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वायुसेना का युद्ध व एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम संपन्न

कार्यक्रम में राष्ट्रीय शक्ति के प्रमुख विषयों से प्रतिभागियों का परिचय कराया

वायुसेना की रणनीतिक प्राथमिकताओं का पुनर्मूल्यांकन जरूरी-एयर चीफ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 June 2022 12:12:17 PM

air chief air chief marshal vr choudhary

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने पहले युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम के समापन पर वायुसेना सभागार नई दिल्ली में कैपस्टोन सेमिनार का आयोजन किया। यह सेमिनार कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर एंड सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के तत्वावधान में आयोजित किया गया था, जिसमें वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मुख्य भाषण दिया। वायुसेना प्रमुख ने बतायाकि डब्ल्यूएएसपी का उद्देश्य भारतीय वायुसेना अधिकारियों में रणनीतिक सोच और समझ पैदा करना है। उन्होंने रेखांकित कियाकि इस कार्यक्रम को एक राष्ट्र की व्यापक राष्ट्रीय शक्ति के प्रमुख विषयों से प्रतिभागियों को परिचित कराने केलिए डिजाइन किया गया था, जो उन्हें संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण को समझने एवं स्वतंत्र विचार प्रस्तुत करने में सक्षम बनाएगा।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भारतीय वायुसेना की रणनीतिक प्राथमिकताओं का फिरसे मूल्यांकन करने और कार्यों को फिरसे संगठित करने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेकि सेवा पीछे न छूट जाए। वायुसेना प्रमुख ने प्रतिभागियों को बधाई दी और उनसे अपने प्राप्त ज्ञान को व्यावहारिक रणनीतियों में रूपांतरित करने और यह याद रखने का अनुरोध कियाकि उनके विचार न केवल वायु शक्ति से संबंधित रणनीतियों को आगे बढ़ाएंगे, बल्कि सुसंगत सैन्य और राष्ट्रीय रणनीति बनाने में भी योगदान देंगे। उन्होंने इस तथ्य कोभी रेखांकित कियाकि एक अच्छी तरह से तैयार की गई रणनीति सफलता की गारंटी नहीं दे सकती, किंतु एक सुसंगत और टिकाऊ रणनीति की अनुपस्थिति निश्चित रूपसे विफलता का कारण बनेगी।
कैपस्टोन सेमिनार के प्रतिभागियों ने हालिया संघर्षों में वायु शक्ति के अनुप्रयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा में वायु शक्ति की प्रमुख भूमिका को स्थापित करनेवाले बदलते सैद्धांतिक नियमों से संबंधित समकालीन विषयों पर पेपर प्रस्तुत किए। सेमिनार में भारतीय वायुसेना के सिद्धांत (डॉक्ट्रिन) के संशोधित संस्करण का विमोचन भी किया गया। सेमिनार में तीनों सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी, वायु शक्ति के विद्वान और देश के प्रमुख थिंक टैंक एवं प्रमुख कॉलेजों के शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया।

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