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'नौ साल में देश को सुशासन का भरोसा मिला है'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 16वें सिविल सेवा दिवस समारोह में संबोधन

सिविल सेवकों को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार दिए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 April 2023 11:37:44 AM

pm narendra modi awards given to civil servants for excellence in public administration

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र निर्माण में सिविल सेवकों के योगदान की लगातार सराहना करते रहते हैं एवं उन्हें और अधिक मेहनत करने केलिए प्रोत्साहित भी किया करते हैं। प्रधानमंत्री ने 16वें सिविल सेवा दिवस समारोह पर लोक प्रशासन में उत्कृष्टता केलिए प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान किए, जिन्हें आम नागरिकों के कल्याण केलिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के जिलों और संगठनों के असाधारण और अभिनव कार्यों को मान्यता देने की दृष्टि से स्थापित किया गया है। उन्होंने सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए कहाकि नौ साल में देश को सुशासन का भरोसा मिला है एवं इस वर्ष सिविल सेवा दिवस का अवसर औरभी विशेष हो जाता है, क्योंकि देश ने अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और एक विकसित भारत के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को प्राप्त करने केलिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने उन सिविल सेवकों के योगदान पर प्रकाश डाला, जो 15-25 साल पहले सेवा में शामिल हुए थे और उन युवा अधिकारियों की भूमिका पर जोर दिया, जो अमृतकाल के अगले 25 वर्ष में राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये युवा अधिकारी इस अमृतकाल में देश की सेवा करने को लेकर अत्यंत भाग्यशाली हैं। उन्होंने कहाकि हमारे पास समय कम है, लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले चढ़नी है, लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी के अमृतकाल में देश के स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का दायित्व हम सभीपर है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बीते 9 वर्ष में भारत जहां पहुंचा है, उसने हमें ऊंची छलांग केलिए तैयार कर दिया है। उन्होंने कहाकि देश में ब्यूरोक्रेसी वही है, अधिकारी-कर्मचारी वही हैं, लेकिन परिणाम बदल गए हैं। उन्होंने कहाकि भारत अगर विश्व पटल पर एक विशिष्ट भूमिका में आया है, अगर देश के ग़रीब से ग़रीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है, अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आप जैसे कर्मयोगियों की भूमिका के बिना संभव नहीं था। उन्होंने कहाकि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूपमें उभर रहा है, फिनटेक में प्रगति कर रहा है, क्योंकि भारत डिजिटल लेनदेन में नंबर एक है, सबसे सस्ते मोबाइल डेटा वाले देशों में से एक है और दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश है।
नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, रेलवे, राजमार्ग, बंदरगाह की क्षमता में वृद्धि और हवाई अड्डों की संख्या में क्रांतिकारी परिवर्तन के बारेमें भी बताया। उन्होंने पिछले साल 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन को याद करते हुए कहाकि देश के सामने पंच प्रणों अर्थात-विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, भारत की विरासत पर गर्व की भावना, देश की एकता-एकजुटता को निरंतर सशक्त करने और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पंच प्रणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वह ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। सिविल सेवा दिवस की इस वर्ष की थीम पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि विकसित भारत की अवधारणा आधुनिक बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है, विकसित भारत केलिए आवश्यक है-भारत का सरकारी सिस्टम, हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करें, विकसित भारत केलिए आवश्यक है-भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों के सपनों को सच करने में उनकी मदद करें, विकसित भारत केलिए आवश्यक है-भारत में सिस्टम केसाथ जो नेगेटिविटी बीते दशक में जुड़ी थी, वो पॉजिटिविटी में बदले और हमारा सिस्टम देशवासियों के सहायक के रूपमें अपनी भूमिका को आगे बढ़ाए।
