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Monday 29 May 2023 05:28:51 PM
गुवाहाटी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया, जो गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ेगी और इस यात्रा में 5 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। प्रधानमंत्री ने नए विद्युतीकृत खंड के 182 किलोमीटर मार्ग को समर्पित किया एवं असम के लुमडिंग में एक नवनिर्मित डेमू/ मेमू शेड का उद्घाटन भी किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी केलिए आज का दिन विशिष्ट है, क्योंकि तीन विकासकार्य एकसाथ संपन्न हुए हैं। प्रधानमंत्री ने बतायाकि आज पूर्वोत्तर को अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल गई है, यह तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है, जो पश्चिम बंगाल को जोड़ती है, दूसरा विकासकार्य-असम और मेघालय में लगभग 425 किलोमीटर रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है और तीसरा विकासकार्य असम के लुमडिंग में एक नए डेमू/ मेमू शेड का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल केसाथ संपूर्ण पूर्वोत्तर के नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत रेलगाड़ी से असम और पश्चिम बंगाल केबीच सदियों पुराने संबंध और सुदृढ़ होंगे, इससे यात्रा में सुविधा होगी और छात्र लाभांवित होंगे तथा पर्यटन और व्यवसाय से नौकरी के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहाकि वंदे भारत एक्सप्रेस से मां कामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य एकदूसरे से जुड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी बतायाकि इससे शिलांग, मेघालय में चेरापूंजी और अरुणाचल प्रदेश में तवांग तथा पासीघाट में यात्रा और पर्यटन में वृद्धि होगी। एनडीए सरकार के 9 वर्ष के सत्ताकाल पर प्रधानमंत्री ने टिप्पणी कीकि राष्ट्र ने इन वर्ष में नवभारत के निर्माण की दिशा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और अभूतपूर्व विकास का साक्षी बना है। उन्होंने कहाकि स्वाधीन भारत का नवनिर्मित भव्य संसद भवन भारत के हजारों साल पुरातन लोकतांत्रिक इतिहास को भविष्य के समृद्ध लोकतंत्र से जोड़ेगा। पिछली सरकारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि 2014 से पहले के घोटालों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, इसका सबसे अधिक प्रभाव निर्धनों और विकास के क्षेत्र में पिछड़ने वाले राज्यों ने अनुभव किया।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी सरकार ने गरीब कल्याण को प्राथमिकता दी है और घर, शौचालय, नल से जल कनेक्शन, बिजली, गैस पाइपलाइन, एम्स का विकास, सड़क, रेल, वायुमार्ग, जलमार्ग, बंदरगाह और मोबाइल कनेक्टिविटी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि सरकार ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए पूरी क्षमता से कार्य किया है। यह उल्लेख करते हुए कि बुनियादी ढांचा लोगों के जीवन को आसान बनाता है रोज़गार के अवसर पैदा करता है और विकास का आधार बनता है, प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि भारत में बुनियादी ढांचे के विकास की गति की चर्चा वैश्विक स्तरपर की जा रही है। उन्होंने कहाकि यह बुनियादी ढांचा निर्धनों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य वंचित वर्गों को सुदृढ़ और सशक्त बनाता है। उन्होंने कहाकि बुनियादी ढांचे के लाभ सभी केलिए हैं और इसमें कोई भेदभाव नहीं है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि विकास का यह रूप सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का शुद्ध स्वरूप है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्य सर्वाधिक लाभांवित हुए हैं। उन्होंने कहाकि पहले पूर्वोत्तर के लोग दशकों तक मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि 9 साल पहले तक पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में गांव के लोग बिजली, टेलीफोन और सुविधाजनक रेल, सड़क तथा हवाई संपर्क से वंचित थे। प्रधानमंत्री ने सेवा भावना केसाथ काम करने के उदाहरणस्वरूप पूर्वोत्तर में रेल संपर्क की सुविधा को प्रस्तुत किया है, यह कनेक्टिविटी सरकार की कार्यशीलता की गति, कार्य के मापदंड और इच्छा शक्ति का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि औपनिवेशिककाल में भी असम, त्रिपुरा और बंगाल रेलवे से जुड़े हुए थे, चाहे इसका कारण इस क्षेत्र के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों की लूट था। उन्होंने कहाकि स्वाधीनता के पश्चात भी पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल के विस्तार पर ध्यान नहीं दिया गया और आखिरकार 2014 के बाद वर्तमान सरकार ने इस पर ध्यान दिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की संवेदनशीलता और सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और इस परिवर्तन को व्यापक रूपसे अनुभव किया गया।
नरेंद्र मोदी ने बतायाकि 2014 से पहले पूर्वोत्तर का औसत रेल बजट लगभग 2500 करोड़ रुपये था, जो इस वर्ष चार गुना बढ़कर 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है और अब मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, मेघालय और सिक्किम की राजधानियों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जा रहा है, बहुत शीघ्र पूर्वोत्तर की सभी राजधानियों को ब्रॉड गेज नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहाकि इन परियोजनाओं पर एक लाख करोड़ रुपये का व्यय किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विकास कार्यों का मानदंड और गतिशीलता अभूतपूर्व है, पूर्वोत्तर में पहले की तुलना में तीन गुना तीव्रगति से नई रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं और रेल लाइनों का दोहरीकरण पहले की तुलना में नौ गुना तेजी से हो रहा है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि रेल लाइनों के दोहरीकरण का काम बीते 9 वर्ष में प्रारंभ हुआ है और सरकार इस दिशा में बहुत तीव्र गति से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने विकास की गति को श्रेय देते हुए कहाकि इस कारण पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाके रेलवे से जुड़ गए। उन्होंने बतायाकि नागालैंड को लगभग 100 वर्ष केबाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि वंदे भारत सेमी हाईस्पीड रेलगाड़ी और तेजस एक्सप्रेस उसी मार्ग पर चल रही हैं, जहां कभी धीमी गति से चलने वाली एक छोटी गेज लाइन थी। उन्होंने पर्यटकों केलिए आकर्षण का केंद्र बने भारतीय रेलवे के विस्टा डोम कोच का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि रेलवे गति केसाथ लोगों के दिलों, समाजों और अवसरों को एकसूत्र में जोड़ने का माध्यम बन गया है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर पहली ट्रांसजेंडर चाय की दुकान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि यह समाज से बेहतर व्यवहार की उम्मीद करने वाले लोगों को सम्मान का जीवन प्रदान करने एक प्रयास है। उन्होंने जिक्र कियाकि 'वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट' योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर में रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल लगाए गए हैं, जो वोकल फॉर लोकल पर बल देते हैं, इससे स्थानीय कारीगरों, कलाकारों और शिल्पकारों को एक नया बाजार प्रदान किया जाता है। उन्होंने पूर्वोत्तर के सैकड़ों स्टेशनों पर दी जाने वाली वाई-फाई सुविधाओं का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि संवेदनशीलता और गति के इस संयोजन से ही पूर्वोत्तर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा।