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Wednesday 30 November 2022 04:18:38 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम तैयार किया है, जिसके समुचित क्रियांवयन की समीक्षा करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बैठक की, जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहाकि देशमें कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना एवं किसानों को उपज के वाजिब दाम दिलाते हुए उनकी आय बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, इसलिए किसीभी कार्यक्रम या योजना के केंद्र में किसानों का हित सर्वोपरि होना चाहिए। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहाकि देशभर में बागवानी कलस्टर विकास कार्यक्रम के कार्यांवयन पर जोर दिया जाएगा, ताकि किसान इससे लाभांवित हों। उन्होंने कहाकि अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम, झारखंड, उत्तराखंड आदि राज्यों कोभी उनकी केंद्रित एवं मुख्य फसल केसाथ चिन्हित किएगए 55 कलस्टरों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहाकि पहचान किएगए समूहों के भीतर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से जुड़े संस्थानों केपास उपलब्ध भूमि का उपयोग इस कार्यक्रम के कार्यांवयन केलिए किया जाना चाहिए। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को फसल विविधीकरण तथा उपज बिक्री केलिए बाजार से लिंक करने और क्षमतावर्धन पर भी जोर दिया। कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहाकि कार्यक्रम केतहत छोटे एवं सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाने, खेतों में लागू की जानेवाली गतिविधियों का पता लगाने, निगरानी उद्देश्य केलिए बुनियादी ढांचे की जियो टैगिंग आदि की जरूरत है। बैठक में बताया गयाकि क्लस्टर विकास कार्यक्रम में बागवानी उत्पादों की कुशल और समय पर निकासी तथा परिवहन के लिए मल्टीमॉडल परिवहन के उपयोग केसाथ अंतिम मील संपर्कता का निर्माण करके समग्र बागवानी पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने की एक बड़ी क्षमता है।
बागवानी कलस्टर विकास कार्यक्रम अर्थव्यवस्था में सहायक होने केसाथ ही क्लस्टर विशिष्ट ब्रांड भी बनाएगा, ताकि उन्हें राष्ट्रीय एवं वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल किया जा सके, जिससे किसानों को अधिक पारिश्रमिक मिल सकेगा। सीडीपी से लगभग 10 लाख किसानों और मूल्य श्रृंखला के संबंधित हितधारकों को लाभ होगा। सीडीपी का लक्ष्य लक्षित फसलों के निर्यातों में लगभग 20 प्रतिशत का सुधार करना तथा क्लस्टर फसलों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने केलिए क्लस्टर विशिष्ट ब्रांड बनाना है। सीडीपी के माध्यम से बागवानी क्षेत्रमें काफी निवेश भी आ सकेगा। बैठक में क्लस्टरवार 12 ब्रोशर, जिनमें केंद्रीय कृषिमंत्री की शुभारंभ की गईं प्रासंगिक सरकारी योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के अवसरों का विवरण शामिल है और जिनमें केंद्रित फसल, संभावित मूल्य संवर्धन, निर्यात गंतव्यों के बारेमें संक्षिप्त जानकारी शामिल है का विमोचन भी किया गया। केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा, संयुक्त सचिव प्रिय रंजन, बागवानी आयुक्त प्रभात कुमार, कृषि मंत्रालय और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।