भारत की आजादी के बादके दशक के अनुभव पर प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं के कार्यांवयन में अंतिम मील वितरण के महत्व के बारेमें चर्चा की। उन्होंने पिछली सरकारों की नीतियों के परिणामों का उदाहरण देते हुए उल्लेख कियाकि 4 करोड़ से अधिक नकली गैस कनेक्शन, 4 करोड़ से अधिक नकली राशन कार्ड थे और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 1 करोड़ फर्जी महिलाओं तथा बच्चों को सहायता प्रदान की थी, लगभग 30 लाख युवाओं को फर्जी छात्रवृत्ति दी थी और लाखों फर्जी खाते मनरेगा केतहत उन श्रमिकों के लाभ को हड़पने केलिए बनाए गए थे, जो कभी अस्तित्व में नहीं थे। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन फर्जी लाभार्थियों के बहाने देश में एक भ्रष्ट इकोसिस्टम उभरा है। उन्होंने व्यवस्था में आए सकारात्मक बदलाव का श्रेय सिविल सेवकों को दिया, जहां लगभग 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जानेसे बच गए, जो अब ग़रीबों के कल्याण केलिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजकी चुनौती दक्षता को लेकर नहीं है, बल्कि यह पता लगाने की हैकि कमियों को कैसे खोजा और दूर किया जाए। उन्होंने उस समय को याद किया, जब कमी की आड़ में छोटे पहलू कोभी नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता था।
प्रधानमंत्री ने कहाकि आज उसी कमी को कार्यकुशलता में बदलकर व्यवस्था की बाधाओं को दूर किया जा रहा है, पहले ये सोच थीकि सरकार सब कुछ करेगी, लेकिन अब सोच हैकि सरकार सबके लिए करेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार सबके लिए काम करने की भावना केसाथ टाइम और रिसोर्सेज का एफिशिएंटली उपयोग कर रही है, सरकार का ध्येय है-नेशन फर्स्ट सिटीजन फर्स्ट, आज की सरकार की प्राथमिकता है-वंचितों को वरीयता, सरकार एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट, एस्पिरेशनल ब्लॉक जा रही है, देश के सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव ना मानकर, उन्हें फर्स्ट विलेज मानते हुए काम कर रही है, वाइब्रेंट विलेज योजना चला रही है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि 100 फीसदी सैचुरेशन केलिए हमें औरभी ज्यादा मेहनत करने एवं इनोवेटिव सॉल्यूशंस की जरूरत होगी। उन्होंने कहाकि प्रशासन का बहुत बड़ा समय एनओसी, प्रमाणपत्र, क्लीयरेंस, इन्हीं सब कामों में चला जाता है और हमें इनके सॉल्यूशंस निकालने ही होंगे, तभी ईज ऑफ लिविंग बढ़ेगी, तभी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ेगा। पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने समझायाकि इसके तहत हर प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े डेटा लेयर्स एकही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं और इसका हमें अधिक से अधिक उपयोग करना है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमें सोशल सेक्टर में बेहतर प्लानिंग एवं एग्जीक्यूशन केलिए पीएम गतिशक्ति का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे हमें लोगों की जरूरतों का पता लगाने और उन्हें कार्यांवित करने में आनेवाली मुश्किलों को दूर करने में मदद मिलेगी और डिपार्टमेंट्स केबीच डिस्ट्रिक्ट एवं ब्लॉक केबीच संवाद और सरल होने केसाथ ही हमारे लिए आगे की स्ट्रेटजी बनाना भी ज्यादा आसान होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजके आकांक्षी नागरिक व्यवस्था में बदलाव देखने केलिए लंबे समय तक इंतजार करने को तैयार नहीं हैं और इसके लिए हमारे पूरे प्रयास की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि त्वरित निर्णय लेना और उन्हें तेजीसे लागू करना औरभी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि भारत से दुनिया की उम्मीदें भी बढ़ी हैं जैसाकि दुनिया कह रही हैकि भारत का समय आ गया है, ऐसी स्थिति में भारत की ब्यूरोक्रेसी को एकभी पल गंवाना नहीं है। उन्होंने सिविल सेवकों से कहाकि देश ने उनपर बहुत भरोसा किया है, उनको मौका दिया है, उस भरोसे को कायम रखते हुए काम करिए और आपकी सर्विस में आपकी निर्णय का आधार सिर्फ और सिर्फ देशहित होना चाहिए।
