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गुवाहाटी में विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन

पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों के कृषि उत्पाद प्रदर्शित किए गए

एक जिला एक उत्पाद पहल केसाथ स्थाई व्यापार को बढ़ावा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 22 June 2022 03:36:28 PM

huge buyer-seller meet in guwahati

गुवाहाटी। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सहयोग से एक जिला एक उत्पाद पहल केसाथ स्थाई व्यापार को बढ़ावा देने और बाजार सम्पर्क बनाने के विज़न के तहत गुवाहाटी में विशाल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में पूर्वोत्तर हस्तशिल्प और हस्तकरघा विकास निगम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड का भी सहयोग शामिल था। इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों के कृषि उत्पादों पर फोकस किया गया और अनेक राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों की उपस्थिति देखी गई। गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों-असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के विभिन्न जिलों के 70 से अधिक विक्रेताओं, व्यापारियों, किसानों और समूहकर्ताओं ने अपने उत्पाद दिखाए।
क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए उत्पादों में मेघालय की विश्व प्रसिद्ध 7 प्रतिशत से अधिक करक्यूमिन युक्त लकाडोंग हल्दी, सिक्किम का जीआई टैग वाली बड़ी इलायची, त्रिपुरा की क्वीन अनन्नास, पारम्परिक असम चाय, मणिपुर का काला चाखो चावल शामिल हैं। इन उत्पादों को रिलांयस तथा आईटीसी और उभरते स्टार्ट अप जैसे 30 बड़े खरीददारों को दिखाया गया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों या उत्पादों की सहायता केलिए स्थापित एनईआरएएमएसी किसानों तथा बड़े बाजार केबीच खाई पाटने की दिशा में काम करता रहा है, इस तरह ओडीओपी पहल के सहयोग से क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। संयुक्त प्रयासों से पूर्वोत्तर क्षेत्र के श्रेष्ठ उत्पादों का मिलान बड़े ब्रांडों से किया जा रहा है, ताकि किसानों की आय की संभावना को बढ़ाया जा सके। क्रेताओं-विक्रेताओं तथा आठ पूर्वोत्तर राज्यों की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों केबीच फोकस रूपमें व्यापार चर्चा भी हुई।
क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के दौरान 6 करोड़ रुपये के आशय पत्रों पर हस्ताक्षर भी किए गए। क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आत्मनिर्भर भारत के विज़न का प्रत्यक्ष परिणाम है। डीपीआईआईटी अपनी एक जिला एक उत्पाद पहल के अंतर्गत ऐसे संपर्क को स्थायी रूपसे किसानों की बढ़ती आय पर फोकस केसाथ काम कर रहा है। कृषि, कपड़ा, हस्तशिल्प तथा मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों के 700 से अधिक उत्पादों केसाथ ओडीओपी पहल का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले के एक उत्पाद का चयन, ब्रांडिंग और संवर्धन है। यह व्यापार को प्रोत्साहित करने तथा सुविधा के बड़े उद्देश्य केलिए समन्वय सहयोग नेटवर्क बनाने और खरीददारों-विक्रेताओं के सहयोग को सक्षम करने की भूमिका से चिन्हित है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव लोक रंजन ने इस अवसर पर आधिकारियों और विभिन्न राज्य सरकारों के कृषि एवं बागवानी विभागों के विषय विशेषज्ञों को संबोधित किया। सम्मेलन में डीपीआईआईटी के निदेशक बी रमनजनेयुलु, एनईआरएएमएसी के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार दास तथा एनईएचएचडीसी के प्रबंध निदेशक बिग्रेडियर आरके सिंह भी उपस्थित थे।

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