांधीजी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को मूर्तरूप देने के इस प्रयास केलिए गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष विजय गोयल और उनकी टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि यह बहुत ही प्रसन्नता की बात हैकि यह समिति बापू के विचारों को सामान्य जन तक पहुंचाने केलिए अनेक कदम उठा रही है, महात्मा गांधी की प्रतिमा और गांधी वाटिका की स्थापना इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि गांधी वाटिका में गांधीजी की विभिन्न मुद्राओं में स्थापित प्रतिमाएं और अंकित कथन, यहां आनेवाले पर्यटकों विशेषकर बच्चों और युवाओं को प्रेरित करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि महात्मा गांधी संपूर्ण विश्व समुदाय केलिए वरदान स्वरूप हैं, उनके आदर्शों और जीवन मूल्यों ने पूरी दुनिया को एक नई दिशा दी है। उन्होंने अहिंसा का मार्ग उस समय दिखाया, जब विश्वयुद्धों के कालखंड के दौरान दुनिया घृणा और द्वेष से ग्रसित थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सत्य और अहिंसा केसाथ गांधीजी के प्रयोग ने उन्हें एक महामानव का दर्जा दिया। उन्होंने कहाकि यह खुशी की बात हैकि गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के अध्यक्ष और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीजी के आदर्शों को आत्मसात करते हुए भारत को विकासपथ पर आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहाकि वर्ष 2014 में गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की गई थी, यह बापू के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम था एवं गांधीजी के आत्मनिर्भरता के विचार से प्रेरणा लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनवरत प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि गांधीजी की प्रतिमाएं कई देशों में स्थापित हैं और दुनियाभर के लोग उनके आदर्शों में विश्वास करते हैं। उन्होंने नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और बराक ओबामा का उदाहरण देते हुए कहाकि कई महान नेताओं ने गांधीजी के दिखाए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग को विश्वकल्याण का मार्ग माना। उन्होंने कहाकि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर विश्व शांति के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि गांधीजी ने सार्वजनिक और व्यक्तिगत जीवन में पवित्रता पर बहुत बल दिया, उनका मानना थाकि नैतिक शक्ति के आधार पर ही अहिंसा के माध्यम से हिंसा का सामना किया जा सकता है। उन्होंने रेखांकित कियाकि आत्मविश्वास के बिना प्रतिकूल परिस्थितियों में दृढ़ता केसाथ कार्य नहीं किया जा सकता है, आज की तेजीसे बदलती और प्रतिस्पर्धी दुनिया में आत्मविश्वास और संयम की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि गांधीजी केलिए पूरा विश्व एक परिवार था, आज भारत जी20 का नेतृत्व करते हुए विश्वबंधुत्व, विश्व सहयोग और विश्व शांति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, विश्वास हैकि जी20 सम्मेलन में भाग लेने आए लोग गांधी दर्शन आएंगे और गांधीजी के बारेमें जानेंगे।
राष्ट्रपति ने कहाकि गांधीजी के आदर्श और मूल्य हमारे देश और समाज केलिए बहुत प्रासंगिक हैं। राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों विशेष रूपसे युवाओं और बच्चों से आग्रह कियाकि गांधीजी के बारेमें अधिक से अधिक पढ़ें और उनके आदर्शों को आत्मसात करें। उन्होंने कहाकि इस संबंध में गांधी स्मृति, दर्शन समिति तथा ऐसी अन्य संस्थाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहाकि वे पुस्तकों, फिल्मों, संगोष्ठियों, कार्टूनों और अन्य संचार माध्यमों के जरिए युवाओं और बच्चों को गांधीजी के जीवन की शिक्षाओं के बारेमें अधिक जागरुक करके गांधीजी के सपनों के भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहाकि सत्य और अहिंसा केसाथ गांधीजी ने स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता, स्वच्छता, ग्राम स्वराज और सर्वोदय जैसे अनेक विषयों पर अपने अमूल्य विचार दिए हैं, उनका सपना एक ऐसे भारत के निर्माण का था, जो आर्थिक रूपसे आत्मनिर्भर तो हो ही साथही नैतिक रूपसे सबल भी हो।

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