लोकतंत्र में विभिन्न विचारधाराओं वाले राजनीतिक दलों के महत्व और आवश्यकता पर प्रधानमंत्री ने यह आकलन करने केलिए नौकरशाही की आवश्यकता पर बल दियाकि सत्ता में राजनीतिक दल राष्ट्र के लाभ केलिए करदाताओं के पैसे का उपयोग कर रहे हैं या नहीं। उन्होंने नौकरशाही को भारत का फौलादी ढांचा होने केबारे में सरदार वल्लभभाई पटेल के शब्दों को याद करते हुए कहाकि यह समय उम्मीदों पर खरा उतरने और युवाओं के सपनों को कुचलने से रोकने केसाथ करदाताओं के पैसे को नष्ट होने से बचाने का है। प्रधानमंत्री ने सरकारी सेवकों से कहाकि जीवन जीने के दो तरीके होते हैं पहला-गेटिंग थिंग्स डन, दूसरा-लेटिंग थिंग्स हैपन पहला एक्टिव एटीट्यूड और दूसरा पैसिव एटीट्यूड का प्रतिबिंब है, पहले तरीके से जीने वाले व्यक्ति की सोच होती हैकि हां बदलाव आ सकता है, दूसरे तरीके में विश्वास करने वाला व्यक्ति कहता है, ठीक है रहने दो सब ऐसे ही चलता है, पहले सेभी चलता आया है, आगे भी चलता रहेगा, वो तो अपने आप हो जाएगा, ठीक हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि गेटिंग थिंग्स डन में यकीन रखने वाले आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेते हैं और जब उन्हें टीम में काम करने का अवसर मिलता है तो वो हर काम का ड्राइविंग फोर्स बन जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कर्मयोगियों से कहाकि लोगों के जीवन में बदलाव लाने की ऐसी ज्वलंत इच्छा सेही वे एक ऐसी विरासत छोड़ जाएंगे, जिसे लोग याद करेंगे। उनको येभी याद रखना होगाकि एक अफसर के रूपमें उनकी सफलता इस बात से नहीं आंकी जाएगी कि उन्होंने अपने लिए क्या हासिल किया, बल्कि सफलता का आकलन इस बात से होगाकि उनके काम करियर से दूसरों का जीवन कितना बदला है। उन्होंने कहाकि सुशासन कुंजी है। उन्होंने आकांक्षी जिलों का उदाहरण दिया जो सुशासन और ऊर्जावान युवा अधिकारियों के प्रयासों के कारण कई विकास मानकों पर अन्य जिलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि लोगों की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने से लोगों में उत्तरदायित्व की भावना पैदा होती है और यह लोगों का उत्तरदायित्व अभूतपूर्व परिणाम सुनिश्चित करता है। उन्होंने इसे स्वच्छ भारत, अमृत सरोवर और जल जीवन मिशन के उदाहरणों से समझाया। प्रधानमंत्री ने तैयार किए जा रहे जिला विजन@100 का जिक्र किया और कहाकि ऐसे विजन पंचायत स्तरतक तैयार किए जाने चाहिएं। उन्होंने सिविल सेवकों के साथ काम करने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
नरेंद्र मोदी ने क्षमता निर्माण पर जोर दिया और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों केबीच एक बहुत बड़ा अभियान बन गया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन इस अभियान को पूरी मजबूती से आगे बढ़ा रहा है, मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सिविल सेवकों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ट्रेनिंग और लर्निंग से जुड़ा क्वालिटी मटेरियल हर जगह हर समय उपलब्ध हो, इसके लिए iGOT प्लेटफार्म बनाया गया है। उन्होंने कहाकि ट्रेनिंग और लर्निंग कुछ महीनों की औपचारिकता बनकर नहीं रहनी चाहिए, अब सभी नए रिक्रूट्स को iGot पर कर्मयोगी प्रारम्भ के ओरियंटेशन मॉड्यूल केसाथ भी ट्रेन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वे लगातार सचिवों, सहायक सचिवों और प्रशिक्षु अधिकारियों से मिलते रहते हैं। उन्होंने नए विचारों केलिए विभाग के भीतर सभी की भागीदारी बढ़ाने केलिए विचार मंथन शिविरों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहाकि पहले वर्षों तक राज्यों में रहने केबाद ही प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में कार्य का अनुभव प्राप्त करनेवाले अधिकारियों के मुद्दे को सहायक सचिव कार्यक्रम के माध्यम से अंतर को पाटकर समाधान किया गया है, जहां युवा आईएएस अधिकारियों को अब अपने करियर की शुरुआत में केंद्र सरकार में काम करने का मौका मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि 25 साल की अमृतयात्रा को कर्तव्यकाल माना जाता है और आजादी की शताब्दी देश की स्वर्ण शताब्दी तब होगी, जब हम कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता देंगे, कर्तव्य हमारे लिए विकल्प नहीं संकल्प हैं। उन्होंने कहाकि यह तेजीसे बदलाव का समय है और सिविल सेवकों की भूमिका भी उनके अधिकारों से नहीं, बल्कि उनके कर्तव्यों और उनके प्रदर्शन से निर्धारित होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि सिविल सेवकों केपास स्वतंत्रता के 100 वर्ष केबाद राष्ट्र की उपलब्धियों का मूल्यांकन होने पर इतिहास में प्रमुखता का एक निशान बनाने का अवसर है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आप गर्व केसाथ कह सकते हैंकि मैंने देश केलिए नई व्यवस्थाएं बनाने और उसमें सुधार करने में भूमिका निभाई है। इस अवसर पर उन्होंने ई-बुक विकसित भारत-एंपावरिंग सिटीजंस एंड रिचिंग दी लास्ट माइल, खंड I और II का विमोचन किया। समारोह में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सचिव वी श्रीनिवास उपस्थित थे।

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